Bollywood News: 'शर्मिष्ठा पनोली (Sharmishtha Panoli) की गिरफ्तारी पर कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने उठाई रिहाई की मांग, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल।
पुणे की 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली (Sharmishtha Panoli) की कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तारी ...
पुणे की 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली (Sharmishtha Panoli) की कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तारी ने देशभर में एक नई बहस छेड़ दी है। शर्मिष्ठा को 30 मई 2025 को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उन्हें 31 मई को कोलकाता के अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया और 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी का कारण एक इंस्टाग्राम वीडियो बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। इस वीडियो में कथित तौर पर एक धार्मिक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां थीं, जिसके बाद कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
- कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का समर्थन
बॉलीवुड अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने शर्मिष्ठा के समर्थन में खुलकर अपनी बात रखी है। कंगना ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "मैं मानती हूं कि शर्मिष्ठा ने अपने वीडियो में कुछ अनुचित शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन ऐसे शब्द आजकल कई युवा यूज कर रहे हैं। शर्मिष्ठा ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है, जो काफी होना चाहिए। इसलिए उसे अब और अधिक धमकाने या परेशान करने की जरूरत नहीं है। उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।" कंगना ने यह भी कहा कि एक युवा लड़की को अपनी राय व्यक्त करने के लिए इस तरह प्रताड़ित करना ठीक नहीं है, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं।
- शर्मिष्ठा पनोली (Sharmishtha Panoli) कौन हैं?
शर्मिष्ठा पनोली (Sharmishtha Panoli) पुणे की सिम्बायोसिस लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं और इंस्टाग्राम पर एक लोकप्रिय इन्फ्लुएंसर हैं। उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर हजारों फॉलोअर्स हैं, जिनमें एक पाकिस्तानी यूजर भी शामिल था, जिसने पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनसे सवाल पूछा था। इसके जवाब में शर्मिष्ठा ने 14 मई 2025 को एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड सितारों, खासकर 'तीन खान' की 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चुप्पी की आलोचना की थी। इस वीडियो में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद और एक धार्मिक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां थीं, जिसके बाद उनके खिलाफ कोलकाता में शिकायत दर्ज की गई।
वीडियो के वायरल होने के बाद शर्मिष्ठा को सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना और धमकियों का सामना करना पड़ा, जिसमें कुछ लोगों ने उन्हें जान से मारने और बलात्कार की धमकियां दीं। विवाद बढ़ने पर शर्मिष्ठा ने 15 मई को वीडियो हटा लिया और एक्स पर एक बिना शर्त माफी मांगी। उन्होंने लिखा, "मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त करते समय किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती थी। अगर किसी को दुख हुआ, तो मैं माफी मांगती हूं। भविष्य में मैं सावधान रहूंगी।" हालांकि, इसके बावजूद कोलकाता पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 196, 299, 352, और 353 के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सार्वजनिक शांति भंग करने का आरोप शामिल है।
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर #ReleaseSharmistha, #Sharmishta, और #IStandwithSharmishta जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई यूजर्स इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने के खिलाफ उचित कार्रवाई बता रहे हैं। शर्मिष्ठा के समर्थन में कंगना के अलावा आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स भी सामने आए हैं। पवन कल्याण ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा, "जब टीएमसी नेता सनातन धर्म का अपमान करते हैं, तब कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती?" वाइल्डर्स ने एक्स पर लिखा, "शर्मिष्ठा पनोली (Sharmishtha Panoli) को रिहा करो! पाकिस्तान के बारे में सच बोलने के लिए उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए।"
- राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। बीजेपी के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा बताया और ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "शर्मिष्ठा ने माफी मांग ली और वीडियो हटा लिया, फिर भी कार्रवाई की गई। लेकिन जब टीएमसी नेता सनातन धर्म का अपमान करते हैं, तब कोई FIR तक दर्ज नहीं होती।"
शर्मिष्ठा के वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने बताया कि उनकी जमानत याचिका कोर्ट में दायर की गई है, लेकिन फिलहाल उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में रखा गया है। कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि शर्मिष्ठा ने गिरफ्तारी के दौरान कहा, "एक लोकतंत्र में जिस तरह से आप लोगों ने परेशान किया है, वह लोकतंत्र नहीं कहलाता!" हालांकि, कोलकाता पुलिस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई।
What's Your Reaction?









