Hardoi : हरदोई के राम जानकी मंदिर में कवयित्री अलका आकृति के साथभोजन वितरण के दौरान चोरी की घटना

अलका आकृति ने विस्तार से अपनी आपबीती साझा की। वे पति के साथ मंदिर पहुंची थीं, जहां कन्याओं को भोजन पैकेट बांटने का कार्यक्रम चल रहा था। मंदिर के अंदर घुसते ही भीड़

Oct 2, 2025 - 11:45
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Hardoi : हरदोई के राम जानकी मंदिर में कवयित्री अलका आकृति के साथभोजन वितरण के दौरान चोरी की घटना
Hardoi : हरदोई के राम जानकी मंदिर में कवयित्री अलका आकृति के साथभोजन वितरण के दौरान चोरी की घटना

हरदोई के राम जानकी मंदिर में कन्याओं को भोजन पैकेट बांटने के दौरान हुई छीना-झपटी में कवयित्री अलका आकृति की सोने की अंगूठी चोरी हो गई। इस घटना ने न केवल मंदिर प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की कमियों को भी उजागर किया है। अलका आकृति ने बताया कि मंदिर में प्रवेश करते ही बड़ी संख्या में महिलाएं, लड़कियां और बच्चे भोजन पैकेटों को हाथ से ही छीनने लगे। उन्होंने उन लोगों को डांटा, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। उल्टे हाथ खींचे जाने लगे।

अलका आकृति ने विस्तार से अपनी आपबीती साझा की। वे पति के साथ मंदिर पहुंची थीं, जहां कन्याओं को भोजन पैकेट बांटने का कार्यक्रम चल रहा था। मंदिर के अंदर घुसते ही भीड़ उमड़ पड़ी। लगभग 200 से 250 महिलाएं, लड़कियां और बच्चे एक साथ आगे बढ़े। भोजन पैकेटों को लेकर इतनी उत्तेजना थी कि व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई। अलका ने कहा कि वे पैकेट बांट रही थीं, तभी कुछ महिलाओं ने उनके हाथों से जबरदस्ती छीन लिया। इस धक्का-मुक्की में उनकी पहली सोने की अंगूठी, जो उंगली में पहनी हुई थी, निकल गई। कीमत के हिसाब से यह अंगूठी आज के सोने के भाव में करीब 70,000 रुपये की है।

छीना-झपटी का सिलसिला यहीं नहीं रुका। अलका की दूसरी अंगूठी भी आधी उंगली तक खिसक आई। घबराहट में उन्होंने पति को बुलाया। पति ने तुरंत उन महिलाओं और बच्चों को धक्का देकर अलग किया। इसी दौरान अलका को पहली अंगूठी के गायब होने का पता चला। मंदिर में मौजूद एकमात्र कांस्टेबल को इसकी सूचना दी गई। कांस्टेबल ने महिलाओं को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ तेजी से मंदिर के बाहर भाग निकली। केवल कुछ ही महिलाओं और बच्चों को रोका जा सका। बाकी सब फरार हो गए।

अलका ने बताया कि घटना के बाद आधा से पौने घंटा बीत गया, लेकिन कोई महिला कांस्टेबल या अतिरिक्त पुलिस बल नहीं पहुंचा। अगर तलाशी ली जाती, तो शायद चोर पकड़े जाते। उन्होंने कहा कि अंगूठी मिलने की कोई उम्मीद नहीं बची, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मंदिर में भीड़ नियंत्रण जरूरी है। वे सवाल उठाती हैं कि मंदिर प्रबंधन इतनी बड़ी संख्या में लोगों को अंदर क्यों घुसने देता है, जबकि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होते।

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