Baitul News: बैतूल के मुलताई में अवैध कॉलोनियों का जाल, नगरपालिका की चुप्पी पर उठे सवाल, जिम्मेदारों की चुप्पी अब संदेह के घेरे में, TNCP, RERA और नगर पालिका अंधेरे में?
पुलिस प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए नगरपालिका से कॉलोनियों की सूची और संबंधित दस्तावेज मांगे हैं, ताकि धोखाधड़ी, बिना अनुमति ...
रिपोर्ट: शशांक सोनकपुरिया, बैतूल, मध्यप्रदेश
By INA News Baitul.
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई नगर में अवैध कॉलोनियों का तेजी से बढ़ता जाल अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। बिना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TNCP), रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) और नगरपालिका की अनुमति के विकसित हो रही 85 से अधिक अवैध कॉलोनियां न केवल कानून का उल्लंघन कर रही हैं, बल्कि भोली-भाली जनता को धोखाधड़ी का शिकार भी बना रही हैं। नगरपालिका की रहस्यमयी चुप्पी और कार्रवाई में देरी ने अब संदेह को जन्म दिया है कि क्या इसमें कोई अंदरूनी मिलीभगत है?
पुलिस प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए नगरपालिका से कॉलोनियों की सूची और संबंधित दस्तावेज मांगे हैं, ताकि धोखाधड़ी, बिना अनुमति निर्माण और कानून उल्लंघन के तहत FIR दर्ज की जा सके। लेकिन नगरपालिका की ओर से अब तक कोई ठोस जानकारी या सहयोग नहीं मिला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह लापरवाही नहीं, बल्कि अवैध कॉलोनाइजर्स को संरक्षण देने की साजिश हो सकती है।
उज्जैन बना मिसाल, मुलताई क्यों पीछे?
उज्जैन नगर निगम ने हाल ही में चार अवैध कॉलोनाइजर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120B (आपराधिक साजिश) और नगरपालिका अधिनियम 1956 की धारा 292(ग) के तहत FIR दर्ज की है।
देवकरण डेहरिया (थाना प्रभारी, मुलताई)
इस कार्रवाई ने अवैध कॉलोनियों पर नकेल कसने की मिसाल पेश की है। सवाल यह है कि जब उज्जैन जैसे बड़े शहर में कानून का पालन संभव है, तो मुलताई में नगरपालिका की निष्क्रियता क्यों?
मुलताई में अवैध कॉलोनियों के विकास में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं:
- बिना अनुमति कॉलोनी विकास: TNCP, RERA और नगरपालिका की मंजूरी के बिना कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं।
- राजस्व हानि: शासन को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
- EWS मापदंडों की अनदेखी: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया जा रहा।
- धोखाधड़ी और झूठे वादे: बिना कार्यक्षमता प्रमाण पत्र (Completion Certificate) के प्लॉट बेचे जा रहे हैं, जिससे खरीदारों को धोखा दिया जा रहा है।
इन अवैध गतिविधियों के खिलाफ निम्नलिखित धाराओं में FIR दर्ज हो सकती है:
- IPC धारा 420: धोखाधड़ी कर संपत्ति हासिल करना।
- IPC धारा 120B: आपराधिक षड्यंत्र।
- IPC धारा 406/409: विश्वासघात और गबन (यदि धन लिया गया हो)।
- नगरपालिका अधिनियम 1956, धारा 292(ग): बिना अनुमति कॉलोनी निर्माण।
जनता के सवाल, प्रशासन की जवाबदेही
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने नगरपालिका की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं।
क्या यह चुप्पी केवल लापरवाही का परिणाम है, या अवैध कॉलोनाइजर्स के साथ कोई आंतरिक गठजोड़ है? मुलताई में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई न होने से न केवल शहरी अव्यवस्था बढ़ेगी, बल्कि जनता का प्रशासन पर विश्वास भी डगमगाएगा।
उज्जैन से सबक, मुलताई में कार्रवाई की जरूरत
उज्जैन की तर्ज पर मुलताई में भी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
वीरेंद्र तिवारी (सीएमओ, मुलताई नगरपालिका)
यदि समय रहते इन अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा नहीं कसा गया, तो यह भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को और बढ़ावा देगा। जनता की मांग है कि नगरपालिका और प्रशासन तुरंत कदम उठाए, ताकि कानून का शासन स्थापित हो और जनता के हितों की रक्षा हो। मुलताई में अवैध कॉलोनियों का यह खेल केवल कानून का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ भी है।
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