बैतूल जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार: डॉ. वंदना धाकड़ पर ऑपरेशन के लिए 5,000 रुपये मांगने और धमकाने का आरोप, कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश जांच प्रक्रिया विवरण अन्य अस्पताल भ्रष्टाचार।
बैतूल में भृष्टाचार चरम पर है जिला अस्पताल बैतूल एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। विकासखंड आठनेर के ग्राम अंधेरबावड़ी निवासी जयदेव ...

रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के बैतूल में भृष्टाचार चरम पर है जिला अस्पताल बैतूल एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। विकासखंड आठनेर के ग्राम अंधेरबावड़ी निवासी जयदेव सेलुकर ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी पत्नी संगीता को 29 जून 2025 को प्रसव हेतु जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। तीन दिन तक सामान्य प्रसव नहीं हो पाने के बाद डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन की सलाह दी गई।
शिकायत के अनुसार, ऑपरेशन से पहले अस्पताल में पदस्थ एक नर्स ने ₹5000 की मांग की। परिजनों ने आर्थिक तंगी के कारण तत्काल पैसा नहीं दिया, लेकिन बाद में जयदेव की सास ने यह रकम दी। आरोप है कि पैसे दिए बिना ऑपरेशन को जानबूझकर टाल दिया गया और परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
जयदेव सेलुकर का आरोप:
"ऑपरेशन से पहले पांच हजार रुपये की मांग की गई। पैसा न होने की वजह से मेरी पत्नी की जान को खतरे में डाला गया।"
डॉक्टर पर धमकाने का भी आरोप शिकायत की जानकारी मिलने के बाद मामला और भी गंभीर हो गया, जब जयदेव ने आरोप लगाया कि अस्पताल की महिला डॉक्टर वंदना धाकड़ ने उन्हें अस्पताल बुलाकर डांटा-धमकाया और एक कागज पर जबरन हस्ताक्षर करवाए। जयदेव का कहना है कि डॉक्टर द्वारा यह भी कहा गया कि यदि शिकायत वापस ली जाए, तो ₹5000 शाम तक लौटा दिए जाएंगे।
सिविल सर्जन डॉ. जगदीश घोरे ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए परिजनों को आश्वस्त किया कि मरीज की आगे की पूरी जिम्मेदारी अस्पताल की होगी।
विरोध में उतरे सामाजिक संगठन
इस घटना के विरोध में सामाजिक संगठन 'जोहार ट्रैवल 5' ने जिला अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर वंदना धाकड़ को हटाने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। संगठन के अनुसार डॉक्टर वंदना और उनके पति पर पूर्व में भी कई शिकायतें हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासनिक संरक्षण के चलते कार्रवाई नहीं हो सकी।
संगठन का आरोप:
"गरीब प्रसूताओं से पैसे वसूलना अमानवीय है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
घटना की गंभीरता को देखते हुए अपर कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने सात दिवस के भीतर निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
संगठन की चेतावनी:
"यदि सात दिन में कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।"
अंततः, मरीज के परिजन से लिए गए ₹5000 की राशि शाम को लौटा दी गई है।
बैतूल जिला अस्पताल में प्रसूता के ऑपरेशन के बदले रिश्वत की मांग और डॉक्टर पर धमकी देने के गंभीर आरोप ने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और सख्ती बरतता है।
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