Varanasi: दशाश्वमेध घाट पर हुआ आकाश दीप कार्यक्रम का प्रारम्भ, श्रद्धा सुमन अर्पित किये

आकाश दीप कार्यक्रम का समापन कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर संस्था की ओर से आयोजित आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को समर्पित भव्य देव-दीपावली महोत्सव में भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

Oct 18, 2024 - 23:09
 0  17
Varanasi: दशाश्वमेध घाट पर हुआ आकाश दीप कार्यक्रम का प्रारम्भ, श्रद्धा सुमन अर्पित किये

Varanasi News INA.
1999 के कारगिल युद्ध ने गंगा सेवा निधि को इस बात के लिए प्रेरित किया कि अतीत से लेकर आज तक के समस्त वीर योद्धाओं की स्मृति में आकाश-दीप जला कर अपनी भावान्जलि दी जाए और इस भाव ने काशी की सदियों पुरानी आकाश-दीप की परम्परा को राष्ट्रवाद से जोड़ दिया है। जो इस वर्ष रजत वर्ष के रूप में मना रहे है।मान्यता हैं कार्तिक मास के समान कोई मास नही, सतयुग के समान कोई युग नही, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान दूसरा कोई तीर्थ नहीं हैं। गंगा के घाट पर कार्तिक माह में जलता ये आकाश दीप इस बात का परिचायक है की हमारे शहीदों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा की रौशनी कितनी उज्वल है। देव-दीपावली महोत्सव पर भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित कर शहीदों को नमन किया जाता है।आकाश दीप कार्यक्रम का प्रारम्भ शुक्रवार से शाम से दशाश्वमेध घाट पर हुआ। आकाश दीप कार्यक्रम का समापन कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर संस्था की ओर से आयोजित आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को समर्पित भव्य देव-दीपावली महोत्सव में भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। साथ ही शहीद परिवार जनों को एक एक लाख रुपये सहायतार्थ भी निधि परिवार की ओेर से दिया जाएगा।कार्यक्रम का प्रारम्भ गणपति वंदना व देश भक्ति गीत से हुआ।

गंगा सेवा निधि के संस्थापक स्मृतिशेष पं सत्येन्द्र मिश्र को श्रद्धा सुमन अर्पित कर के किया गया। इस अवसर पर गंगा सेवा निधि के सुशान्त मिश्र, अध्यक्ष, सुरजीत सिंह, सचिव, आशीष तिवारी, कोषाध्यक्ष एवं पं. इन्दूशेखर शर्मा सदस्य ने अमर वीरों को नमन कर अतिथि वृंद का स्वागत किया। संस्था ने आज देश के अमरवीर योद्धाओं की स्मृति में 136 सीआरपीएफ शहीद विनोद कुमार यादव गुवाहटी, आसाम में उग्रवादियों ने इनकी बटालियन पर अचानक हमला किया था। उक्त हमले में उग्रवादियों का सामना करते हुये वीरगति को प्राप्त हुये। 61 सीआरपीएफ शहीद रमेश यादव पुलवामा, जम्मू काश्मीर में आतंकवादी के लडने के दौरान शहीद हुये। भारतीय थल सेना मे शहीद कर्नल एम एन राय एससी वाईएसएम, 27 जनवरी को त्राल (जम्मू-कश्मीर) में आतंकवादियों से मुठभेड के दौरान शहिद हुये। लेफ्टिनेन्ट कर्नल जे आर चिट्नीस एसी, मोकोचुंग से जुन्हेबेटो बीच में आतंकवादियों से मुठभेड के दौरान शहिद हुये। आरपीएफ में शहिद कृतार्थनाथ 25 जुलाई 2006 को डयूटी के दौरान रेल गाडी से रन ओवर हो जाने के कारण इनकी मृत्यु हो गई व शहिद सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव 13 मार्च 2012 को डयूटी के दौरान रेल गाडी से रन ओवर हो जाने के कारण इनकी मृत्यु हो गई। 11 बटालियन एनडीआरएफ के शहीद रवि शर्मा 16 जनवरी 2024 को विभागीय कार्य के दौरान दुर्धटना में शहीद हो गये एवं शहीद सोनू यादव 7 अप्रैल 2024 को आरआरसी भोपाल के प्रतिक्रिया दल एनडीआरएफ जहाँ वे शहीद हो गये एवं संस्था के संस्थापक स्मृतिशेष पं. सत्येन्द्र मिश्र के लिए भी आकाशदीप प्रज्ज्वलित किये गये।

साथ ही प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति एवं समाजसेवी रतन नवल टाटा को उनके महत्वपूर्ण समाज कार्यो के प्रति को देखते हुये संस्था ने इस वर्ष सम्पूर्ण कार्तिक मास आकाश दीप के माध्यम से नमन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में महापौर अशोक तिवारी, कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में एयर ऑफिसर कमॉडिंग, 4 वायु सेना प्रवरण बोर्ड वाराणसी से एयर कमाडोर कुणाल काला व अति विषिश्ट अतिथि के रूप में 39 जीटीसी वाराणसी से ब्रिगेडियर कर्नल केएम सिंह,11वीं वाहिनी, एनडीआरएफ वाराणसी से डीआईजी मनोज कुमार शर्मा, 95 बटालियन, सीआरपीएफ वाराणसी से कमाण्डेन्ट राजेश्वर बालापुरकर, आरपीएफ (एनईआर) वाराणसी से कमाण्डेन्ट एस. रामाकृष्णन, विशिष्ट अतिथि  के रूप में होटल ताज से प्रवीण नेगी व अतिथि के रूप में आचार्य वागीश दत्त मिश्र अध्यक्ष, देव दीपावली एवं आरती महासमिति, वाराणसी का स्वागत सस्था के संरक्षक पं. इन्दूशेखर शर्मा  औ4 आशीष तिवारी, ट्रस्टी एवं कोषाध्यक्ष ने किया। 1999 कारगिल युद्ध विजय के बाद गंगा सेवा निधि ने अमर शहीदों के पुण्य स्मृति में आकाश दीप संकल्प का विस्तारीकरण एवं राष्ट्रिय रूप दिया था। संस्था भारत के अमर वीर योद्धाओं की स्मृति में सम्पूर्ण कार्तिक मास आकाशदीप जलाती है। गंगा सेवा निधि की ओर से आयोजित आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को समर्पित भव्य देव-दीपावली महोत्सव के साथ ही आकाश दीप का समापन किया जाता है तथा भारत के अमरवीर योद्धाओं को भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित भी किया जाता है। काशी में सदियों-सदियों से गंगा घाटों पर अपने पूर्वजों की स्मृति में उनके स्वर्गलोक की यात्रा के मार्ग को आलोकित करने के लिए आकाश-दीप जलाने की परम्परा रही है। आकाश-दीप से जुड़े कथानकों में ऐसी मान्यता है कि महाभारत युद्ध में प्राण विसर्जित करने वाले वीरों की स्मृति में भीष्म ने कार्तिक मास में दीप मालिकाओं से उन्हें संन्तर्पण दिया था।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow