Viral News: बलिया में फर्जी मार्कशीट के सहारे 14 साल तक यूपी पुलिस में नौकरी, सिपाही बर्खास्त, चाचा के खिलाफ भी FIR।

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर उत्तर प्रदेश ...

May 29, 2025 - 20:34
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Viral News: बलिया में फर्जी मार्कशीट के सहारे 14 साल तक यूपी पुलिस में नौकरी, सिपाही बर्खास्त, चाचा के खिलाफ भी FIR।

बलिया, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही की नौकरी हासिल की और 14 साल तक विभिन्न जिलों में सेवा दी। दो साल पहले एक शिकायत के बाद हुई जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी सिपाही को बर्खास्त कर दिया और उसके साथ-साथ शिकायतकर्ता, जो उसके सगे चाचा हैं, के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया।

बलिया जिले के गांव सैमरी निवासी अखिलेश कुमार ने 2009 में उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हासिल की थी। उनकी नियुक्ति बलिया के ज्योति इंटर कॉलेज की 12वीं की मार्कशीट के आधार पर हुई थी। साल 2023 में उनकी तैनाती अमरोहा जिले में थी। जनवरी 2023 में उनके सगे चाचा विनोद कुमार ने लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में गोपनीय शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि अखिलेश ने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी हासिल की है। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि अखिलेश ने अपनी नियुक्ति के लिए ज्योति इंटर कॉलेज की एक फर्जी मार्कशीट जमा की थी, जिसमें उन्हें पास दिखाया गया था। यूपी बोर्ड ने इस मार्कशीट को फर्जी करार दिया और पुष्टि की कि उनके रिकॉर्ड में ऐसी कोई मार्कशीट मौजूद नहीं है। इसके अलावा, शिकायतकर्ता विनोद कुमार ने एक अन्य मार्कशीट भी प्रस्तुत की, जो ज्योति इंटर कॉलेज की ही थी, लेकिन उसमें अखिलेश को फेल दिखाया गया था।

आरोपी का बयान और बर्खास्तगी: जांच के दौरान अखिलेश कुमार ने शपथपत्र देकर स्वीकार किया कि फर्जी मार्कशीट उनके चाचा विनोद कुमार ने ही बनवाई थी। उन्होंने दावा किया कि नौकरी लगने के बाद उनके और चाचा के बीच विवाद हो गया, जिसके चलते विनोद ने शिकायत दर्ज कराई। जांच में अखिलेश को दोषी पाए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। इसके साथ ही, अमरोहा के देहात थाने में अखिलेश और उनके चाचा विनोद कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई। FIR में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 467 (जाली दस्तावेज बनाना), और 468 (धोखाधड़ी के लिए जाली दस्तावेज का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस की कार्रवाई और जांच: पुलिस लाइन के रिजर्व इंस्पेक्टर (RI) घनश्याम ने इस मामले में FIR दर्ज कराई और जांच शुरू की। देहात थाना पुलिस को मामले की गहन जांच का जिम्मा सौंपा गया है। जांच अधिकारी अखिलेश और विनोद के बयानों की पुष्टि कर रहे हैं, साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि फर्जी मार्कशीट बनाने में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। पुलिस का कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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पुलिस विभाग में हड़कंप: इस घटना ने उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है। यह पहला मामला नहीं है जब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने की बात सामने आई हो। हाल ही में श्रावस्ती जिले में भी एक सिपाही को 31 साल तक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में बर्खास्त किया गया था। इन घटनाओं ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और सत्यापन की जरूरत को और मजबूत किया है। यह मामला न केवल पुलिस भर्ती प्रक्रिया में खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जरूरी है। बलिया पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक मजबूत संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता और धोखाधड़ी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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