Sambhal News: NCPCR के अध्यक्ष कर रहे मदरसों के खिलाफ काम: प्रधानाचार्य
मदरसों की फंडिंग व मदरसा बोर्ड बंद करने के एनसीपीसीआर के अध्यक्ष द्वारा लिखे गए राज्यो को पत्र को लेकर सम्भल के मदरसे ...
उवैस दानिश, सम्भल
सम्भल। मदरसों की फंडिंग व मदरसा बोर्ड बंद करने के एनसीपीसीआर के अध्यक्ष द्वारा लिखे गए राज्यो को पत्र को लेकर सम्भल के मदरसे के प्रधानाचार्य में पलटवार करते हुए कहा है कि संविधान के तहत अपने धर्म की शिक्षा प्राप्त करना अधिकार है एनसीपीसीआर के अध्यक्ष मदरसों के खिलाफ काम कर रहे हैं। करोड़ो बच्चे मदरसों में शिक्षा प्राप्त करते हैं ऐसी अपील करने से भारत में शिक्षा का स्तर गिरेगा। मदरसों में धर्म के अलावा अलग-अलग विषयो की शिक्षा दी जा रही है मदरसे देश में शिक्षा का बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो द्वारा मदरसों की फंडिंग व मदरसा बोर्ड बंद करने की सलाह पर राज्यों को भेजे गए पत्र पर सम्भल के मदरसा सिराजुल उलूम के प्रधानाचार्य मौलाना मौहम्मद मियाँ ने पलटवार करते हुए कहा है कि भारतीय संविधान आर्टिकल 28 व 29 के तहत भारत एक सेकुलर स्टेट वाला देश है इसके तहत अपने धर्म की शिक्षा देने का अधिकार प्राप्त है किसी धर्म की शिक्षा रोका जाना संविधान के विरुद्ध है ऐसी कोई बात मानना हुकूमत और संविधान के लिए नुकसानदायक होगा।
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NCPCR के अध्यक्ष मदरसों के खिलाफ कई लेटर लिख चुके हैं हुकूमत को मशवरा दे चुके हैं यह मदरसे के खिलाफ काम कर रहे हैं। भारत में गैर सरकारी मदरसों में डेढ़ करोड़ व सरकारी मदरसों में 19 लाख बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं ऐसी अपील करने से भारत में शिक्षा का स्तर गिरेगा भारत अभी भी पूर्ण रूप से शिक्षित देश नहीं है जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं उन्हें शिक्षित किया जाए उसके बाद में देखा जाए जो बच्चे मदरसों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं वह पूर्ण रूप से शिक्षित हैं क्या नहीं? मदरसों में बच्चों को धर्म के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित के साथ ओर भी विषयों की शिक्षा दी जा रही है मदरसों के बच्चे अच्छे नंबर लाकर समाज के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं उनकी बात की कोई अहमियत नहीं है क्योंकि मदरसे देश में शिक्षा का बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं।
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