मध्यप्रदेश न्यूज़: अनोखा मामला बारात लेकर पहुँचे घोड़े को लॉन में पहुँचते ही लगा करेंट,दूल्हे ने कूदकर बचाई जान।
- घोड़े को पकड़े तीन लोग भी करंट की चपेट में, संचालक बना डॉ ,बोला- घोड़े की करंट से नहीं , अटैक से हुई मौत
मध्यप्रदेश के बैतुल जिले मुलताई से अनोखा मामला सामने आया है जहां लॉन में होने वाले विवाह समारोह में उस समय हड़कंप मच गया, जब लॉन में करंट फैल गया और घोड़े की मौके पर ही मौत हो गई। दुल्हे ने घोड़े से कूदकर अपनी जान बचाई। अन्यथा एक बड़ा हादसा हो जाता।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुलताई के सांवरिया लॉन में गुरुवार रात एक शादी में जैसे ही दूल्हे ने घोड़े के साथ मैरिज गार्डन में एंट्री की वैसे ही वहां करंट फैल गया। जिससे की घोड़े की मौके पर मौत हो गई। वहीं दूल्हे ने घोड़े पर से कूद कर अपनी जान बचाई। घोड़े को पकड़े हुए तीन लोग करंट की चपेट में आ गए, जिन्हें इलाज के लिए मुलताई के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इधर लॉन संचालक खुद को डॉ समझ रहा है उसका कहना है कि घोड़े को अटैक आया था, करंट नहीं फैला है।
बताया जा रहा है कि नगर के सांवरिया लॉन में गुरुवार रात सारणी निवासी योगेंद्र बारस्कर और मुलताई निवासी डाली देशमुख का विवाह हो रहा था। जैसे ही योगेंद्र की बारात लॉन पहुंची, वैसे ही घोड़े को करंट लग गया। योगेंद्र ने घोड़े से कूद कर अपनी जान बचाई, लेकिन जिन तीन युवकों ने घोड़ा पकड़ा हुआ था, वह भी करंट की चपेट में आ गए। मौके पर घोड़ा मरने के बाद शादी में अफरा तफरी मच गई। इधर तीनों युवकों को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका उपचार किया जा रहा है। घोड़ा मलिक सुरेंद्र सोनी ने बताया कि उन्होंने ब्याज पर पैसे लेकर डेढ़ लाख रुपए का घोड़ा खरीदा था, लेकिन उनके घोड़े की मौत हो गई है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि लॉन में बिजली के तार खुले हुए थे, जिसकी चपेट में वह आया है। इधर लॉन संचालक शांतम अग्रवाल का कहना है कि लॉन के सभी तार व्यवस्थित थे, करंट फैलने से घोड़े की मौत नहीं हुई है। बल्कि घोड़े को साइलेंट अटैक आया है।
इस पूरे मामले को लेकर सरकारी अस्पताल के डॉ तौफीक रजा ने कहा कि तीन लोग करंट लगने की शिकायत लेकर अस्पताल में भर्ती करवाए गए थे। जिनका उपचार किया गया है। जो लक्षण उन लोगों की ओर से बताए जा रहे थे और उनकी हालत देखकर यह बताया जा सकता है कि उन लोगों को करंट लगा था। कुछ आवश्यक जांच उन्हें लिख कर दी गई थी और उनका उपचार किया गया है।
शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
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