बाराबंकी न्यूज़: जगह-जगह चौक पर रखे गये ताजिया, रात भर चली ज़ियारत।
- नौ मुहर्रम को जारी रहा मजलिसों का सिल सिला
बाराबंकी। फ़र्शेअज़ा कश्तिये नूह की मानिन्द है जो इसपर सिद्क़े दिल से आ जाता है नजात पा जाता है। यह बात बेगमगंज स्थित इमाम बारगाह वक़्फ़ नवाब अमजद अली खां में अशरे की आखरी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना अब्बास मेहदी "सदफ़" ने कही उन्होनें यहभी कहा कि दरे अहललबैत पर करम की बारिश होती है।
मजलिस से पहले सरवर अली ने नज़रानये अकीदत पेश करते हुए कहा मिलता है सबको दर्श उसूलो हयात का, ये मोजिज़े भी शह तेरी फ़र्शे अज़ा के हैं। आखिर में मौलाना ने मसाएब पेश किये। जिसे सुनकर सभी रोने लगे।
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तब मुतवल्ली हाजी सरवर अली ने सभी का शुक्रिया अदा किया। चौक पर ताजिये रख कर जगह जगह सबीलें लगाकर रात भर लोगों ने ताजियों की ज़्यारत के साथ मजलिसों का घर-घर सिलसिला जारी रखा।
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