बूंद-बूंद पानी को तरस रहा पाकिस्तान: कराची में जल संकट ने मचाया हाहाकार, जानें क्या है वजह?

कराची, जहां 2 करोड़ से अधिक लोग निवास करते हैं, पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहा था। लेकिन हाल के दिनों में यह संकट और गहरा गया है। कराची वाटर एंड सीवरेज बोर्ड (KWSC) के अनुसार, शहर को सामान्य...

May 12, 2025 - 23:42
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बूंद-बूंद पानी को तरस रहा पाकिस्तान: कराची में जल संकट ने मचाया हाहाकार, जानें क्या है वजह?
Photo: Social Media

कराची/नई दिल्ली: पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर और आर्थिक केंद्र कराची पिछले 12 दिनों से भीषण जल संकट का सामना कर रहा है। शहर, जिसे प्रतिदिन 1200 मिलियन गैलन पानी (MGD) की आवश्यकता होती है, वर्तमान में केवल 400 MGD पानी प्राप्त कर रहा है, जो इसकी सामान्य आपूर्ति का मात्र 40 प्रतिशत है। इस अभूतपूर्व कमी ने कराची के निवासियों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने पर मजबूर कर दिया है।

कई लोग अब ऊंची कीमतों पर निजी टैंकरों से पानी खरीदने को विवश हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो चुकी है। इस संकट ने न केवल शहरवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और सामाजिक स्थिरता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

कराची में जल संकट की स्थिति

कराची, जहां 2 करोड़ से अधिक लोग निवास करते हैं, पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहा था। लेकिन हाल के दिनों में यह संकट और गहरा गया है। कराची वाटर एंड सीवरेज बोर्ड (KWSC) के अनुसार, शहर को सामान्य रूप से 650 MGD पानी की आपूर्ति होती है, जो पहले ही इसकी जरूरत से आधा है। लेकिन अब यह आपूर्ति और घटकर 400 MGD हो गई है।

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इसका प्रमुख कारण हाल ही में मुख्य जल आपूर्ति लाइन में रिसाव और पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य बताया जा रहा है।

  • मरम्मत कार्य का असर: KWSC ने बताया कि सिफॉन नंबर 19 की मरम्मत के कारण आपूर्ति में कमी आई है। धाबेजी पंपिंग स्टेशन से पानी शहर के वितरण नेटवर्क तक पहुंचने में 14 से 16 घंटे का समय लगता है, और मरम्मत कार्य पूरा होने तक आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद नहीं है।
  • पाइपलाइन की क्षति: अप्रैल 2025 में अब्दुल्ला शाह गाजी गोठ में पाइपलाइन की मरम्मत, दिसंबर 2024 में BRT निर्माण के दौरान हुए नुकसान, और जनवरी 2025 में धाबेजी पंपिंग स्टेशन में विस्फोट ने जल आपूर्ति प्रणाली की नाजुक स्थिति को उजागर किया है।
  • टैंकर माफिया का बोलबाला: पानी की कमी ने टैंकर माफिया को और मजबूत किया है। शहर में रोजाना 10,000 से अधिक टैंकर संचालित हो रहे हैं, जो 25% घरों के लिए प्राथमिक जल स्रोत और 60% घरों के लिए पूरक स्रोत बन गए हैं। ये टैंकर 272 MGD पानी की आपूर्ति करते हैं, जिसमें से 30 से अधिक अवैध हाइड्रेंट्स के जरिए पानी चोरी किया जाता है।

निवासियों की दुर्दशा

कराची के निवासियों, खासकर निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए यह संकट जीवन को और कठिन बना रहा है। कई इलाकों में लोग घंटों लाइनों में खड़े होकर पानी भर रहे हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह बंद है।

  • टैंकरों पर निर्भरता: एक सामान्य 1000 गैलन का टैंकर 3300 से 4500 रुपये (12-16 डॉलर) में मिलता है, जो गरीब परिवारों के लिए भारी खर्च है। कराची में 39.3% लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, और उनके लिए महीने में 28,000 रुपये पानी पर खर्च करना असंभव है।
  • जल संरक्षण के उपाय: कई परिवार पानी बचाने के लिए कपड़े धोने, नहाने और बर्तन धोने में कटौती कर रहे हैं। कुछ लोग खारे भूजल का उपयोग कपड़े धोने के लिए करते हैं, जबकि पीने के लिए महंगे फ़िल्टर्ड पानी के बैरल खरीदते हैं।
  • स्वास्थ्य संकट: जल संकट ने सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है। 80% जल नमूनों में ई. कोलाई और अन्य दूषित पदार्थ पाए गए हैं, जिसके कारण हर साल 10 करोड़ डायरिया के मामले और 25 लाख मौतें होती हैं। 6.7 लाख बच्चे रोजाना जलजनित बीमारियों के कारण स्कूल नहीं जा पाते।

