Sitapur : सीतापुर में दिव्यांग परीक्षण बोर्ड की देरी से लोगों को हो रही परेशानी
सिधौली से आई रामबेटी ने बताया कि पहले से उनका हाथ संबंधी प्रमाण पत्र 80 प्रतिशत का बना था। लेकिन यूडीआईडी कार्ड में 70 प्रतिशत का बना दिया गया। इससे उन्हें
Report : संदीप चौरसिया INA NEWS ब्यूरो सीतापुर
सीतापुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हर सोमवार को दिव्यांग परीक्षण बोर्ड लगता है। जिले भर से सैकड़ों दिव्यांग लोग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आते हैं। ये लोग सुबह दस बजे पहुंच जाते हैं, लेकिन बोर्ड में लगे डॉक्टरों का पैनल समय पर नहीं आता। इससे दूर-दराज से आए दिव्यांगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। वे इधर-उधर भटकते रहते हैं और सही मार्गदर्शन भी नहीं मिल पाता।
एक सोमवार को बोर्ड में हड्डी रोग के डॉक्टर दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर पहुंचे। उसके बाद ही परीक्षण शुरू हो सका। मछरेहटा से आए बृजकिशोर ने कहा कि सुबह से डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं आए। रामपुर मथुरा से आए देशराज ने बताया कि शनिवार को सीएमओ कार्यालय पहुंचे थे। सात नंबर कमरे में बैठे व्यक्ति ने 200 रुपये लिए और ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर आज बुलाया था।
सिधौली से आई रामबेटी ने बताया कि पहले से उनका हाथ संबंधी प्रमाण पत्र 80 प्रतिशत का बना था। लेकिन यूडीआईडी कार्ड में 70 प्रतिशत का बना दिया गया। इससे उन्हें मोटर वाली साइकिल नहीं मिल पा रही। चलने-फिरने में बहुत कठिनाई होती है। वे सीएमओ कार्यालय तीन बार आ चुकी हैं, लेकिन कार्ड अभी भी 80 प्रतिशत का नहीं बना।
सूत्रों के अनुसार, दिव्यांग काउंटर संभालने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर रियाज कई वर्षों से उसी पद पर हैं। स्वास्थ्य, मेडिकल और दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने के बदले सुविधा शुल्क लिया जाता है। कई दिव्यांगों से यह शुल्क वसूला जाता है। कंप्यूटर ऑपरेटर रियाज ने कहा कि डॉक्टर ओपीडी के बाद बोर्ड में आते हैं। बोर्ड सुबह से ही शुरू हो जाता है। अगर डॉक्टर अभी नहीं आए, तो दिखा देंगे।
सीएमओ डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि बोर्ड सुबह से चालू रहता है। डॉक्टरों की देरी की समस्या पर ध्यान दिया जाएगा। यह प्रक्रिया दिव्यांगों को प्रमाण पत्र और योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए है, लेकिन समय पर न आने से लोगों को असुविधा हो रही है।
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