जम्मू के जगती मिनी टाउनशिप में दुकान आवंटन से नाराज व्यक्ति ने टेलीकॉम टावर पर चढ़कर किया विरोध प्रदर्शन, प्रशासन के आश्वासन पर सुरक्षित उतरा।
जम्मू शहर के बाहरी इलाके में स्थित जगती कश्मीरी पंडित माइग्रेंट मिनी टाउनशिप में दुकान आवंटन प्रक्रिया से बाहर रखे जाने से नाराज एक व्यक्ति
जम्मू शहर के बाहरी इलाके में स्थित जगती कश्मीरी पंडित माइग्रेंट मिनी टाउनशिप में दुकान आवंटन प्रक्रिया से बाहर रखे जाने से नाराज एक व्यक्ति ने 18 दिसंबर 2025 को टेलीकॉम टावर पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया। यह व्यक्ति कई वर्षों से अपनी कार में कॉस्मेटिक्स और सजावटी सामान बेचकर गुजारा कर रहा था। हालिया दुकान आवंटन प्रक्रिया में उसे शामिल नहीं किया गया, जिससे वह बेहद निराश हो गया। विरोध स्वरूप उसने जगती मिनी टाउनशिप वेरिफिकेशन सेंटर के पास स्थित ऊंचे टेलीकॉम टावर पर चढ़ गया। यह घटना उस समय हुई जब रिलीफ डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर अन्य लाभार्थियों के दुकान आवंटन दस्तावेजों की जांच कर रहे थे। व्यक्ति के टावर पर चढ़ने की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने व्यक्ति से बातचीत शुरू की और उसके शिकायत को गंभीरता से लेते हुए समाधान का आश्वासन दिया। रिलीफ डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर ने भी मौके पर पहुंचकर व्यक्ति को भरोसा दिलाया कि उसके मामले पर विचार किया जाएगा और आवंटन प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। कई घंटों तक चले इस ड्रामे के बाद व्यक्ति पुलिस और प्रशासन के आश्वासनों से संतुष्ट हुआ और सुरक्षित रूप से टावर से नीचे उतर आया। पुलिस ने उसे समझा-बुझाकर शांत किया और कोई अप्रिय घटना नहीं होने दी। जगती टाउनशिप कश्मीरी माइग्रेंट्स के लिए बनाई गई है, जहां समय-समय पर दुकानों और अन्य सुविधाओं का आवंटन होता रहता है। इस प्रक्रिया में शामिल न होने से व्यक्ति की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही थी, जिस कारण उसने इस तरह का कदम उठाया।
जगती मिनी टाउनशिप में दुकान आवंटन की प्रक्रिया रिलीफ और रिहैबिलिटेशन डिपार्टमेंट के अधीन चल रही है। हालिया आवंटन में कई लाभार्थियों को दुकानें दी गईं, लेकिन यह व्यक्ति सूची से बाहर रह गया। वह लंबे समय से टाउनशिप में कार से सामान बेच रहा था और स्थायी दुकान की उम्मीद कर रहा था। आवंटन से बाहर रहने से उसकी आजीविका पर संकट आ गया, जिससे वह भावुक हो गया और टावर पर चढ़ गया। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आसपास के लोग और अन्य माइग्रेंट्स भी घटनास्थल पर जमा हो गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित रखा और व्यक्ति को नीचे उतारने के लिए लगातार प्रयास किए। डिप्टी कमिश्नर ने व्यक्ति से सीधे बात की और उसके आवेदन पर पुनर्विचार का भरोसा दिया। आश्वासन मिलने के बाद व्यक्ति ने विरोध समाप्त कर दिया और सुरक्षित उतर आया। यह घटना जगती टाउनशिप में दुकान आवंटन प्रक्रिया की पारदर्शिता और माइग्रेंट्स की समस्याओं को उजागर करती है। व्यक्ति कई सालों से कार में सामान बेचकर परिवार चला रहा था और स्थायी दुकान मिलने की आस में था। आवंटन सूची से बाहर रहने से उसकी रोजी-रोटी का संकट गहरा गया। प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत हल निकालने का वादा किया।
टावर पर चढ़ने की यह घटना हाई वोल्टेज ड्रामा बन गई, लेकिन पुलिस की सूझबूझ से सब ठीक रहा। व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई और वह शांतिपूर्वक नीचे उतरा। रिलीफ डिपार्टमेंट ने अन्य लाभार्थियों की दस्तावेज जांच जारी रखी। यह प्रक्रिया माइग्रेंट्स के पुनर्वास का हिस्सा है, जहां दुकानें आवंटित करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाता है। व्यक्ति की शिकायत पर डिप्टी कमिश्नर ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुलिस ने व्यक्ति को समझाया कि उसकी समस्या का समाधान निकाला जाएगा। इस घटना से टाउनशिप में रहने वाले अन्य लोगों में भी चर्चा हुई, लेकिन प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया। व्यक्ति अब अपने मामले के समाधान की प्रतीक्षा कर रहा है। जगती मिनी टाउनशिप कश्मीरी माइग्रेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है, जहां कई परिवार वर्षों से रह रहे हैं। दुकान आवंटन जैसी सुविधाएं उनके जीवन को स्थिरता प्रदान करती हैं। इस घटना ने आवंटन प्रक्रिया में शामिल न रह पाने वाले लोगों की समस्याओं को सामने लाया। प्रशासन ने व्यक्ति की शिकायत पर विचार करने का वादा किया, जिससे वह शांत हुआ।
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