Hardoi News:  आम की फसल को कीट एवं व्याधि से बचायें- जिला उद्यान अधिकारी

बागवानों को यह भी सलाह दी जाती है कि बागों में जब बौर पूर्ण रुप से खिला हो तो उस अवस्था में कम से कम रासायनिक दवाओं का छिडकाव किया....

Mar 6, 2025 - 17:10
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Hardoi News:  आम की फसल को कीट एवं व्याधि से बचायें- जिला उद्यान अधिकारी

Hardoi News: जिला उद्यान अधिकारी ने बताया है कि जनपद में आम के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए सम-सामयिक महत्व के कीट एवं रोगों का उचित समय प्रबंधन नितान्त आवश्यक है। क्योंकि बौर निकलने से लेकर फल लगने तक की अवस्था अत्यन्त ही संवेदनशील होती है। वर्तमान में आम की फसल को मुख्य रुप से भुनगा एवं मिज कीट तथा खर्रा रोग से क्षति पहुंचने की सम्भावना बनी रहती है। आम के बागों में मुनगा कीट कोमल पत्तियों एवं छोटे फलों के रस चूसकर हानि पहुंचाते है। प्रभावित भाग सूखकर गिर जाता है।

साथ ही यह कीट मधु की तरह का पदार्थ भी विसर्जित करता है, जिससे पत्तियों पर काले रंग की फफूंद जम जाती है। फलस्वरुप पत्तियों द्वारा हो रही प्रकाश संश्लेषण की किया मंद पड़ जाती है। इसी प्रकार से आम के बौर में लगने वाला मिज कीट मंजरियों एवं तुरन्त बने फलों तथा बाद में मुलायम कोपलों में अण्डे देती है, जिसकी सूंडी अन्दर ही अन्दर खाकर क्षति पहुंचाती है, प्रभावित भाग काला पड़ कर सूख जाता है। भुनगा एवं मिज कीट के नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.1ः (2.0 मि०ली० प्रति लीटर पानी) या क्लोरोपाइरीफास 1.5ः (2.0 मि0ली0/ली० पानी) की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।

इसी प्रकार खर्रा रोग के प्रकोप से ग्रसित फल एवं डंठलों पर सफेद चूर्ण के समान फफूंद की वृद्धि दिखाई देती है। प्रभावित भाग पीले पड़ जाते हैं तथा मंजरियां सूखने लगती हैं। इस रोग से बचाव हेतु ट्राइडोमार्फ 1.0 मिली० या डायनोकेप 1.0 मिली०/ली० पानी की दर से भुनगा कीट के नियंत्रण हेतु प्रयोग किये जा रहे घोल के साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है।

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बागवानों को यह भी सलाह दी जाती है कि बागों में जब बौर पूर्ण रुप से खिला हो तो उस अवस्था में कम से कम रासायनिक दवाओं का छिडकाव किया जाये जिससे पर-परागण किया प्रभावित न हो सके। उन्होंने बताया कि कीटनाशक के प्रयोग में कुछ सावधानिया बरतनी चाहिए। कीटनाशक के डिब्बों को बच्चों व जानवरों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। कीटनाशक का छिड़काव करते समय हाथों में दस्ताने, मुंह को मास्क व आंखों को चश्मा पहनकर ढक लेना चाहिए, जिससे कीटनाशी त्वचा व आंखों में न जाये। कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का वेग अधिक न हो तब करना चाहिए अथवा हवा चलने की विपरीत दिशा में खड़े होकर करना चाहिए। कीटनाशक के खाली पाउच /डिब्बों को मिट्टी में दबा देना चाहिए।

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