हरदोई न्यूज़: हिंदुओं का जातिगत बंटवारा चिंतनीय विषय, हम कहां से दिखते हैं हिंदू: यतींद्रानंद गिरी महाराज

हरदोई।" हिंदुओं को जाति, वर्ग में बांटना आगे वाली पीढियों के लिए चिंता जनक विषय है हम पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं हम कहां से, कैसे हिंदू दिखते हैं देश में हिंदुओं की आबादी आठ प्रतिशत कम हो गई जबकि मुसलमान की 44% आबादी बढ़ गई।
जरूरी है कि संविधान से जाति सूचक शब्द हटना चाहिए और आरक्षण की व्यवस्था आर्थिक आधार पर होनी चाहिए" उक्त वक्तव्य शहर के बाल विद्या भवन में स्थित श्री सिद्धबली हनुमान पीठ मंदिर में पधारे पीठाधीश्वर यतींद्रानंद गिरी महाराज ने प्रेस वार्ता में व्यक्त किए।
शहर के बाल विद्या भवन में प्रबंध निदेशिका कीर्ति सिंह द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में पीठाधीश्वर यतींदा नंद गिरी महाराज ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम हिंदू कहां से ,कैसे दिखते हैं हमने अपने सभी पारंपरिक गुणात्मक प्रतिभा को त्याग दिया है जबकि मुस्लिम हमारे ही व्यवसाय में लिप्त हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं में पाश्चात्य संस्कृति का बढ़ावा देखने को मिल रहा है जबकि सड़कों पर देखी जाने वाली 10 युवतियों को हम देखकर ही बता देते हैं कि यह किस धर्म से संबंध रखती है। आधुनिकता के दौर में जहां एक ओर हिंदुओं को एक जुटता सिखाई जा रही है वही वोटो के ध्रुवीकरण में हिंदुओं को ही जाति में बांटकर हिंदुओं का ध्रुवीकरण किया जा रहा है ऐसे में सोचने की बात है कि हम किस तरफ बढ़ रहे हैं आने वाली पीढ़ियों का भविष्य किन झंझावातों से गुजरेगा।
जहां भारत में हिंदुओं की आबादी आठ प्रतिशत तक कम हो गई हो और 44% की आबादी मुसलमान में बढ़ोतरी हो रही हो उस पर सरकार द्वारा योजनाओं में सभी की सुनिश्चित भागीदारी की गई है।आयुष्मान कार्ड बनवाने में छह पारिवारिक सदस्य होना जरूरी है जबकि हिंदुओं में 6 सदस्य होना।
बमुश्किल मिलता है तो इसका लाभ प्रत्यक्ष रूप से कौन उठा रहा है।एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का फील गुड कर लेना और फीता शाही पर लगाम न लगाना तथा विपक्षियों द्वारा जाति में बांट देना ही विपक्षियों के प्रबल होने का आधार बना।
जिहादी मानसिकता वालों की लगातार घुसपैठ होती जा रही है देवभूमि उत्तराखंड में भी पहले बलात्कार हत्या जैसे अपराधों की नागण्यता रहती थी पर जिहादी मानसिकता के लोगों की घुसपैठ हो जाने से वहां पर भी स्थितियां दुष्कर होती जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ में मुंडन आदि संस्कार आदि कराए जाने में बिजनौर के मुसलमान का आधिपत्य है हम अपने पारंपरिक व्यवसायों को लगातार छोड़ते जा रहे हैं। श्री महाराज ने बताया कि आरएसएस और साधु संतों ने भी इस चुनाव में अपनी भूमिका का निर्वहन मनोयोग से नहीं किया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सोचा यह 400 पर का नारा उनका है बीजेपी का नहीं ,कार्यकर्ताओं में वह उत्साह देखने को नहीं मिला।
विधायकों सांसदों को जब कोई प्रभावी अधिकार ही नहीं मिलेगा तो फीता शाही पर अंकुश कैसे लगेगा।भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लगेगा।उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदुओं को जाति में ना बंटकर एकमेव हिंदू होना चाहिए,वरना आगे आने वाली पीढ़ियों को इसका दंश झेलना पड़ेगा।आवर्ती सरकारों को भी जनसंख्या, यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे प्रकरणों को गंभीरता से विचार में लाना चाहिए ,जिसका जितना साथ, उतना उसका विकास की पद्धति पर भी चलने की जरूरत है।
What's Your Reaction?






