Hardoi : CDO सान्या छाबड़ा ने किया हाईटेक नर्सरी का निरीक्षण, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गई सब्जी पौध उत्पादन की ट्रेनिंग
यह कार्यक्रम थमरवा हरियावा के ग्राम पंचायत पेंग मजरा बिहारी पुरवा में आयोजित किया गया। राजकीय पौधशाला में स्थापित हाईटेक नर्सरी आधुनिक तकनीकों से लैस
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के थमरवा हरियावा में स्थित राजकीय पौधशाला/प्रक्षेत्र में बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सान्या छाबड़ा ने हाईटेक नर्सरी का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ डीसी मनरेगा हरदोई, जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्रा, सहायक जिला उद्यान निरीक्षक अजय कुमार वर्मा और कल्याणी महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य मौजूद रहीं। निरीक्षण के समय मेसर्स साईं समर्थ इरीगेटर्स, अहमदनगर, पुणे, महाराष्ट्र के इंजीनियर राहुल श्रीवास्तव ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को हाईटेक नर्सरी में सब्जियों और अन्य पौधों के उत्पादन की आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और क्षेत्र में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है।
यह कार्यक्रम थमरवा हरियावा के ग्राम पंचायत पेंग मजरा बिहारी पुरवा में आयोजित किया गया। राजकीय पौधशाला में स्थापित हाईटेक नर्सरी आधुनिक तकनीकों से लैस है, जिसमें पॉलीहाउस, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम और जलवायु नियंत्रण जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह नर्सरी मनरेगा योजना के तहत संचालित की जा रही है और इसका मुख्य लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियों और फलों की पौध तैयार करना है, जो स्थानीय किसानों को कम लागत में उपलब्ध हो सकें। निरीक्षण के दौरान सीडीओ सान्या छाबड़ा ने नर्सरी की कार्यप्रणाली, पौधों की गुणवत्ता और उत्पादन प्रक्रिया का बारीकी से जायजा लिया।
सान्या छाबड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि हाईटेक नर्सरी ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और बागवानी के क्षेत्र में क्रांति लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कल्याणी महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मेहनत की सराहना की और कहा कि ऐसी पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन और उद्यान विभाग मिलकर इस तरह की और परियोजनाओं को बढ़ावा देगा ताकि हरदोई के किसान आधुनिक तकनीकों का लाभ उठा सकें।
जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्रा ने बताया कि इस हाईटेक नर्सरी में टमाटर, बैंगन, मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी और पपीता जैसी फसलों की पौध तैयार की जा रही है। इन पौधों को तैयार करने में रासायनिक उर्वरकों का कम से कम उपयोग किया जाता है, और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नर्सरी में तैयार पौधों को स्थानीय किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उनकी लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ेगा। इसके अलावा, नर्सरी में ड्रिप इरीगेशन और मल्चिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जो पानी की बचत और पौधों की बेहतर वृद्धि सुनिश्चित करता है।
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