Sitapur : कोटेदारों ने लाभांश बढ़ाने और न्यूनतम आय गारंटी की मांग को लेकर जिलापूर्ति अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, जोरदार प्रदर्शन किया

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कोटेदार ई-पॉस मशीनों से ईमानदारी से राशन बांट रहे हैं। कोरोना महामारी में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल

Dec 5, 2025 - 21:06
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Sitapur : कोटेदारों ने लाभांश बढ़ाने और न्यूनतम आय गारंटी की मांग को लेकर जिलापूर्ति अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, जोरदार प्रदर्शन किया
Sitapur : कोटेदारों ने लाभांश बढ़ाने और न्यूनतम आय गारंटी की मांग को लेकर जिलापूर्ति अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, जोरदार प्रदर्शन किया

Report : संदीप चौरसिया INA NEWS सीतापुर।

सीतापुर जिले में ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों ने उचित दर विक्रेताओं की परेशानियों को लेकर जिलापूर्ति अधिकारी को ज्ञापन दिया। संगठन ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र भेजकर खाद्यान्न और चीनी पर कमीशन बढ़ाने तथा अन्य राज्यों की तरह न्यूनतम आय गारंटी देने की अपील की। यदि मांगें पूरी न हुईं तो 28 जनवरी 2026 से विधानसभा का घेराव और अनिश्चितकालीन धरना करने की चेतावनी दी।

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कोटेदार ई-पॉस मशीनों से ईमानदारी से राशन बांट रहे हैं। कोरोना महामारी में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मुफ्त राशन घर-घर पहुंचाया। इसके अलावा आयुष्मान कार्ड बनवाने, किसान पंजीकरण और वोटर सूची सुधार जैसे सरकारी कामों में भी पूरा सहयोग कर रहे हैं।

संगठन ने कमीशन में असमानता पर नाराजगी जताई। उत्तर प्रदेश में प्रति क्विंटल मात्र 90 रुपये मिलते हैं, जबकि हरियाणा, दिल्ली और केरल में 200 रुपये, गोवा में 220 रुपये और गुजरात में 20 हजार रुपये मासिक न्यूनतम आय गारंटी दी जाती है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए सम्मानजनक कमीशन और न्यूनतम आय की मांग की गई।

प्रदर्शन के दौरान संगठन के जिला अध्यक्ष रामलखन सिंह यादव, जिला महासचिव विशाल रस्तोगी, संगठन सचिव विजय पाल, प्रदेश महासचिव अशोक कुमार सिंह, आलोक मिश्रा, राजेंद्र अजय वर्मा, सुरेंद्र यादव, कमलेश मिश्रा, राघवेंद्र सिंह, वीरेंद्र, नंदलाल, नसीम, त्रिभुवन लाल, केवाराम, विवेक सिंह, अमित दिलीप गुप्ता सहित जिले के सभी पदाधिकारी और राशन विक्रेता मौजूद रहे। संगठन ने कहा कि मांगें न मानने पर होने वाली किसी भी अफरा-तफरी की जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

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