Delhi Blast : दिल्ली के लाल किले के पास कार विस्फोट को केंद्र सरकार ने बताया आतंकी हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर तत्काल प्रतिक्रिया दी। भूटान की यात्रा के दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और दिल्ली लौटकर सीधे अस्पताल प
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर 2025 को शाम करीब साढ़े छह बजे लाल किले के पास एक कार में हुए विस्फोट ने पूरे राष्ट्र को झकझोर दिया। इस घटना में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 27 से अधिक लोग घायल हुए। केंद्र सरकार ने इस विस्फोट को स्पष्ट रूप से एक आतंकी हमला घोषित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस घटना की कड़ी निंदा की गई। बैठक के दौरान मंत्रिमंडल ने पीड़ितों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा। साथ ही, एक प्रस्ताव पारित कर आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद कहा कि यह एक कायरतापूर्ण और घृणित आतंकी घटना है, जिसे देश विरोधी ताकतों ने अंजाम दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों को बिना किसी देरी के सख्त सजा दी जाएगी।
घटना की शुरुआत शाम के व्यस्त समय में हुई। लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के पास एक धीमी गति से चल रही ह्युंडई आई20 कार रुक गई। अचानक उसमें जबरदस्त धमाका हो गया, जिससे आसपास की कई गाड़ियां आग की लपटों में घिर गईं। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि विस्फोट से पहले कार चांदनी चौक इलाके में घूम रही थी। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि आसपास की दुकानों के शीशे टूट गए और सड़क पर अफरा-तफरी मच गई। चश्मदीदों ने बताया कि विस्फोट के बाद लोग चीखते-चिल्लाते भागे। एक दुकानदार ने कहा कि वह मोबाइल की दुकान पर ग्राहकों से बात कर रहा था, तभी जोरदार आवाज आई और सब कुछ कांप उठा। कई लोग आग की चपेट में आ गए, जबकि कुछ को मलबे के नीचे दबने से चोटें लगीं। लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की कि ज्यादातर घायल सड़क पर चल रहे राहगीर या आसपास के वाहनों में सवार थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर तत्काल प्रतिक्रिया दी। भूटान की यात्रा के दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और दिल्ली लौटकर सीधे अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और उनके इलाज का जायजा लिया। मोदी ने कहा कि यह साजिश रचने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को निर्देश दिए कि जांच को तेज किया जाए और दोषियों की पूरी श्रृंखला को उजागर किया जाए। शाह ने कहा कि इस घटना में शामिल हर व्यक्ति को कानून की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी मृतकों के परिवारों को पांच लाख रुपये और घायलों को दो लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पूरे सहयोग के लिए तैयार है।
जांच के शुरुआती नतीजे चौंकाने वाले हैं। पुलिस ने पाया कि कार अमोनियम नाइट्रेट से लदी थी, जो एक शक्तिशाली विस्फोटक है। यह विस्फोट संभवतः एक सुसाइड अटैक था, क्योंकि ड्राइवर की पहचान पुलवामा के डॉक्टर उमर नबी के रूप में हो रही है। नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद में काम करता था। घटना से कुछ घंटे पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में एक 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इस मॉड्यूल से जुड़े जयश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे संगठनों के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास 2900 किलोग्राम विस्फोटक और हथियार बरामद हुए। जांचकर्ताओं का मानना है कि दिल्ली ब्लास्ट इसी मॉड्यूल का हिस्सा था। एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि क्या यह विस्फोट समय से पहले हुआ, क्योंकि मॉड्यूल पर छापेमारी के बाद आतंकी घबरा गए थे। फरीदाबाद पुलिस ने एक अन्य संदिग्ध कार डीएल 10 सीके 0458 को बरामद किया, जो दिल्ली पुलिस द्वारा चिह्नित थी। इस कार को खंडावली गांव के पास पार्क किया गया पाया गया। अब तक कानपुर, लखनऊ और सहारनपुर में छापेमारी जारी है, जहां नौ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है। एनआईए की टीम घटनास्थल पर फोरेंसिक सबूत इकट्ठा कर रही है। उन्होंने 42 से अधिक नमूने लिए हैं, जिनमें विस्फोटक के अवशेष शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के अलावा अन्य उच्च गुणवत्ता वाले पदार्थ भी थे। दिल्ली पुलिस ने अवैध गतिविधि निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत एफआईआर दर्ज की है। मेट्रो रेल निगम ने लाल किला स्टेशन को 12 नवंबर को भी बंद रखा, जबकि अन्य स्टेशन सामान्य रूप से चले। सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली में अलर्ट बढ़ा दिया गया है। मॉल, बाजार और मेट्रो स्टेशनों पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है।
इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। विपक्षी दलों ने भी हमले की निंदा की और सरकार से पारदर्शी जांच की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आईं। पूर्व बांग्लादेश प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसे अस्वीकार्य बताया। अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई। पाकिस्तान में भी एक दिन बाद इस्लामाबाद में एक ब्लास्ट हुआ, लेकिन दोनों घटनाओं के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया।
सरकार की प्रतिक्रिया सख्त है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रस्ताव में स्पष्ट कहा गया कि आतंकवाद किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत किया जाए। यह घटना दिल्ली के लिए पहली नहीं है, लेकिन इसकी तीव्रता ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। 2001 में संसद पर हमला और 2011 में हाईकोर्ट ब्लास्ट जैसी घटनाओं के बाद सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हुए थे, लेकिन यह हमला एक चेतावनी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह आतंकी मॉड्यूल शिक्षित लोगों से जुड़ा था, जो 'व्हाइट कॉलर' टेररिज्म का उदाहरण है। डॉक्टरों और यूनिवर्सिटी स्टाफ के शामिल होने से जांच की दिशा बदल गई है। परिवार वाले डॉक्टर उमर नबी के बारे में कह रहे हैं कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा। उनकी मां ने कहा कि उनका बेटा ऐसा नहीं कर सकता। लेकिन सबूतों के आधार पर जांच आगे बढ़ रही है। एनआईए अब अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की तलाश कर रही है। अमोनियम नाइट्रेट जैसा नियंत्रित पदार्थ कैसे हासिल हुआ, यह सवाल भी उठा है।
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