शेषावतार लक्ष्मण मन्दिर: जहाँ शेषनाग के अवतार के रूप में विराजमान है रामलला के भाई, मन्दिर में साक्षात होता है शेषनाग का दर्शन।

अयोध्या। सरयू तट पर बसी अयोध्या नगरी भगवान राम के नाम से पूरे विश्व में विख्यात है। वहीं अयोध्या में लगभग 6 हजार मठ और मंदिर हैं। सभी मठ मंदिरों की अपनी अलग मान्यता है। अयोध्या में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के एक साथ कई मंदिर आपको देखने को मिल जाएंगे। लेकिन अयोध्या में ही एक ऐसा मंदिर है, जहां राम के छोटे भाई लक्ष्मण शेषनाग के अवतार के रूप में विराजमान हैं। दूर दराज से आए श्रद्धालु भगवान राम के साथ शेषनाग अवतार का भी पूजन अर्चन करते हैं।शेषअवतार लक्ष्मण मंदिर में सुबह 6:00 बजे मंगला आरती होती है और शाम 7:30 बजे सायंकाल की आरती होती है। कहा जाता है कि अयोध्या के कण-कण में भगवान राम बसते हैं। वहीं इस शहर में झूठ बोलने वालों का भी ज्यादा दिन टिकना मुश्किल हो जाता है।
सरयू तट पर स्थित शेष अवतार मंदिर की स्थापना त्रेतायुग में हुई थी। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि जब भगवान विष्णु शयन करते थे और शेषनाग भगवान विष्णु की शैय्या थे। उस समय भगवान विष्णु से शेषनाग ने पूछा हमारे लिए क्या आदेश है। तब भगवान विष्णु ने कहा आप धरती पर हमारे छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में अवतार लेंगे और हमारे साथ रहेंगे। धरती पर अवतार लेने के बाद लक्ष्मण ने शुरू से अंत तक अपने भाई श्री राम का साथ दिया। लक्ष्मण ने श्री राम के साथ सानिध्य प्राप्त कर लिया था। अयोध्या में लक्ष्मण का एक अदभुत मंदिर है, जहां साक्षात शेषनाग का दर्शन होता है। ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन पूजन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसी स्थान पर लक्ष्मण ने अपने वास्तविक शेषनाग का रूप दिखाया था। इसी कारण यह मंदिर प्राचीन शेषावतार लक्ष्मण मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है।
इस मंदिर में झूठ बोलने वालों की खुल जाती है पोल
अयोध्या में शेषावतार ऐसा मंदिर है, जहां झूठ बोलने वालों का राज खुल जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी कारणवश आपने झूठ बोल दिया, तो दैवीय शक्तियां बुरी तरह परेशान कर देती हैं। अयोध्या में लक्ष्मण किला नाम का एक ऐसा मंदिर है, जहां पर झूठी कसम खाने पर बहुत देर तक झूठ टिक नहीं पाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में ऐसी दैवीय शक्तियां हैं, जो किसी न किसी रूप में झूठ बोलने वाले को परेशान करती रहती है।
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इससे न केवल झूठ बोलने वाले का राज खुल जाता है बल्कि वह फिर कोई भी उस इंसान पर चाहकर भी विश्वास नहीं कर पाता। आपको बता दें कि लक्ष्मण किला वही स्थान है, जहां श्रीराम के दिए वचन का पालन करते हुए लक्ष्मण जी अपने शरीर को त्याग दिया था।ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम के प्रिय अनुज लखनलाल के इस मंदिर में झूठी कसमें नहीं खाई जाती हैं। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उसको बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है। इसी मंदिर में लक्ष्मण जी ने अपना शरीर त्याग करते हुए शेषावतार लिया था।
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