Mussoorie: मसूरी के विकास को लेकर बढ़ी सियासी गर्मी, कांग्रेस बीजेपी नेताओं में जुबानी जंग तेज।
क्वीन ऑफ हिल्स मसूरी इन दिनों न सिर्फ़ पर्यटकों की भीड़ से गर्म है, बल्कि राजनीतिक बयानबाज़ी से भी माहौल तप गया है। मसूरी के
रिपोर्टर सुनील सोनकर
क्वीन ऑफ हिल्स मसूरी इन दिनों न सिर्फ़ पर्यटकों की भीड़ से गर्म है, बल्कि राजनीतिक बयानबाज़ी से भी माहौल तप गया है। मसूरी के विकास और अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गए हैं। दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार करने में जुटे हैं।
कांग्रेस नेताओं मनमोहन सिंह मल्ल और सोनिया आनंद रावत ने मसूरी की अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। नेताओं का आरोप है कि मसूरी में विकास की बड़ी-बड़ी घोषणाएँ सिर्फ़ काग़ज़ों में ही सिमटकर रह गई हैं। कैबिनेट मंत्री और मसूरी विधायक गणेश जोशी ने ‘हज़ारों करोड़ के विकास’ का दावा किया, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा। मसूरी के हर चौक-चौराहे पर दिनभर भारी जाम लगता है, जिससे आम जनता और पर्यटक दोनों परेशान हैं। पीडब्ल्यूडी के साथ मिलीभगत कर ‘निर्माण’ के नाम पर पैसों की बंदरबांट की जा रही है। पटरी व्यापारी रोज़गार के लिए तरस रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं। शिफॉन कोर्ट के 84 परिवारों को न आवास मिला, न मुआवज़ा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि “बीजेपी की कथनी और करनी में ज़मीन-आसमान का अंतर है”। उन्होंने दावा किया कि 2027 में जनता भाजपा को इसका जवाब देगी और राज्य में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनेगी।
कांग्रेस के आरोपों के जवाब में भाजपा के युवा नेता आर्यन देव उनियाल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जनता समझदार है और उसे पता है कि देश और प्रदेश में विकास किसके नेतृत्व में हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड चारों दिशाओं में विकास कर रहा है। मसूरी को व्यवस्थित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। पटरी व्यापारियों को हटाने से पहले उन्हें सही व्यवस्था और पुनर्वास दिया जाएगा। आर्यन देव उनियाल ने यह भी कहा कि कांग्रेस के पालिका अध्यक्षों के कार्यकाल में गरीबों और पटरी व्यापारियों के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनी। साथ ही दावा किया कि मसूरी ने ट्रिपल इंजन सरकार को चुना है, और इसका लाभ हर हाल में मसूरी और आसपास के इलाकों को मिलेगा।
मसूरी के विकास को लेकर दोनों दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ है। जहाँ कांग्रेस ‘विकास के नाम पर झूठे दावे’ का आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा ‘संगठित विकास’ का दावा कर रही है। आम जनता अब ये देख रही है कि इस सियासी तकरार के बीच मसूरी की असली समस्याएँ। जाम, अव्यवस्था, अवैध निर्माण, पटरी व्यापारियों की परेशानी और विस्थापित परिवारों का मुद्दा कब और कैसे सुलझता है।
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