मोदी जी अगर इन धमकी देने वालों को नहीं रोका तो.... आप लोग ट्यूबलाइट हैं...सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रहे हैं- ओवैसी का पलटवार

ओवैसी (Owaisi) की प्रतिक्रिया इन्हीं BJP नेताओं के बयान के बाद आई है। दिनेश शर्मा ने कहा कि कोई भी राष्ट्रपति (President) को चुनौती नहीं दे सकता, क्योंकि राष्ट्रपति (President) सर्वोच्च....

Apr 20, 2025 - 14:34
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मोदी जी अगर इन धमकी देने वालों को नहीं रोका तो.... आप लोग ट्यूबलाइट हैं...सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रहे हैं- ओवैसी का पलटवार

BJP सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dube) के Supreme Court पर दिए गए बयान से बवाल मचा है। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi) ने दुबे पर पलटवार किया है। ओवैसी (Owaisi) ने कहा, तुम लोग (BJP) ट्यूबलाइट हैं। इस तरह से कोर्ट को धमका रहे हैं। क्या आपको पता है (अनुच्छेद) 142 (संविधान का) क्या है? इसे बीआर अंबेडकर ने बनाया था। वे तुमसे ज्यादा दूरदर्शी थे। BJP धोखाधड़ी कर रही है और धार्मिक युद्ध की धमकी देकर डरा रही है। ओवैसी (Owaisi) ने रविवार को BJP नेताओं को ट्यूबलाइट कहकर उनका मजाक उड़ाया।

ओवैसी (Owaisi) ने BJP को संविधान के अनुच्छेद 142 की याद दिलाई, जो सर्वोच्च न्यायालय को उसके समक्ष मामलों में पूर्ण न्याय देने की शक्ति प्रदान करता है। ओवैसी (Owaisi) ने कहा कि मोदी जी अगर आप इन धमकी देने वालों को नहीं रोकेंगे तो देश कमजोर होगा। BJP सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dube) ने कहा था कि Supreme Court अपनी सीमाओं से बाहर जाकर फैसले सुना रहा है। वह संसद को दरकिनार कर रहा है। उन्होंने कहा, शीर्ष अदालत (Court) का एक ही उद्देश्य है ‘चेहरा दिखाओ, कानून बताऊंगा।’ अगर सभी मामलों में Supreme Court ही फैसला देगा तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। दुबे की टिप्पणियों में धार्मिक स्थलों को लेकर भी विवादास्पद संदर्भ शामिल था।

उन्होंने कहा कि जब राम मंदिर या कृष्ण जन्मभूमि जैसे मुद्दे सामने आते हैं तो कोर्ट कागजात मांगता है, लेकिन मुगल काल की मस्जिदों पर कोई दस्तावेज न होने के बावजूद कोर्ट उन्हें स्वीकार कर लेता है। ओवैसी (Owaisi) ने BJP का मजाक उड़ाया और कहा, आप लोग (BJP) ट्यूबलाइट हैं। इस तरह से अदालत (Court) को धमका रहे हैं। क्या आपको पता है कि अनुच्छेद 142 क्या है? इसे बीआर आंबेडकर ने बनाया है। झारखंड के गोड्डा से BJP सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dube) और दिनेश शर्मा ने Supreme Court और मुख्य न्यायाधीश पर विवादस्पद टिप्पणी की।

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ओवैसी (Owaisi) की प्रतिक्रिया इन्हीं BJP नेताओं के बयान के बाद आई है। दिनेश शर्मा ने कहा कि कोई भी राष्ट्रपति (President) को चुनौती नहीं दे सकता, क्योंकि राष्ट्रपति (President) सर्वोच्च हैं। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब देश में न्यायपालिका और विधायिका के अधिकारों की सीमाओं को लेकर बहस चल रही है। जहां एक ओर Supreme Court संविधान की व्याख्या करने का अधिकार रखता है, वहीं संसद को कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है। ओवैसी (Owaisi) ने यह भी चेताया कि BJP अब धार्मिक उन्माद फैलाकर अदालतों को धमका रही है, जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है। दुबे ने कहा कि Supreme Court अपनी सीमाओं से आगे जा रहा है।

अदालत (Court) संसद द्वारा पारित कानूनों को रद्द कर रही है और यहां तक ​​कि राष्ट्रपति (President) को निर्देश दे रही है, जो Supreme Court के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं। संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत कानून बनाना संसद का काम है और अदालत (Court) की भूमिका कानून की व्याख्या करना है। अगर हर काम के लिए Supreme Court ही जाना है तो क्या संसद को बंद कर देना चाहिए। सब चीजों के लिए कानून बना है तो फिर Supreme Court नया कानून कहां से और कैसे बना रहा है।

निशिकांत दुबे (Nishikant Dube) के बयान के बाद विपक्षी नेताओं ने BJP को घेरा। कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास ने कहा कि निशिकांत दुबे (Nishikant Dube) जैसा सांसद बिना ऊपर से निर्देश पाए ऐसे बयान नहीं दे सकता। उन्होंने BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा पर कटाक्ष करते हुए पूछा, आप कब तक राम का नाम लेकर लोकतंत्र पर छुरा घोंपते रहेंगे?विवाद बढ़ता देख BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि BJP सांसदों की टिप्पणियां पार्टी की आधिकारिक राय नहीं हैं। यह निशिकांत दुबे (Nishikant Dube) और दिनेश शर्मा की व्यक्तिगत राय है। BJP इनसे सहमत नहीं है और स्पष्ट रूप से इन्हें खारिज करती है। हालांकि, BJP ने दुबे के बयान से किनारा कर लिया है।BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने X पर लिखे पोस्ट में कहा, BJP सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dube) और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका और देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन BJP ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और ना कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है।

BJP इन बयान को सिरे से खारिज करती है। निशिकांत ने कहा, शीर्ष अदालत (Court) का केवल एक ही उद्देश्य है; मुझे चेहरा दिखाओ और मैं तुम्हें कानून दिखाऊंगा। Supreme Court अपनी सीमाओं से परे जा रहा है। अगर किसी को हर चीज के लिए Supreme Court जाना है तो संसद और विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उधर ओवैसी (Owaisi) ने कहा कि BJP सांसदों की तरफ से इस तरह की बयानबाजी करना न केवल अदालत (Court) की अवमानना है, बल्कि यह देश की संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश है।

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