Kasganj News: बंदियों को नाम के पहले अक्षर से मिलेगीं जिला जेल में बैरक।
सरकार के आदेश पर जेल प्रशासन ने शुरू की व्यवस्था, बंदियों को तलाशने में नहीं होगी दिक्कत....
रिपोर्ट- अतुल यादव
कासगंज। जिला जेल मैं बंद कैदियों और बंदियों के परिजनों को मुलाकात के समय होने वाली असुविधा से निजात दिलाने के लिए यूपी सरकार ने बहुत अच्छा कदम उठाया है, कारागार मुख्यालय के आदेश के बाद कासगंज जेल प्रशासन भी सरकार के आदेश का अनुपालन करने में जुट गया है।
सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जेल में बंद बंदियों/कैदियों की मुलाकात के समय उनके परिजनों को यह पता नहीं होता है कि वह जेल की किस बैरक में बंद है, जिस बजह से जेल प्रशासन को मुलाकात के समय बंदियों/ कैदियों को ढूंढने में खासी समस्याओं का सामना करना पडता था। अब इस नई व्यवस्था के तहत अगर किसी बंदी का नाम अ से शुरू होता है तो वह जाकर पहली सूची में दर्ज होगा।
उसी के अनुसार उसे बैरक आवंटित की जाएगी। इस प्रक्रिया से अधिकारियों को यह समझने में आसानी होगी कि किस बंदी/कैदी को किस वैरक में रखा गया है। इसका एक और लाभ यह भी है कि मुलाकात के समय बंदियो/कैदियों को आसानी से तलाश किया जा सकेगा और न्यायालय में पेशी पर जाने वाले बंदियों को तलाशने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
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जिला जेल प्रशासन अब बंदियो / कैदियों के नाम के पहले अक्षर के अनुसार सूची तैयार कर रहा है, ताकि जल्द से जल्द सभी को उनके नाम के अनुसार बैरक आवंटित की जा सके। कासगंज जिला जेल के बरिष्ठ जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह के मुताबिक अधिकाश बंदियों को इस व्यवस्था के तहत नई बैरकें मिल चुकी है, जबकि कुछ का काम अभी जारी है। इस नई व्यवस्था से जेल प्रशासन को बंदियों को प्रबंधन अधिक सुचारू रूप से करने में मदद मिलेगी। जिससे जेल में अनुशासन में भी सुधार होगा।
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