पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव: नेपाल का आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन
काठमांडू स्थित PM सचिवालय में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में राजदूत श्रीवास्तव ने ओली को पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार द्वारा की गई जवाबी कार्रवाइयों के बारे में बताया। उन्हों....

By INA News Kathmandu/Siddharthanagar.
काठमांडू/सिद्धार्थनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच नेपाल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूत एकजुटता व्यक्त की है। नेपाल के PM केपी शर्मा ओली ने स्पष्ट किया कि उनका देश किसी भी विरोधी शक्ति को अपने पड़ोसी देशों, विशेष रूप से भारत, के खिलाफ अपनी जमीन का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं देगा। इस बीच, नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने शुक्रवार को काठमांडू में PM ओली से मुलाकात कर भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों और पहलगाम (Pahalgam) हमले के जवाब में उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
मुलाकात में भारत-पाक तनाव पर चर्चा
काठमांडू स्थित PM सचिवालय में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में राजदूत श्रीवास्तव ने ओली को पहलगाम (Pahalgam) हमले के बाद भारत सरकार द्वारा की गई जवाबी कार्रवाइयों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए हैं, और फाइटर जेट हमलों के बारे में फैलाया जा रहा प्रचार पूरी तरह गलत है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे।
PM ओली ने इस मुलाकात में आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और वैश्विक शांति के प्रति नेपाल की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, "नेपाल विश्व शांति के पक्ष में है और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाता है। हम किसी भी परिस्थिति में अपनी धरती का उपयोग पड़ोसी देशों के खिलाफ नहीं होने देंगे।" ओली ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' का समर्थन करते हुए कहा कि नेपाल आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में मजबूती से साथ खड़ा है।
नेपाल का विदेश मंत्रालय: भारत के साथ एकजुटता
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर पहलगाम (Pahalgam) हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर चिंता जताई। बयान में कहा गया, "नेपाल सरकार 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम (Pahalgam) में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले से अत्यंत चिंतित है, जिसमें एक नेपाली नागरिक की भी जान गई। इस दुखद समय में नेपाल और भारत एकजुटता के साथ खड़े हैं, साझा दुख और पीड़ा में साथ हैं।" मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि नेपाल आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है और अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी शत्रुतापूर्ण गतिविधि के लिए नहीं होने देगा।
पहलगाम (Pahalgam) हमले में मारे गए नेपाली नागरिक, 27 वर्षीय सुधीप न्यौपाने, नेपाल के रुपनदेही जिले के बुटवल के रहने वाले थे। वह अपनी मां, बहन और बहनोई के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम (Pahalgam) गए थे। इस घटना के बाद नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, PM ओली और विदेश मंत्री देउबा ने सुधीप के परिवार के प्रति शोक व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात दोहराई।
नेपाल में जनाक्रोश: पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रदर्शन
पहलगाम (Pahalgam) हमले के बाद नेपाल में पाकिस्तान के खिलाफ जनाक्रोश देखा गया। काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर सैकड़ों नेपाली नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और कहा कि पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई पोस्ट में इस प्रदर्शन को "पाकिस्तान के खिलाफ नेपाल का गुस्सा" बताया गया, जिसमें नेपाली हिंदुओं की बड़ी भागीदारी को रेखांकित किया गया।
पहलगाम (Pahalgam) हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द करना, और 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित हमले शामिल हैं। भारतीय सशस्त्र बलों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के नौ प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया।
भारत ने वैश्विक समुदाय को भी इस हमले की गंभीरता से अवगत कराया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नई दिल्ली में 30 से अधिक देशों के राजदूतों को हमले के सबूत और भारत की कार्रवाइयों की जानकारी दी। इसके अलावा, अमेरिका, ईरान, सऊदी अरब और अन्य देशों ने भारत के प्रति समर्थन जताया, जबकि नेपाल ने इस संकट में भारत के साथ अपनी एकजुटता को और मजबूत किया।
नेपाल का यह रुख न केवल भारत के साथ उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों के साझा हितों को भी रेखांकित करता है। पहलगाम (Pahalgam) हमले ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की आवश्यकता को उजागर किया है। नेपाल के इस समर्थन और भारत के कूटनीतिक प्रयासों से यह स्पष्ट है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत अकेला नहीं है।
PM ओली और भारतीय राजदूत की मुलाकात, साथ ही नेपाल के विदेश मंत्रालय का बयान, यह दर्शाता है कि दोनों देश मिलकर न केवल इस संकट का सामना करेंगे, बल्कि भविष्य में भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहेंगे।
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