Amroha News: क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन की प्रधान सास से वसूले 8.68 लाख, आठ निलंबित, कार्रवाई अभी जारी

मनरेगा फर्जीवाड़ा मामले में डीएम ने तत्कालीन तीन पंचायत सचिव उमा, अंजुम व पृथ्वी और एपीओ ब्रजभान सिंह समेत आठ अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही तत्कालीन बीडीओ प्रति....

Apr 4, 2025 - 22:27
Apr 5, 2025 - 00:29
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Amroha News: क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन की प्रधान सास से वसूले 8.68 लाख, आठ निलंबित, कार्रवाई अभी जारी

By INA News Amroha.

अमरोहा: जिले के जोया ब्लॉक के गांव पलौला में क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) की बहन शबीना, बहनोई गजनबी और कुछ अन्य परिजनों समेत 18 लोगों को मनरेगा मजदूर दर्शाकर भुगतान लेने के मामले में शिकंजा कस गया है। इंडियन टीम के क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) की बहन शबीना और उनके जीजा गजनवी पर मनरेगा में फ्रॉड करने का आरोप लगा है। आरोप है कि बिना मजदूरी किए ही वो रुपये लेते रहे। हालांकि, बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई लेकिन इस मामले में शमी की बहन की ग्राम प्रधान सास फंस गई हैं।

इसकी जांच जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने लोकपाल और डीसी मनरेगा को सौंपी थी। करीब एक हफ्ते बाद आई जांच रिपोर्ट में संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों को आरोपी मानते हुए एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें तत्कालीन बीडीओ के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही का दावा किया जा रहा है। मनरेगा फर्जीवाड़ा मामले में जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने तत्कालीन तीन पंचायत सचिव उमा, अंजुम व पृथ्वी और एपीओ ब्रजभान सिंह समेत आठ अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही तत्कालीन बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है।

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वहीं, एक पंचायत सचिव को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए हैं। क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) की बहन शबीना की सास ही मनरेगा फर्जीवाड़े से जुड़े गांव पलौला की प्रधान हैं। उनके अधिकार भी सीज होंगे। मामले की जांच कमेटी ने बुधवार को रिपोर्ट जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स को सौंप दी है। जांच में कमेटी ने तत्कालीन बीडीओ व चार सचिवों समेत कुल 11 लोगों को फर्जीवाड़े का दोषी माना है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी ने बीडीओ व एक सचिव पर विभागीय कार्रवाई तथा तीन सचिवों समेत आठ कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है। साथ ही तत्कालीन बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है।

वहीं, एक पंचायत सचिव को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी ने बीडीओ व एक सचिव पर विभागीय कार्रवाई तथा तीन सचिवों समेत आठ कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है। साथ ही प्रधान (शमी की बहन की सास) से मनरेगा मजदूरी के तहत निकाली गई 8.68 लाख रुपये की रिकवरी के लिए कहा है। प्रधान के रूप में उनके अधिकार सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। अमरोहा जिले के थाना डिडौली और ब्लॉक जोया के ग्राम पलोला में मनरेगा मजदूरी के घोटाले का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने जांच की मांग की थी।

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उन्होंने जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स को प्रार्थना पत्र दिया था जिसकी जांच रिपोर्ट में मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) की बहन शबीना और उनके पति गजनवी को क्लीन चिट दे दी गई थी, पर शमी की बहन शबीना की सास ग्राम प्रधान गुले आयशा बुरी तरह फंस गई हैं और उनके खिलाफ रिकवरी का नोटिस जारी किया गया है। और तो ओर तत्कालीन अधिकारी, कर्मचारियों समेत ब्लॉक की महिला बीडीओ के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही के लिए शासन को पत्र भेजने का दावा किया जा रहा है। इस पूरे मामले में 4 सचिव और कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए गए हैं। अमरोहा के ग्राम पंचायत पलौला में मनरेगा में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था।

जिसके बाद जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) की बहन शबीना की सास ग्राम प्रधान गुले आयशा से उनके परिजनों और कुछ अन्य लोगों द्वारा बिना काम किए ली गई मनरेगा मजदूरी को रिकवरी के रूप में वसूलने और उनके वित्तीय अधिकार सीज करने के साथ ही अधिकार समाप्त करने की कार्रवाई के निर्देश दिए थे। साथ ही प्रधान (शमी की बहन की सास ) से मनरेगा मजदूरी के तहत निकाली गई 8.68 लाख रुपये की रिकवरी के लिए कहा है। जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने कहा कि दोषी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई भी होगी। जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक व डीसी मनरेगा अमरेंद्र प्रताप सिंह को इस मामले की जांच सौंपी थी।

जांच में प्रधान के परिवार के आठ लोगों समेत कुल 18 लोगों द्वारा बिना मजदूरी किए 8.68 लाख रुपये की रकम निकालने की बात सामने आई है। इसमें ब्लॉक के कर्मचारी भी दोषी पाए गए हैं। जांच कमेटी ने एक तत्कालीन बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल को भी दोषी माना है। इसके अलावा पंचायत सचिव उमा, अंजुम व पृथ्वी, एपीओ ब्रजभान सिंह, तत्कालीन रोजगार सेवक झम्मन लाल, कंप्यूटर ऑपरेटर शराफत अली, तकनीकी सहायक अजय निमेष व लेखाकार विजेंद्र सिंह को दोषी पाया है।

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