जनता के दिलों में उतर रहे पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन 

Jul 27, 2024 - 22:03
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जनता के दिलों में उतर रहे पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन 

जनपद को ऐसे कर्मठ ईमानदार पुलिस अधीक्षक की थी लंबे समय से आवश्यकता

हरदोई।

वर्तमान समय में भ्रष्टाचार के दौर के चलते पीड़ितों को न्याय की उम्मीद टूटती जा रही थी धीरे-धीरे पुलिस विभाग के प्रति जनता का आत्मविश्वास समाप्त होता जा रहा था पुलिस अपनी मनमानी पर आमदा थी पीड़ित थानों के चक्कर काटते काटते पुलिस अधीक्षक के दरबार में मत्था टेकता था वहां से जांच के लिए आदेश होता था और वह जांच तक ही सिमट कर रह जाता था आखिरकार मरता न तो करता क्या की कहावत चरितार्थ कर पीड़ित अपना मनोबल खोकर घर में बैठ जाता था और इससे दबंगों के हौसले और बुलंद हो जाते थे एक तो किसी के द्वारा पीड़ित किया गया व्यक्ति पीड़ित होकर न्याय की आस लगाकर स्थानीय पुलिस के दरबार में जाता था जहां से प्रार्थना पत्र लिखने के नाम से उसका शोषण शुरू होता था और अंत तक शोषण होता रहता था उधर पीड़ित की जेब खाली हो जाती थी और न्याय भी नहीं मिल पाता था तो वह भगवान का भरोसा कर बैठ जाता और सरकार को रात दिन कोसता रहता था जबकि अन्याय करने वाला व्यक्ति पैसा के बलबूते पर अन्याय करता रहता और उसे महारत हासिल हो जाता था। 

अंतरात्मा से दुआएं दे रहे पीड़ित मिलने लगा न्याय...

कुशल नेतृत्व सब कुछ बदल कर रख देता है यह साबित कर दिया है पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने सिस्टम वही सब कुछ वही थाना भी वही और इंसान भी वही लेकिन जिस नेतृत्व की आवश्यकता थी वह आज हरदोई को मिल गया और सब कुछ चंद समय में बदलने लगा जहां पीड़ित चक्कर काटते रहते थे और कोई सुनने वाला नहीं था वहां पर सुनवाई होने लगी पीड़ितों का शोषण बंद हो गया उगाही पर ब्रेक लग गया धीरे-धीरे सब सिस्टम से होने लगा और जादौन के द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदम रामबाण साबित हुए जिससे सुनवाई की समय सीमा तय हो गई और सुनने के लिए बाध्य  होना पड़ गया।
जो पीड़ित कई महीनो से परेशान थे और उनकी कहीं सुनी नहीं जा रही थी उन थके हारे परेशान पीड़ितों को न्याय मिल गया उनकी सुनवाई हो गई जिससे पीड़ित अंतरात्मा से पुलिस अधीक्षक को दुआएं दे रहे हैं लोग यह भी कह रहे हैं कि पीड़ितों के रहनुमा है कप्तान साहब ईश्वर ने उन्हें हम जैसे गरीबों को न्याय देने के लिए इस पद पर बैठाया है और वह अपना बखूबी फर्ज निभा रहे हैं।

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पुलिस अधीक्षक के द्वारा विभाग की छवि धूमिल करने वाले मातहतों पर लगातार कार्रवाई के चलते विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की कमर टूट गई और छवि धूमिल करने वाले अन्य मातहतों के पैरों तले जमीन खिसक गई। आज हमारे देश और प्रदेश को ऐसे ही ईमानदार कर्मठ एवं प्रभावशाली की आवश्यकता है जिससे कि खून में कैंसर की तरह व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ों को समाप्त कर सकें जिससे न्याय का राज स्थापित हो सके और अपराध मुक्त प्रदेश बन सके। पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन का सपना पूर्णतया तब साकार होगा जब पुलिस अधीक्षक कार्यालय में फरियादियों की संख्या शून्य हो जाएगी तब यह इस बात का सबूत होगा कि अब जनपद के सभी थानों में सुनवाई व न्याय होने लगा है।

रिपोर्ट- सुनील कुमार सिंह कुशवाहा 

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