Hardoi: श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाएं सुनने से मन के कल्मश दूर हो जाते हैं- कथाव्यास कविचंद्र दास

श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाएं सुनने से मन के कल्मश दूर हो जाते हैं, सांसारिक बातों से घृणा हो जाती है और भक्तों से मैत्री हो जाती है।

Sep 30, 2024 - 23:33
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Hardoi: श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाएं सुनने से मन के कल्मश दूर हो जाते हैं- कथाव्यास कविचंद्र दास

Hardoi News INA.

नुमाइश मैदान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस श्रोता भक्तों ने सुबह 6 बजे प्रभात फेरी निकाली। वृंदावन से पधारे कथाव्यास कविचंद्र दास जी ने कहा कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर कीर्तन की फेरी निकालने से देश, समाज, पारिवारिक और व्यक्तिगत स्तर पर सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है। भगवान का जन्म और कर्म दिव्य है। जो उसे तत्व से जान जाता है, उसका फिर पुनर्जन्म नहीं होता। वो कभी भवकूप में नहीं गिरता। श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाएं सुनने से मन के कल्मश दूर हो जाते हैं, सांसारिक बातों से घृणा हो जाती है और भक्तों से मैत्री हो जाती है।

श्रीकृष्ण ने जो भी असुर मारे,उनका आध्यात्मिक परिचय यह है कि वो कृष्ण भक्ति में आने वाले विघ्न हैं। जैसे पूतना अविद्या है,वत्सासुर चंचलता है और बकासुर पाखंड है। गोपियों ने भगवान से सर्वाधिक प्रेम किया। गोपियां कृष्ण के लिए सबकुछ भूल गई थीं,परंतु अबतक स्वयं को नहीं भूली थीं। श्रीकृष्ण चाहते थे कि वे संस्कार शून्य होकर उनके पास आएं। इसीलिए उन्होंने चीर हरण लीला की। ये कथा श्री गोविंद राधे समिति के तत्त्वाधान में हो रही है।  इस कथा में अमित गुप्ता,प्रभाकर अग्निहोत्री, अनुराग दीक्षित, राजेश गुप्ता, अरविंद अवस्थी, राजू तिवारी, भरत पाण्डेय, अलोक गुप्ता, पियूष भारद्वाज, अरविन्द मिश्रा, रामसेवक शर्मा, मंजू गुप्ता, अजय मिश्रा, नीतू द्विवेदी,  सत्यवती शुक्ला, , राम प्रकाश मिश्रा, विपिन कनौजिया, आदि उपस्थित थे।

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