कानपुर उपलब्धिः पहली बार सेंट्रल स्टेशन तक पहुंची कानपुर मेट्रो ट्रेन, जल्द शुरू होंगे ट्रायल।
एमडी सुशील कुमार की उपस्थिति में दोनों लाइनों पर मोतीझील से कानपुर सेंट्रल तक हुआ मेट्रो ट्रेन का टेस्ट रन ...
कानपुर मेट्रो ने आज एक और यादगार उपलब्धि हासिल कर ली है। आज कानपुर मेट्रो ट्रेन पहली बार टेस्ट रन के दौरान मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक पहुंची। ‘अप-लाइन‘ और ‘डाउनलाइन‘ दोनों ही लाइनों पर मेट्रो ट्रेन का टेस्ट रन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार; निदेशक/वर्क्स एण्ड इंफ्रास्टक्चर, सी. पी. सिंह; निदेशक/ रोलिंग स्टॉक, नवीन कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इसके साथ ही कानपुर मेट्रो द्वारा जनवरी 2025 में आइआईटी से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा के विस्तार की तैयारी अब तेजी से अपने अंतिम चरण की ओर पहुंच रही है। जल्द ही इस रूट पर नियमित ट्रायल रन की शुरुआत होगी। कानपुर सेंट्रल तक सभी स्टेशनों पर शेष बचे हुए कार्य तेजी से पूरे किए जा रहे हैं।
अभी तक जमीन के ऊपर वायडक्त पर दौड़ने वाली मेट्रो, जल्द ही यात्रियों को लेकर जमीन के नीचे अंडरग्राउंड टनल में भी दौड़ेगी। इसी साल जुलाई माह में नयागंज अंडरग्राउंड स्टेशन तक ‘अप-लाइन‘ पर और अक्टूबर माह में ‘डाउनलाइन‘ पर मेट्रो ट्रेन का टेस्ट रन किया गया था। हाल ही में कानपुर सेंट्रल तक दोनों लाइनों पर ट्रैक, थर्ड रेल सिस्टम, सिग्नल आदि इंस्टॉल करने के बाद आज, मेट्रो ट्रेन को टेस्ट रन के लिए सेंट्रल स्टेशन तक ले जाया गया। इस दौरान कानपुर मेट्रो के ट्रैक, पावर सप्लाई आदि विभिन्न इंटरफेसों को परखा गया। मेट्रो ट्रैक के समानांतर लगाए गए थर्ड रेल को भी सेंट्रल स्टेशन तक पहली बार चार्ज किया गया।
कानपुर मेट्रो ट्रेन के टेस्ट रन के दौरान ट्रेन को ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) मोड पर 'लो' स्पीड पर चलाया गया। सिग्नलिंग से संबंधित मैप वेरिफिकेशन टेस्ट में ट्रैक के साथ लगे उपकरणों जैसे टीआरए सिग्नल, एक्सेल काउंटर आदि के सॉफ्टवेयर लोकेशन को वास्तविक लोकेशन के साथ वेरीफाई किया गया। आने वाले दिनों में इस प्रक्रिया के परिणामों के अनुसार सॉफ्टवेर को अपग्रेड किया जाएगा। इसके बाद ट्रेन का ’हाई’ स्पीड टेस्ट भी किया जाएगा।
विदित हो कि कानपुर मेट्रो का परिचालन वर्तमान में प्रॉयोरिटी कॉरिडोर पर आईआईटी से मोतीझील तक किया जाता है, जिसके अंतर्गत कुल 9 एलिवेटेड स्टेशन आते हैं। जनवरी 2025 में कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो रूट के विस्तार होने के बाद 5 और स्टेशन; चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल भी इस नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। ये सभी स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे, यानी शहर के अंदर अंडरग्राउंड मेट्रो से यात्रा का भी शुभारंभ हो जाएगा। ज्ञात हो कि ये सभी स्टेशन शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में अवस्थित हैं, जिन्हें शहर का मुख्य व्यावसायिक केंद्र भी माना जा सकता है। इन क्षेत्रों से होकर मेट्रो के गुजरने से समय और ऊर्जा दोनों की ही बचत होगी। मेट्रो की सुविधाजनक और किफायती यात्रा का शहर की अर्थव्यवस्था पर भी काफी सकारात्मक असर पड़ेगा।
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने इस अवसर पर सभी कर्मचारियों और शहरवासियों को बधाई देते हुए कहा कि, ‘‘कानपुर मेट्रो ने अपने निर्माण के दौरान विभिन्न चुनौतियों को पार करते हुए शहर के इतिहास में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। हमारा अंडरग्राउंड मेट्रो रूट शहर के सबसे व्यस्त इलाकों के नीचे से गुजरता है, जिससे शहर के अंदर यात्रा बहुत सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी। आज मेट्रो के टेस्ट रन के दौरान ट्रैक, पावर सप्लाई आदि विभिन्न इंटरफेसों को परखा गया। इससे प्राप्त डाटा का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे परिचालन में मदद मिलेगी। जल्द ही कानपुर सेंट्रल तक स्टेशनों के फिनिशिंग का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा और नए साल में शहरवासियों को आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो की सौगात मिलेगी।”
वर्तमान में, लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन यानी चुन्नीगंज से नौबस्ता तक चल रहे निर्माण कार्य के अलावा लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) का निर्माण कार्य भी तेजी से बढ़ रहा है।
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