Hardoi News: हरदोई में छेड़छाड़ मामले में न्याय: पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 4 साल की सजा, 8 हजार रुपये का जुर्माना
पुलिस ने मामले की गहन विवेचना की और पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया। विवेचना के दौरान पुलिस ने पीड़िता के ...

By INA News Hardoi.
हरदोई: जनपद हरदोई की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के तहत एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आरोपी रोहित पुत्र रमेश कुमार को 4 वर्ष के कारावास और 8,000 रुपये के अर्थदंड की सजा दी है। यह मामला 16 जनवरी 2019 का है, जब पीड़िता ने कोतवाली शहर में तहरीर देकर आरोपी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। स्थानीय पुलिस और मॉनिटरिंग सेल की प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप यह सजा सुनाई गई, जो नाबालिगों और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति कठोर रुख को दर्शाता है।
16 जनवरी 2019 को पीड़िता ने कोतवाली शहर, हरदोई में तहरीर दी थी, जिसमें उसने बताया कि मोहल्ला नई बस्ती, कोतवाली शहर निवासी रोहित पुत्र रमेश कुमार ने उसके साथ छेड़छाड़ की। इस तहरीर के आधार पर कोतवाली शहर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुकदमा संख्या 35/19 दर्ज किया, जिसमें भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने का अपराध) और पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 (नाबालिग के खिलाफ यौन अपराध) के तहत मामला पंजीकृत किया गया।
पुलिस ने मामले की गहन विवेचना की और पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया। विवेचना के दौरान पुलिस ने पीड़िता के बयान, चश्मदीद गवाहों और अन्य प्रासंगिक साक्ष्यों को सावधानीपूर्वक संकलित किया, ताकि मामले में कोई कमी न रहे।
मामले की सुनवाई विशेष पॉक्सो कोर्ट, हरदोई में हुई, जहां स्थानीय पुलिस और मॉनिटरिंग सेल ने अभियोजन पक्ष की ओर से सशक्त और प्रभावी पैरवी की। मॉनिटरिंग सेल ने सुनिश्चित किया कि सभी साक्ष्य और गवाह समय पर न्यायालय में प्रस्तुत हों, ताकि अभियोजन की कार्यवाही बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके। पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों और गवाहों के बयानों ने अभियुक्त के खिलाफ मजबूत मामला प्रस्तुत किया, जिसके आधार पर न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया।
9 मई 2025 को विशेष पॉक्सो कोर्ट, हरदोई ने अभियुक्त रोहित को दोषी ठहराते हुए उसे 4 वर्ष के सश्रम कारावास और 8,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान भी किया गया। इस फैसले ने न केवल पीड़िता को न्याय दिलाया, बल्कि समाज में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों के प्रति कड़ा संदेश भी दिया।
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