पाकिस्तानी पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया का स्पष्ट बयान- भारत मातृभूमि, लेकिन फिलहाल नागरिकता की कोई योजना नहीं।

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने हाल ही में भारत को अपनी मातृभूमि बताते हुए एक भावुक बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान को जन्मभूमि तो माना, लेकिन भारत

Oct 5, 2025 - 11:13
 0  21
पाकिस्तानी पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया का स्पष्ट बयान- भारत मातृभूमि, लेकिन फिलहाल नागरिकता की कोई योजना नहीं।
पाकिस्तानी पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया का स्पष्ट बयान- भारत मातृभूमि, लेकिन फिलहाल नागरिकता की कोई योजना नहीं।

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने हाल ही में भारत को अपनी मातृभूमि बताते हुए एक भावुक बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान को जन्मभूमि तो माना, लेकिन भारत को पूर्वजों की धरती और मंदिर के समान बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबे पोस्ट में कनेरिया ने उन आरोपों का खंडन किया, जिसमें कहा जा रहा था कि उनके भारत समर्थक बयान भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए हैं। कनेरिया ने स्पष्ट कहा कि फिलहाल उनकी भारतीय नागरिकता लेने की कोई योजना नहीं है, लेकिन भविष्य में अगर कोई ऐसा फैसला लेना चाहे, तो उसके लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पहले से लागू है। यह बयान 4 अक्टूबर 2025 को आया, जब कनेरिया ने अपने प्रशंसकों और आलोचकों को सीधे संबोधित किया।

दानिश कनेरिया का जन्म 16 दिसंबर 1980 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था। वे हिंदू परिवार से हैं और पाकिस्तान की ओर से खेलने वाले दूसरे हिंदू क्रिकेटर थे। पहले हिंदू खिलाड़ी अनिल दलपत थे। कनेरिया ने 2000 से 2010 तक पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट और 18 वनडे मैच खेले। वे लेग स्पिनर थे और अपनी उम्र में पाकिस्तान के सबसे सफल लेग स्पिनर बने। उनके नाम 261 टेस्ट विकेट हैं, जो पाकिस्तानी लेग स्पिनरों का रिकॉर्ड है। लेकिन उनका करियर विवादों से घिरा रहा। 2012 में स्पॉट फिक्सिंग मामले में उन्हें आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया। कनेरिया ने हमेशा कहा कि वे निर्दोष हैं और यह सजा अन्य खिलाड़ियों के साथ सौदेबाजी का नतीजा थी। इसके बाद वे इंग्लैंड चले गए, जहां वे कमेंटेटर और कोचिंग करते हैं। लेकिन पाकिस्तान लौटने पर उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, खासकर धार्मिक भेदभाव का।

कनेरिया ने अपने हालिया पोस्ट में पाकिस्तान के प्रति अपनी भावनाओं को भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और उसके लोगों से उन्हें बहुत कुछ मिला, खासकर आम जनता का प्यार। लेकिन साथ ही पाकिस्तानी अधिकारियों और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) से गहरे भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्होंने खुलासा किया कि उनके धर्म परिवर्तन के प्रयास भी हुए। कनेरिया ने लिखा, "पाकिस्तान और उसके लोगों से मुझे बहुत कुछ मिला, सबसे ऊपर अवाम का प्यार। लेकिन उस प्यार के साथ-साथ पाकिस्तानी अधिकारियों और पीसीबी से गहरा भेदभाव भी झेला, जिसमें जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयास शामिल थे।" यह पहली बार नहीं है जब कनेरिया ने पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की बात की। 2019 में जब भारत में सीएए लागू हुआ, तो कनेरिया ने इसका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी हिंदू अब खुली हवा में सांस ले सकेंगे।

कनेरिया का भारत से गहरा जुड़ाव है। उनके पूर्वज भारत के सिंध प्रांत से थे, जो विभाजन के बाद पाकिस्तान चला गया। कनेरिया ने कई बार कहा है कि भारत उनके लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है। वे भगवान राम के भक्त हैं और अक्सर "जय श्री राम" का नारा लगाते हैं। हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शताब्दी पर उन्होंने संगठन की प्रशंसा की। दशहरा के मौके पर कनेरिया ने लिखा कि दुनिया को आरएसएस जैसे और संगठनों की जरूरत है, जो समुदाय सेवा और युवाओं को सशक्त बनाते हैं। उन्होंने कहा, "आरएसएस के हर स्वयंसेवक को सलाम।" इस बयान के बाद पाकिस्तान में विवाद खड़ा हो गया। वहां के कुछ लोग उन्हें गद्दार बता रहे थे। भारत में भी कुछ लोगों ने कहा कि कनेरिया के ये बयान नागरिकता के लिए हैं। एशिया कप फाइनल में भारत की पाकिस्तान पर जीत के बाद कनेरिया ने एक मीम शेयर किया, जिसमें टीवी तोड़ने का मजाक उड़ाया गया। यह सब मिलाकर अफवाहें बढ़ गईं।

