Hapur: यातायात पुलिस की 'जी-हजूरी' में लगा जाम, कथित पत्रकार रविपाल उर्फ बिलोरी की आवभगत में भूले ड्यूटी। 

शहर की यातायात व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। पिछले 15 दिनों से लगातार जाम की मार झेल रहे शहरवासियों का

Dec 2, 2025 - 16:55
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Hapur: यातायात पुलिस की 'जी-हजूरी' में लगा जाम, कथित पत्रकार रविपाल उर्फ बिलोरी की आवभगत में भूले ड्यूटी। 
यातायात पुलिस की 'जी-हजूरी' में लगा जाम, कथित पत्रकार रविपाल उर्फ बिलोरी की आवभगत में भूले ड्यूटी। 

हापुड़: शहर की यातायात व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। पिछले 15 दिनों से लगातार जाम की मार झेल रहे शहरवासियों का धैर्य टूटने लगा है। वहीं दूसरी ओर यातायात प्रभारी निरीक्षक छवि राम शहर में व्यवस्था दुरुस्त करने के निरंतर प्रयास में जुटे हुए हैं। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि उनके अधीनस्थ ही पूरे सिस्टम को पटरी पर लाने के बजाय व्यवस्था को और बदहाल करने में लगे हैं। मंगलवार सुबह अतरपुरा चौराहे पर इसका ताज़ा उदाहरण देखने को मिला, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए।सुबह के समय जब यातायात सामान्य रूप से भारी रहता है, उस समय चौराहे पर तैनात पूरा यातायात स्टाफ एक कथित पत्रकार की ‘जी-हजूरी’ में जमा दिखाई दिया। इस दौरान यातायात संचालन पूरी तरह उपेक्षित रहा, जबकि शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम लगा रहा। लोगों ने देखा कि जहां आम नागरिकों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता, वहीं एक कथित पत्रकार के पहुंचते ही पूरा स्टाफ अचानक सक्रिय हो गया। यह दृश्य लोगों में चर्चा और असंतोष का विषय बन गया है।

सूत्रों के अनुसार, जिस कथित पत्रकार की आवभगत की जा रही थी वह रविपाल उर्फ बिलोरी बताया जा रहा है। चर्चा है कि वह वर्षो से विवादों में रहा है तथा उसके विरुद्ध कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं। यही नहीं, रविपाल उर्फ बिलोरी का नाम पूर्व में भी अवैध वसूली व पुलिसकर्मियों से सांठगांठ के मामलों में आ चुका है। स्थानीय स्तर पर यह भी बताया जाता है कि उसकी विभिन्न पुलिसकर्मियों के साथ नजदीकियां पहले भी चर्चाओं का कारण रही हैं। 

विशेष रूप से यातायात प्रभारी निरीक्षक छवि राम और रविपाल उर्फ बिलोरी का विवादित इतिहास भी लोगों की निगाह में एक बार फिर ताजा हो गया है। पूर्व में यातायात प्रभारी के पद पर रहते समय दोनों पर अवैध उगाही के आरोप लगे थे, जिस पर कार्रवाई करते हुए निरीक्षक छवि राम को लाइन हाजिर भी किया गया था। इसके बावजूद पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने उन पर दोबारा विश्वास जताते हुए शहर की यातायात व्यवस्था की कमान उनके हाथ में सौंप रखी है। परंतु इस घटना ने निरीक्षक छवि राम की छवि पर दोबारा ग्रहण लगा दिया है। लोगों का कहना है कि जब यातायात कर्मी कथित पत्रकारों के आगे इस प्रकार नतमस्तक दिखाई दें तो आमजन की समस्याएं कौन देखेगा? अब देखने वाली बात यह है कि पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह, क्षेत्राधिकारी यातायात राहुल यादव और निरीक्षक छवि राम इस गंभीर लापरवाही पर क्या कदम उठाते हैं। शहरवासी सख्त कार्रवाई की उम्मीद लिए पुलिस प्रशासन की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।

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