बरेली न्यूज़: हिंदू संगठनों ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ खोला मोर्चा, हिंदू युवक-युवतियों के सामूहिक निकाह से जुड़ा है मामला..

Jul 18, 2024 - 12:06
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बरेली न्यूज़: हिंदू संगठनों ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ खोला मोर्चा, हिंदू युवक-युवतियों के सामूहिक निकाह से जुड़ा है मामला..
हिंदू संगठनों ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ खोला मोर्चा

बरेली। हिंदू युवक-युवतियों के सामूहिक निकाह को लेकर मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। जिससे स्थिति संवेदनशील बनी हुयी है। इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने बीते दिन ‘सामूहिक निकाह’ का एलान कर खलबली मचा दी थी।

मौलाना ने दावा किया कि 21 जुलाई को पांच जोड़ों का सामूहिक निकाह कराया जाएगा। इस पर हिंदू संगठनों में रोष पनप गया। दूसरे दिन एसएसपी ने माहौल बिगड़ने की संभावना को लेकर चेतावनी दी। इसके बाद आयोजकों ने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां की ओर से आयोजित सामूहिक निकाह कार्यक्रम ने नया विवाद खड़ा कर दिया। मंगलवार को हिंदू संगठनों ने मौलाना के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया।

शासन ने स्थानीय अधिकारियों से पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है। इसी कसमकस के बीच एसएसपी अनुराग आर्य ने बयान जारी किया कि जिले का माहौल खराब करने का प्रयास हुआ तो सख्ती से निपटेंगे। खुफिया टीमें भी जांच कर रही हैं। शाम को आयोजक बैकफुट पर आए और कार्यक्रम स्थगित कर दिया। इससे पहले घोषणा के बाद मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, शिरडी साईं मंदिर कमेटी, नाथ नगरी सुरक्षा समूह, पंजाबी महासभा, युवा सिंधी सभा आदि संगठनों ने प्रदर्शन किया।

कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकालने के बाद डीएम को ज्ञापन सौंपा गया। विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष संजय भदौरिया ने कहा कि मौलाना तौकीर सामूहिक निकाह कार्यक्रम कर श्रावण मास से पहले माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। डीएम ने आश्वासन दिया कि कोई विवादित कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि मौलाना तौकीर रजा के संगठन की ओर से कार्यक्रम की अनुमति मांगी गई थी। सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला ने प्रार्थना पत्र पर पुलिस की आख्या मांगी। सुबह को एसएसपी अनुराग आर्य का बयान आया कि अनुमति के प्रार्थना पत्र पर जांच की जा रही है। किसी को भी शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जाएगी। यदि किसी ने ऐसा प्रयास भी किया तो सख्ती से निपटेंगे। बिना अनुमति कोई कार्यक्रम नहीं होगा। 

पहले भी मौलाना तौकीर रजा रहे हैं विवादों के घेरे में...

दो मार्च 2010... कोहाड़ापीर से शुरू हुए दंगे में मौलाना तौकीर रजा खां का नाम शामिल था। प्रेमनगर थाने के पर्चा नंबर पांच में उल्लेख था कि इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर ने भड़काऊ भाषण दिया। इसके बाद उग्र भीड़ ने हिंदुओं की दुकानें जला दीं। तीन मार्च 2010... पर्चा नंबर छह में लिखा गया कि मौलाना तौकीर मुख्य षड्यंत्रकारी है। उसकी गिरफ्तारी भी हुई। इसके बाद अचानक उसे रिहा कर दिया गया। ऐसे कई प्रपत्र, 13 गवाहों के बयान, घायल हुए सात पुलिसकर्मियों की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को कोर्ट ने मौलाना तौकीर को दंगे का मास्टर माइंड माना।

11 मार्च को उसे कोर्ट में पेश होना है। पुलिस उसे समन तामील करने की तैयारी कर रही है। दंगे वाले दिन 178 नामजद एवं हजारों अज्ञात पर प्राथमिकी हुई थी। पुलिस रिकार्ड के अनुसार घटना के दौरान तौकीर रजा की उपस्थिति थी। इसी आधार पर तीन मार्च 2010 को उसे जेल भेजा गया था। इसके बाद अचानक कार्रवाई की दिशा बदल गई। चार मार्च 2010 को मौलाना तौकीर रजा को रिहा कर दिया गया। इस घटनाक्रम पर अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) रवि कुमार दिवाकर ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी की थी।

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शासन के निर्देश पर पुलिस अधिकारियों ने सीआरपीसी 169 का उपयोग किया। इसके अंतर्गत थाना प्रभारी ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया कि प्रथम दृष्टया आरोपित पाए गए मौलाना तौकीर के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले। इसलिए रिहा कर दिया जाए। मौलाना को इसका लाभ मिला और चार मार्च को जेल से बाहर आ गया। चार्जशीट में भी नाम शामिल नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान यह तथ्य स्पष्ट होने पर न्यायाधीश ने नाराजगी जताई। उन्होंने सीआरपीसी 319 के अंतर्गत स्वत: संज्ञान लेकर गवाहों के बयान एवं पत्रावली आदि को आधार मानकर मौलाना तौकीर को मास्टमाइंड माना था।

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