कनेरिया ने इन सबका जवाब देते हुए कहा कि उनके बयान धर्म और सत्य के लिए हैं, न कि नागरिकता के लालच के लिए। उन्होंने लिखा, "इसलिए जो लोग कहते हैं कि मेरे शब्द या कार्य नागरिकता की इच्छा से प्रेरित हैं, वे पूरी तरह गलत हैं। मैं धर्म के लिए खड़ा रहूंगा और उन राष्ट्र-विरोधियों तथा छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों को उजागर करता रहूंगा जो हमारे मूल्यों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।" कनेरिया ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित लोगों को आश्वस्त किया कि वे प्रभु श्री राम की कृपा से सुरक्षित और खुश हैं। परिवार के साथ वे ठीक हैं। उनका भाग्य भगवान राम के हाथों में है।

यह बयान भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच आया है। कनेरिया जैसे पूर्व खिलाड़ी दुर्लभ हैं जो दोनों देशों के बीच पुल का काम करते हैं। भारत में कई लोग उन्हें सम्मान देते हैं। 2019 में उत्तर प्रदेश के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा था कि कनेरिया का असली नाम दिनेश कनेरिया है और वे सीएए के तहत भारत आ सकते हैं। रजा ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न झेलने वाले हिंदू भारत का हिस्सा बन सकते हैं। लेकिन कनेरिया ने हमेशा पाकिस्तान के प्रति वफादारी दिखाई है। उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान के लिए सब कुछ दे चुके हैं और गर्व महसूस करते हैं।

सीएए का जिक्र कनेरिया के बयान में महत्वपूर्ण है। यह अधिनियम 2019 में लागू हुआ, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देता है। मार्च 2024 में इसके नियम अधिसूचित हुए। कटऑफ डेट 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ाई गई। उदाहरण के तौर पर पाकिस्तानी गायक अदनान सामी को 2016 में भारतीय नागरिकता मिली। वे पद्म श्री भी पा चुके हैं। कनेरिया ने कहा कि अगर भविष्य में कोई उनके जैसा कदम उठाए, तो सीएए रास्ता दिखाएगा। लेकिन अभी वे पाकिस्तान में ही रहना चाहते हैं।

कनेरिया का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एक्स पर उनके पोस्ट को 18 हजार से ज्यादा लाइक्स मिले। भारत में कई क्रिकेट प्रशंसकों ने समर्थन दिया। पूर्व भारतीय कप्तान वीरेंद्र सहवाग और हर्षल पटेल जैसे खिलाड़ियों ने उनकी तारीफ की। पाकिस्तान में कुछ ने आलोचना की, लेकिन कनेरिया ने कहा कि वे सत्य बोलते रहेंगे। यह घटना भारत-पाकिस्तान के सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करती है। विभाजन के 78 साल बाद भी परिवार बंटे हैं, लेकिन भावनाएं जुड़ी रहती हैं। कनेरिया जैसे लोग इन पुलों को मजबूत करते हैं।

कनेरिया का करियर भी दिलचस्प रहा। वे अब 44 वर्ष के हैं। इंग्लैंड में रहते हुए वे कमेंटेटर बने। वे आईपीएल और अन्य लीगों पर टिप्पणी करते हैं। कनेरिया ने युवा क्रिकेटरों को कोचिंग भी दी। स्पॉट फिक्सिंग के बाद उन्होंने सुधार की मिसाल कायम की। वे अब नैतिकता पर जोर देते हैं। भारत के प्रति उनका लगाव 2019 से बढ़ा, जब सीएए पर उन्होंने ट्वीट किया। तब उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हिंदू अब सुरक्षित महसूस करेंगे।

यह बयान राजनीतिक बहस को भी हवा दे सकता है। भारत में सीएए पर विरोध-समर्थन जारी है। कनेरिया का जिक्र इसे व्यक्तिगत आयाम देता है। वे कहते हैं कि उनका उद्देश्य समाज को एकजुट करना है। आलोचकों को जवाब देते हुए वे कहते हैं कि उनके शब्द धर्म पर आधारित हैं। कनेरिया की कहानी प्रवासियों की याद दिलाती है, जो दो देशों के बीच फंसे रहते हैं। फिलहाल, वे पाकिस्तान के नागरिक बने रहेंगे, लेकिन भारत को मातृभूमि मानने का भाव व्यक्त करते रहेंगे।

Also Read- ये हैं वनडे क्रिकेट के इतिहास में स्ट्राइक रेट के सात धुरंधर- आंद्रे रसेल से शाहिद अफरीदी तक, तेज रन रुलाने वाले बल्लेबाज

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INA News_Admin आई.एन. ए. न्यूज़ (INA NEWS) initiate news agency भारत में सबसे तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार एजेंसी है, 2017 से एक बड़ा सफर तय करके आज आप सभी के बीच एक पहचान बना सकी है| हमारा प्रयास यही है कि अपने पाठक तक सच और सही जानकारी पहुंचाएं जिसमें सही और समय का ख़ास महत्व है।