समूह सखियों के मानदेय के लिए 3.13 करोड़ जारी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की तेजी के लिए 8 करोड़ का बजट

बजट से समूह सखी, आइसीआरपी, एससीआरपी व अन्य महत्वपूर्ण कार्य संचालित करने वाली महिलाओं का अरसे से रुका हुआ मानदेय दिया जाएगा। जनपद में दो हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों से 21 हजार से अधिक महिलाएं जु...

Dec 11, 2024 - 00:14
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समूह सखियों के मानदेय के लिए 3.13 करोड़ जारी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की तेजी के लिए 8 करोड़ का बजट

By INA News Hardoi.

शासन से समूह सखियों के मानदेय को दिलवाए जाने के लिए तीन करोड़ 13 लाख, 5973 रुपये जारी किए गए हैं। आइसीआरपी (आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) के मानदेय के लिए एक करोड़ 89 लाख 70 हजार रुपये जारी किए गए हैं। एससीआरपी (विशेष आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) के मानदेय के लिए भी 62 लाख 29 हजार पांच सौ रुपये भी जारी किए गए हैं। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि पांच से आठ महिला स्वयं सहायता समूहों पर तैनात समूह सखी को आठ सौ रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है।

आठ से दस समूह होने पर हजार रुपये मानदेय एवं दस से अधिक समूह होने पर 12 सौ रुपये मासिक मानदेय मानदेय दिया जाता है। आइसीआरपी (आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) को चार सौ रुपये प्रतिदिन एवं एससीआरपी (विशेष आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) को छह सौ रुपये मानदेय दिया जाता है। उपायुक्त राष्ट्रीय आजीविका मिशन रवि प्रकाश सिंह ने बताया, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की गतिविधियों को और तेज करने के लिए शासन स्तर से आठ करोड़ का भारी भरकम बजट जारी किया गया है।

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बजट से समूह सखी, आइसीआरपी, एससीआरपी व अन्य महत्वपूर्ण कार्य संचालित करने वाली महिलाओं का अरसे से रुका हुआ मानदेय दिया जाएगा। जनपद में दो हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों से 21 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। इन महिला स्वयं सहायता समूहों को संचालित करने के लिए लगभग दो हजार समूह सखियां कार्यरत हैं। समूह सखियां समूहों को रिवाल्विंग फंड उपलब्ध करवाने, कैश क्रेडिट लिंक का लाभ दिलवाने में भी अपनी भूमिका का निर्वहन करती हैं।

वहीं नए महिला समूहों का गठन करने की जिम्मेदारी निभाने वाली आइसीआरपी (आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) एवं एससीआरपी (विशेष आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) भी विशेष भूमिका निभाती हैं। बताया इन सभी समूह सखियों, आइसीआरपी (आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) एवं एससीआरपी (विशेष आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) का मानदेय कई माह से लंबित था। विभाग शासन स्तर से रुके हुए मानदेय को दिलवाए जाने के लिए लगातार पत्राचार कर रहा था।

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