Madhya Pradesh News: महाकुंभ के लिए खंडवा से 28 लोगों के साथ निकला श्रद्धालु, काशी में भटककर पहुंचा बैतूल।
9 दिन बाद ऑटो एंबुलेंस चालकों की सूझबूझ से घर पहुंचा, खंडवा से गुमशुदा पिता को कार से बैतूल लेने पहुंचा बेटा....
रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
बैतूल। किसी भी सड़क या रेल दुर्घटना में घायलों को तत्परता से अस्पताल पहुंचाने वाले ऑटो चालक बिछड़ों को मिलाने और जरूरतमंदों की मदद में भी आगे आ रहे है। इसकी बानगी शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर देखी गई जब 9 दिनों से शहर में भटक रहे एक व्यक्ति को ऑटो एंबुलेंस चालक अनिल मंडलकर और उनके अन्य ऑटो चालक साथियों ने परिजनों से मिलवाया और शुक्रवार शाम को सुरक्षित परिजनों के सुपुर्द किया।
यह है मामला 9 जनवरी को खंडवा निवासी रामेश्वर पटेल 28 श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ महाकुंभ प्रयागराज के लिए निकले थे, लेकिन वह कुंभ मेले में पहुंचते इसके पहले ही भटक गए। 11 जनवरी को उन्हें आखिरी बार काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लाइन में लगा देखा गया था रामेश्वर पटेल के साथ प्रयाग के लिए निकले श्रद्धालुओं ने उन्हें काशी में ढूंढा लेकिन नहीं मिले जिसके बाद प्रयागराज में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई और परिजनों को सूचना दी गई।श्री पटेल पिछले 8 दिनों से बैतूल में ही भटक रहे थे, वह बैतूल कैसे पहुंचे उन्हें यह याद नहीं है। अक्सर ऑटो में बैठकर वह संजय नगर, मच्छी बाजार ले जाने का कहते लेकिन पूरा पता नहीं बता पाते।अधूरे पते की वजह से 8 दिनों से शहर में भटक रहे श्री पटेल को आखिर 9 वें दिन ऑटो एंबुलेंस चालक अनिल मंडलेकर की मदद मिली।
- ऐसे परिजनों से हुआ संपर्क
अनिल मंडलेकर ने बताया कि शुक्रवार को जब श्री पटेल उनकी ऑटो में बैठे और एक मोबाइल नंबर पर उन्होंने कॉल करने के लिए कहा। यह श्री पटेल का ही नंबर था और उनका मोबाइल प्रयागराज महाकुंभ के लिए गए श्रद्धालुओं के पास था। मोबाइल पर कॉल आते ही श्रद्धालुओं ने ऑटो चालक अनिल का नंबर उनके बेटे प्रफुल्ल पटेल को दिया पर प्रफुल्ल के कॉल आने से पहले ही श्री पटेल ऑटो से उतर चुके थे।जब अनिल को प्रफुल्ल ने कॉल करके बताया कि उनके पिता 9 दिनों से लापता है तो अनिल ने उन्हें ढांढस बंधाया और आश्वस्त किया कि उनके पिता को किसी भी हालत में ढूंढ निकलेंगे।इसके बाद श्री पटेल की फोटो और अन्य जानकारी ऑटो एंबुलेंस ग्रुप सहित सभी ऑटो यूनियन एवं अन्य ग्रुप में ऑटो एंबुलेंस चालक नीलेश चौधरी सहित अन्य ऑटो चालकों ने शेयर की गई। इधर अनिल ने अपना ऑटो घर पर खड़ा कर ऑटो चालक तोदासिंह सोलंकी के साथ बाइक से शहर के सभी चौक चौराहों और मुख्य सड़कों पर रामेश्वर पटेल को ढूंढना शुरू किया।करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद श्री पटेल हॉस्पिटल के पास मिले।जिसके बाद उन्होंने श्री पटेल के बेटे प्रफुल्ल को सूचित किया।प्रफुल्ल ने तत्काल अनिल को वीडियो कॉल किया और पिता को देखते ही फुटफूटकर रोने लगे।उन्होने पिता का ध्यान रखने का कहकर अपने चाचा और अन्य रिश्तेदारों के साथ बैतूल के लिए कार से रवानगी ली और शाम करीब 7 बजे बैतूल पहुंचे।ऑटो चालकों ने श्री पटेल को जूते, भोजन सहित अन्य जरूरत की चीजें भी दिलवाई।
- ऑटो एंबुलेंस योजना टीम ने माना आभार
इस दौरान अनिल मंडलकर द्वारा ऑटो एंबुलेंस योजना की संचालक गौरी पदम एवं भारत सिंह पदम को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।शाम को ऑटो एंबुलेंस योजना टीम की मौजूदगी में श्री पटेल को उनके बेटे प्रफुल्ल एवं भाई सहित अन्य परिजनों के सुपुर्द किया गया। प्रफुल्ल ने बताया कि पिता को खोजने उनके छोटे भाई आकाश पटेल भी शुक्रवार को प्रयाग के लिए निकले थे। पिता के बैतूल में होने की सूचना मिलने पर उन्हें सागर से वापस बुलवा लिया है।बैतूल में चल रही इस भलाई की सप्लाई के लिए टीम ऑटो एंबुलेंस ने अनिल सहित सभी ऑटो चालक तोदासिंह सोलंकी, नीलेश चौधरी, मनोहर आथनकर, रशीद खान, जावेद खान, साबिर कुरैशी, नुसरत अली, टीटू सरदार, सोनू जायसवाल, अमित तिवारी का आभार माना।
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