शाहजहांपुर न्यूज़: प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने गांधी प्रतिभा के समक्ष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया।

रिपोर्ट- फै़याज़ उद्दीन
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने प्रांतीय नेतृत्व के आह्वाहन पर जिलाध्यक्ष डा. रत्नाकर दीक्षित के नेतृत्व में गांधी भवन स्थित गांधी प्रतिभा पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि शिक्षामित्र पिछले 23 वर्षो से परिषदीय विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अपने 23 वर्ष के सेवा काल में शिक्षामित्रों ने कई उतार चढ़ाव देखे 2250 रुपए के मानदेय से लेकर 40000 रुपए नियमित वेतन का सफर तय करने के बाद जब 25 जुलाई वर्ष 2017 में सर्वोच्च न्यायालय से सरकार की लचर पैरवी के कारण शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो गया था।
लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत कुछ केंद्र और राज्य की सरकारों पर छोड़ दिया। अगली निकलने वाली शिक्षक भर्ती में वेटेज आदि की व्यवस्था दी गई। लेकिन सरकार ने शिक्षामित्रों के साथ होने वाली दोनो भर्तियों में खेल कर दिया एक बार बीच में कट आफ बढ़ाकर और दूसरी बार परीक्षा के बाद कट ऑफ लगाकर शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने से रोक दिया। अन्य राज्यों की तरह यदि सिर्फ टेट पर शिक्षक भर्ती होती तो आधे से ज्यादा शिक्षामित्र शिक्षक बन गए होते लेकिन सरकार अब तक सिर्फ 10000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दे रही है। इतने कम मानदेय में गुजारा करना कितना मुश्किल है। उन्होंने कहा यह किसी से छिपा नहीं है पिछले 7 वर्षो में महंगाई कहां से कहां पहुंच गई लेकिन शिक्षामित्र के मानदेय में एक पैसे की भी वृद्धि नही की गई।
शिक्षा मित्रों के बच्चे बड़े हो रहे हैं बच्चों की शादी, बूढ़े मां बाप का इलाज ठीक से नहीं करवा पा रहे है इतनी महंगाई में जहां बिना पढ़े लिखे एक मजदूर को 400 रुपए प्रतिदिन मिल रहे है वहां शिक्षा मित्र जो सभी स्नातक, परा स्नातक है, सभी दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त हैं अधिकांश टीईटी पास है। फिर भी 333 रुपए प्रतिदिन की दैनिक मजदूरी पाने और पैसे के अभाव में अवसाद ग्रस्त होकर प्रदेश के लगभग 8000 शिक्षामित्र असमय काल के गाल में समा गए है। आज हम उन सब की आत्मा की शांति के लिए हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर रहे हैं। सरकार अगर चाहें तो अन्य प्रदेशों की तरह शिक्षामित्रों को स्थाई कर सकती है। लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो पाया।
वर्ष 2018 में गठित की गई कमेटी, इसके बाद 14 नवंबर 2023 को गठित की गई कमेटी के निर्णय का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पटल पर पहुंच चुका लेकिन कार्यवाही अभी तक लंबित है।इसके बाद सभी शिक्षामित्र पैदल मार्च करते हुए कलेट्रेट पहुंचे और 7 सूत्रीय मांग पत्र नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा। जिसमें शिक्षा मित्रों को नई शिक्षा नीति में शामिल करते हुए स्थाईकरण, स्थाईकरण होने तक मानदेय/वेतन अन्य राज्यों की तरह दिया जाए। मूल विद्यालय से वंचित शिक्षामित्रों को पुनः मूल विद्यालय जाने की छूट। महिला शिक्षामित्रों को ससुराल के पड़ोस के विद्यालय में स्थानांतरित। शिक्षामित्रों को ईपीएफ आयुष्मान योजना में शामिल करते हुए मृतक शिक्षामित्रों के आश्रितों को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को नौकरी दी जाय।
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इस मौके पर जूनियर हाई स्कूल के जिला अध्यक्ष मगरे लाल, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ऋषिकांत पांडेय एसटीएससी संघ के जिलाध्यक्ष अजय वर्मा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री अंकुर त्रिपाठी यूटा के जिलाध्यक्ष विनीत गंगवार अनुदेशक संघ के जिलाध्यक्ष रवि वर्मा उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्यामलाल यादव, जिला महामंत्री राम पूत पाल जिला प्रभारी वेद वर्मा जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र दीक्षित जिला कोषाध्यक्ष मिथलेश यादव, आलोक वर्मा, सुबोध वर्मा, विश्राम सिंह, हरिशंकर, उषा मिश्र, शबाना नाज, मंजू, कविता, सच्ची, मीना, पूजा सिंह, धरमेंद्र, सिकंदर खां, मंजू, सुनीता, राधा, पिंकी, अर्चना राजनीवाला, गीता, पुष्पा देवी, अरुण शुक्ला, पुष्पेंद्र सिंह, विचित्र पाल सहित बड़ी संख्या में शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक उपस्थित रहे।
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