Hardoi : टोंडरपुर ग्राम पंचायत में सरकारी धन के गबन मामले में प्रधान- सचिव सहित ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि पर FIR
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने स्वयं इसकी जांच की। जांच में लाखों रुपये की अनियमितताएं सामने आईं। सीडीओ ने पाया कि ग्राम पंचायत
हरदोई : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के टोंडरपुर विकास खंड की टोंडरपुर ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के लिए आवंटित सरकारी धन के गबन का गंभीर मामला सामने आया है। जांच में बिना कार्य करवाए लाखों रुपये की धनराशि खर्च करने की बात पाई गई। इस मामले में ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि और ग्राम प्रधान श्याम बाबू त्रिवेदी तथा ग्राम विकास अधिकारी कौशलेंद्र राजपूत के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी धन के दुरुपयोग की धाराओं में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। साथ ही, ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी की जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। टोंडरपुर ग्राम पंचायत में विकास कार्यों की जांच के लिए खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) ने हाल ही में औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में कई गंभीर खामियां सामने आईं। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ग्राम पंचायत को विभिन्न विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का उपयोग नहीं किया गया, लेकिन कागजों पर इसे खर्च दिखाया गया। ग्राम पंचायत को अंत्येष्टि स्थल के निर्माण के लिए 24 लाख 36 हजार रुपये की धनराशि छह महीने पहले जारी की गई थी। लेकिन निरीक्षण में पाया गया कि इस अवधि में कोई भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। इसके बावजूद, कागजों पर इस धनराशि का उपयोग दिखाया गया, जो गंभीर अनियमितता का संकेत है।
पंचायत लर्निंग सेंटर के लिए सात लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी। इस राशि का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा कथित तौर पर खर्च कर दिया गया, लेकिन सेंटर में कोई काम नहीं हुआ। जांच में पाया गया कि न तो फर्नीचर खरीदा गया, न ही फॉल्स सीलिंग का कार्य हुआ। इसके अलावा, डेस्कटॉप, स्मार्ट टीवी, फोटोकॉपी मशीन, सोलर पैनल जैसी सुविधाएं भी नहीं लगाई गईं। यह स्पष्ट करता है कि धनराशि का दुरुपयोग किया गया। पंचायत भवन, जिसे लाखों रुपये की लागत से बनाया गया था, वह भी सुविधाओं के अभाव में जर्जर हालत में पाया गया। भवन में न तो कंप्यूटर मौजूद थे, न ही फर्नीचर, शौचालय, पेयजल व्यवस्था या विद्युत आपूर्ति की कोई सुविधा थी। इससे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने स्वयं इसकी जांच की। जांच में लाखों रुपये की अनियमितताएं सामने आईं। सीडीओ ने पाया कि ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर धनराशि का दुरुपयोग किया गया। इसके आधार पर उन्होंने सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) ध्रुव कुमार पांडे को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। सहायक विकास अधिकारी ने ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि और ग्राम प्रधान श्याम बाबू त्रिवेदी तथा ग्राम विकास अधिकारी कौशलेंद्र राजपूत के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी धन के दुरुपयोग की धाराओं में FIR दर्ज करवाई। यह कार्रवाई भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत की गई है। जांच में ग्राम विकास अधिकारी कौशलेंद्र राजपूत की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। उनके द्वारा विकास कार्यों की निगरानी में लापरवाही और धनराशि के दुरुपयोग में संलिप्तता के सबूत मिले। इसके चलते मुख्य विकास अधिकारी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। यह कदम प्रशासन की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया दर्शाता है।
टोंडरपुर ग्राम पंचायत के निवासियों ने भी लंबे समय से विकास कार्यों में अनियमितताओं की शिकायतें की थीं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत भवन और अन्य योजनाओं के लिए आवंटित धन का कोई लाभ उन्हें नहीं मिला। अंत्येष्टि स्थल और पंचायत लर्निंग सेंटर जैसे महत्वपूर्ण कार्य अधूरे पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों को असुविधा हो रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद यह जांच शुरू हुई। जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।
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