88000 ऋषि-मुनियों की तपोस्थली सतयुग नगरी नैमिषारण्य में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य व भावपूर्ण समापन। 

Sitapur News: सीतापुर के पवित्र तीर्थ क्षेत्र नैमिषारण्य, जिसे सतयुग की नगरी और 88,000 ऋषि-मुनियों की तपोभूमि के रूप में जाना जाता है, में वेदव्यास धाम...

Jul 22, 2025 - 21:00
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88000 ऋषि-मुनियों की तपोस्थली सतयुग नगरी नैमिषारण्य में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य व भावपूर्ण समापन। 
88000 ऋषि-मुनियों की तपोस्थली सतयुग नगरी नैमिषारण्य में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य व भावपूर्ण समापन। 

रिपोर्ट- संदीप चौरसिया INA NEWS ब्यूरो सीतापुर

सीतापुर के पवित्र तीर्थ क्षेत्र नैमिषारण्य, जिसे सतयुग की नगरी और 88,000 ऋषि-मुनियों की तपोभूमि के रूप में जाना जाता है, में वेदव्यास धाम में 15 जुलाई से 22 जुलाई 2025 तक श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया गया। यह पवित्र तीर्थ, जहां भगवान वेदव्यास ने 18 पुराणों और महाभारत की रचना की थी, अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और चक्रतीर्थ, ललिता देवी मंदिर, दधिचि कुंड, सूत गद्दी जैसे पवित्र स्थलों के लिए विख्यात है। यहाँ गंगा, सरस्वती और यमुना के संगम जैसी पवित्र नदियों का प्रभाव भी इसे और अधिक महिमामय बनाता है।

व्यास पीठ पर विराजित पूज्य श्री वेंकटेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने अपने ओजस्वी और भक्तिमय वाणी से कथा का श्रवण कराकर भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम की लीलाओं का अमृत रसपान कराया। कथा के प्रथम दिन भव्य शोभायात्रा के साथ शुरू हुई इस सप्ताहिक कथा में देश के विभिन्न प्रांतों से पधारे वैष्णव परिवारों और भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कथा के दूसरे चरण में चौथे, पांचवें और छठवें दिन भगवान के *वामन अवतार, **प्रह्लाद चरित्र, **नृसिंह अवतार, **श्री राम जन्मोत्सव, **श्री कृष्ण जन्मोत्सव, **गोवर्धन लीला, **गोपी गीत, **कंस वध* और *रुक्मिणी विवाह* का भावपूर्ण और विस्तृत वर्णन हुआ। सातवें दिन *सुदामा चरित्र* और *एकादश स्कंध* की कथा के पश्चात हवन, पूजन, आरती और प्रसादी वितरण के साथ 22 जुलाई को कथा का भव्य समापन हुआ।  

*नैमिषारण्य का आध्यात्मिक महत्व*: नैमिषारण्य वह पवित्र स्थल है, जहां भगवान विष्णु के चक्र से चक्रतीर्थ की उत्पत्ति हुई। यह तीर्थ क्षेत्र भक्तों के लिए मोक्षदायिनी भूमि माना जाता है। यहाँ की तपोभूमि में साधना करने से साधकों को आध्यात्मिक शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण इस पवित्र स्थल पर करने से भक्तों को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है, जो जीवन को सार्थक बनाता है।  

इस आयोजन के मुख्य यजमान * डॉक्टर पुरुषोत्तम तिवारी पुरुषोत्तम जी तिवारी** संस्थापक  व राष्ट्रीय अध्यक्ष इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी और *श्रीमती अर्चना तिवारी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी* (जबलपुर), *वैष्णव मंडल शोभापुर जिला नर्मदापुरम* के *श्री जगमोहन जी गट्टानी* और *श्री पुरुषोत्तम जी लढ्ढा* के साथ उनके मंडल के सभी सहयोगियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। मंच संचालन *श्री भरत काबरा* (छिंदवाड़ा) द्वारा किया गया। देश के विभिन्न राज्यों से पधारे 200 से अधिक वैष्णव परिवारों ने भक्ति गीतों और संगीतमय भजनों के साथ कथा का रसपान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।  

पूज्य श्री वेंकटेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज की ओजस्वी वाणी और भक्ति भाव से परिपूर्ण प्रस्तुति ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नैमिषारण्य की इस पावन भूमि पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण भक्तों के लिए जीवन को परम सत्य और भक्ति की ओर ले जाने वाला एक अविस्मरणीय अनुभव रहा।

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