Trending News: अंधाधुंध फायरिंग में तीन की मौत, दो गंभीर रूप से घायल, बक्सर (Buxar) में बालू विवाद में खूनी माहौल से थर्राया इलाका।
बिहार के बक्सर (Buxar) जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में 24 मई 2025 की सुबह एक मामूली विवाद ने इतना भयावह रूप ले लिया कि पूरे इलाके...

बिहार के बक्सर (Buxar) जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में 24 मई 2025 की सुबह एक मामूली विवाद ने इतना भयावह रूप ले लिया कि पूरे इलाके में दहशत फैल गई। बालू गिराने को लेकर हुए विवाद में दो गुटों के बीच हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा किया, बल्कि बिहार में बढ़ते अपराध और आपसी विवादों की गंभीरता को भी उजागर कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं।
घटना शनिवार सुबह अहियापुर गांव में हुई, जो राजपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह विवाद बालू और गिट्टी के अवैध खनन या परिवहन को लेकर शुरू हुआ। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, एक गुट ने दूसरे गुट के बालू गिराने की गतिविधि पर आपत्ति जताई, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हुई। यह मामूली बहस जल्द ही हिंसक टकराव में बदल गई, और एक पक्ष ने हथियार उठाकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस गोलीबारी में पांच लोग गोलियों का शिकार हुए, जिनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान एक ही परिवार के सदस्यों के रूप में हुई है, जिसने इस घटना को और भी दुखद बना दिया।
दो घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया है। गोलीबारी की खबर फैलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके कारण पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
घटना की सूचना मिलते ही बक्सर (Buxar) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शुभम आर्या और राजपुर थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तुरंत क्षेत्र को घेर लिया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया। एसपी शुभम आर्या ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह विवाद बालू और गिट्टी के अवैध कारोबार से जुड़ा है, जो क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा था। पुलिस ने मौके से साक्ष्य जमा किए हैं, जिसमें खून के नमूने और गोली के खोखे शामिल हैं। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए बक्सर (Buxar) सदर अस्पताल भेजा गया है।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और हमलावरों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। एसपी ने आश्वासन दिया कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और जांच को पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाएगा।
घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोग इस हिंसक घटना की निंदा कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "मैं पिछले एक साल से अहियापुर और आसपास के क्षेत्रों में अवैध बालू खनन के खिलाफ शिकायत कर रहा हूं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज यह हिंसा उसी का नतीजा है।" इस तरह की प्रतिक्रियाओं से साफ है कि स्थानीय लोग इस तरह की घटनाओं से त्रस्त हैं और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और मृतकों के परिजनों के लिए न्याय की मांग की। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि अवैध बालू खनन का कारोबार क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा है और स्थानीय प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। इस घटना ने एक बार फिर बिहार में अवैध खनन और उससे जुड़े अपराधों पर सवाल खड़े किए हैं।
अवैध बालू खनन और ....
बक्सर (Buxar) और आसपास के क्षेत्रों में अवैध बालू खनन एक पुरानी समस्या रही है। गंगा और सोन नदियों के किनारे बसे इस क्षेत्र में बालू का अवैध खनन और परिवहन बड़े पैमाने पर होता है, जिसके कारण कई बार आपसी विवाद और हिंसक घटनाएं सामने आती हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि इस तरह के विवाद अक्सर दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम होते हैं। अवैध खनन से जुड़े माफिया और स्थानीय गुंडों के बीच टकराव आम बात है, और इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ।
पुलिस और प्रशासन ने पहले भी इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने की कोशिश की है, लेकिन अवैध खनन का नेटवर्क इतना मजबूत है कि यह बार-बार सामने आता है। इस घटना के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
यह घटना न केवल एक आपराधिक मामला है, बल्कि समाज और कानून-व्यवस्था के लिए भी एक गंभीर चुनौती पेश करती है। एक मामूली विवाद का इतना हिंसक रूप लेना यह दर्शाता है कि समाज में सहनशीलता और संवाद की कमी है। साथ ही, यह सवाल भी उठता है कि क्या स्थानीय प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने में सक्षम है? अवैध खनन जैसे मुद्दों पर ठोस नीति और सख्ती की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
इसके अलावा, यह घटना बिहार में बढ़ते अपराध और हिंसा के मामलों को भी रेखांकित करती है। हाल के महीनों में बक्सर (Buxar) और आसपास के क्षेत्रों में कई आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं, जैसे कि नया भोजपुर गांव में एक युवक की हत्या और आरा रेलवे स्टेशन पर गोलीबारी। इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है।
बक्सर (Buxar) के अहियापुर गांव में हुई इस गोलीबारी ने एक बार फिर बिहार में कानून-व्यवस्था और अवैध खनन की समस्या को उजागर किया है। तीन लोगों की मौत और दो के गंभीर रूप से घायल होने से न केवल एक परिवार तबाह हुआ, बल्कि पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया।
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