Hardoi : नदी में डूबी नाव के सहारे बाढ़ में गांव की तकदीर, प्रशासन द्वारा नहीं ली जा रही गांव की सुध
नाव चालक से बात करने पर पता चला कि नाव 3 वर्ष पुरानी है और उसकी मरम्मत होनी है। मरम्मत न होने के कारण नाव गंभीरी नदी के किनारे पड़ी हुई थी जो
रिपोर्ट : अभिषेक त्रिवेदी
मंसूरपुर/अरवल : नदियों में आ रही भीषण बाढ़ के मद्देनजर बाढ़ से बचाव के लिए शासन द्वारा सभी प्रमुख इंतजाम सुनिश्चित किया जा रहे हैं, जिसमें नाव की उपलब्धता प्रमुख है। अब यदि नाव ही नदी में डूबी हो तो जनता की सुरक्षा राम भरोसे। ताजा मामला विकासखंड सांडी के ग्राम मंसूरपुर का है जहां प्रशासन द्वारा कागजों में तो बाढ़ से निपटने की सभी तैयारियां कर ली गई हैं परंतु स्थलीय सत्यापन करने पर पता लगा की बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए गांव को मिली नाव ही नदी में डूबी हुई है। नाव चालक से बात करने पर पता चला कि नाव 3 वर्ष पुरानी है और उसकी मरम्मत होनी है। मरम्मत न होने के कारण नाव गंभीरी नदी के किनारे पड़ी हुई थी जो बाहर आने के कारण उसमें डूब गई है। अब सवाल यह उठता है कि जिस बाढ़ से निपटने की तैयारी प्रशासन द्वारा कई माह से की जा रही थी क्या वह मात्र दिखावा ही थी।
इस संबंध में क्षेत्रीय लेखपाल से बात करने पर उन्होंने बताया कि एक नाव ग्राम नगरा साहसी में होने की बात पता चली है और बाकी जानकारी के लिए आप खंड विकास अधिकारी से संपर्क करें। अपने पाले से गेंद दूसरे के पाले में फेंकना कर्मचारियों की पुरानी आदत है परंतु ऐसे समय में जब समूचा क्षेत्र बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा हो तो या थोड़ा अनुचित प्रतीत होता है। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन नाव की उपलब्धता को सुनिश्चित करता है या ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ देता है। गांव के निवासी राजन, किशन्नू, आदि ने बताया कि उन लोगों की फसलें नदी के पार हैं तथा फसलों में दवा एवं उनकी रखवाली के लिए जाने के लिए इस समय एकमात्र साधन नाव है, जो डूबी हुई है। प्रशासन द्वारा ग्राम मंसूरपुर एवं उमरौली जैतपुर के लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द नाव की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए।
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