जल संकट की प्रमुख वजहें

कराची का जल संकट केवल प्राकृतिक कमी का परिणाम नहीं है, बल्कि यह मानव निर्मित समस्याओं और नीतिगत विफलताओं का नतीजा है। निम्नलिखित कारण इस संकट को बढ़ा रहे हैं:

  1. बुनियादी ढांचे की कमी: कराची की जल आपूर्ति प्रणाली पुरानी और जर्जर है। 35% पानी रिसाव और चोरी के कारण बर्बाद हो जाता है, जबकि टोक्यो जैसे शहरों में यह नुकसान केवल 5% है।
  2. टैंकर माफिया और भ्रष्टाचार: टैंकर माफिया, जो कथित तौर पर पुलिस और रेंजर्स की मिलीभगत से संचालित होता है, 54-68 MGD पानी की चोरी करता है, जिससे रोजाना 243-306 मिलियन रुपये की कमाई होती है। जनवरी 2025 में KWSC के CEO की जांच भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण शुरू हुई थी, लेकिन सुधार की गति धीमी है।
  3. जलवायु परिवर्तन: अनियमित वर्षा और ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने ने जल संसाधनों को प्रभावित किया है। सितंबर 2024 से जनवरी 2025 तक पाकिस्तान में 70% कम वर्षा और हिमपात हुआ, जिसने जल संकट को और गहरा दिया।
  4. भारत-पाकिस्तान तनाव और सिंधु जल संधि: हाल ही में भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद चेनाब और रावी नदियों में पानी का प्रवाह कम हुआ है। पाकिस्तानी पंजाब में जल संकट गहराने और फसल उत्पादन प्रभावित होने की खबरें हैं, जिसका असर कराची की जल आपूर्ति पर भी पड़ सकता है।
  5. प्रबंधन की विफलता: पाकिस्तान में जल प्रबंधन की कमी और दीर्घकालिक नीतियों का अभाव इस संकट की जड़ है। देश में केवल 30 दिनों के लिए जल भंडारण की क्षमता है, जबकि भारत जैसे देशों में यह 220 दिन है।

भारत का प्रभाव और सिंधु जल संधि

सोशल मीडिया पर चर्चा और कुछ समाचार रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने का असर पाकिस्तान के जल संसाधनों पर पड़ रहा है। चेनाब नदी में 21% पानी की कमी की पुष्टि हुई है, जो कपास और चावल जैसी फसलों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के पास अभी पानी के प्रवाह को पूरी तरह रोकने की बुनियादी ढांचा क्षमता नहीं है, और यह कदम अधिकतर एक दबाव रणनीति है। फिर भी, इस तनाव ने पाकिस्तान में जल संकट को और जटिल बना दिया है।

प्रशासन और समाज की प्रतिक्रिया

  • KWSC की कोशिशें: KWSC ने नागरिकों से पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करने की अपील की है। मरम्मत कार्य के बाद आपूर्ति बेहतर होने की उम्मीद है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान अभी दूर हैं।
  • नागरिकों का गुस्सा: कराची में पानी की कमी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ रहे हैं। लोग टैंकर माफिया और सरकारी उदासीनता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
  • सुधार के प्रस्ताव: विशेषज्ञों ने ब्लॉकचेन-आधारित बिलिंग, भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई, और K-IV परियोजना को 2029 तक पूरा करने जैसे सुझाव दिए हैं, जिससे 650 MGD अतिरिक्त पानी की आपूर्ति हो सकती है।

आगे की राह

कराची का जल संकट केवल स्थानीय समस्या नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान के समग्र जल संकट का हिस्सा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और पाकिस्तान काउंसिल ऑफ रिसर्च इन वाटर रिसोर्सेज (PCRWR) ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो 2025 तक देश पूर्ण जल संकट का सामना करेगा। जल प्रबंधन में सुधार, बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, और टैंकर माफिया पर सख्त कार्रवाई इस संकट से निपटने के लिए जरूरी हैं। 

कराची में जल संकट ने शहरवासियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह संकट केवल पानी की कमी का मामला नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार, प्रबंधन की विफलता, और क्षेत्रीय तनाव का परिणाम है। यदि सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, तो कराची और पूरे पाकिस्तान को और गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। फिलहाल, कराची के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, और उनकी उम्मीदें एक स्थायी समाधान पर टिकी हैं।

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