पीलीभीत: नव वर्ष के स्वागत को पीलीभीत तैयार, आप भी आइए यहां दीदार के लिए
पौराणिक और ऐतिहासिक भव्यता को अपने आपने समाहित किए हुए धर्म शास्त्रों में वर्णित माधोटांडा क्षेत्र के शहागढ़ रेलवे स्टेशन के नजदीक राजा वेणु का किला था जिस के खंडहर के अवशेष आज भी अपने वैभव की कहानी कहते हुए नजर आ रहे हैं। माती माफी में...

By INA News Pilibhit.
रिपोर्ट: कुँवर निर्भय सिंह, आईएनए पीलीभीत, उत्तर प्रदेश
नव वर्ष के आगाज की दस्तक होने लगी है लोग नए वर्ष में लुफ्त उठाने के लिए लाखों रुपए खर्च करके अपने शहर से दूर किसी खास स्थान पर घूमने फिरने का मन बनाने और जाने लगे हैं। वर्ष का अंतिम सप्ताह चल रहा है। नव वर्ष का आनंद उठाने के लिए लोग पहले से ही घूमने फिरने का स्थान निश्चित कर लेते हैं और दूरदराज के मशहूर पिकनिक स्पॉट ,ऐतिहासिक स्थल या धार्मिक स्थलों पर चले जाते हैं। बहुत से लोग स्थान का भी चयन नहीं कर पाते हैं कि कहा जाया जाए। जहां परिवार के वृद्ध, बच्चों, युवाओं एवं सभी का अच्छा लगे। तो परेशान न हो, इसके लिए पीलीभीत आइएखूबसूरत तराई का यह जनपद चारों और वनों से आच्छादित है और इन वनों में अकूत वन संपदा एवं वन्य जीव जंतु विचरण करते हैं जनपद के कई मार्ग जंगल के बीचों-बीच से गुजरते हैं जो अपने आप में ही मनमोहक लगते हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व बन जाने के बाद पीलीभीत में स्थानीय स्तर के पर्यटकों के अलावा देश विदेश के पर्यटकों ने भी अपनी यहां आमद दर्ज कराई आज स्थिति यह हो गई की पीलीभीत टाइगर रिजर्व के मशहूर चूका स्पॉट और वन क्षेत्र के सभी गेस्ट हाउस पूर्ण रुप से एडवांस बुक हो चुके हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पहुंचने पर आपको सरलता से बाघ के दर्शन हो जाएंगे और यह वर्ष आपके लिए यादगार वर्ष बन जायेगा।
जंगल सफारी करते समय आपको घास के मैदान मैदान में या सड़क पर हिरणों के झुंड कुलांचे मारकर आपके करीब से गुजर जाएगा तो सड़क पर आराम करता हुआ आपको अजगर के भी दर्शन हो सकते हैं शारदा सागर के जलाशय में सुबह की धूप का आनंद लेता हुआ मगरमच्छ भी दिख सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है शारदा सागर के डैम के साइबेरियन पक्षियों के झुंड कलरव करते हुए दिखाई दे जाएंगे जो आपकी मन की शांति को और सुकून देंगे चारों ओर आपको बस प्रकृति की खूबसूरती ही नजर आएगी इस खूबसूरत पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी करते समय शारदा मुख्य कैनाल की धारा भी आपका मन मोह लेगी मोर ,मुर्गे और बंदर कदम कदम पर आपका स्वागत करते हुए नजर आएंगे मन को शांति प्रदान करने के लिये गौधूलि की वेला में लखनऊ की शान बढ़ाने वाली मां आदि गंगा गोमती नदी का उद्गम स्थल माधोटांडा की फुल्हर झील के नजारे भी आपको अपनी ओर आकर्षित करने में कम साबित नहीं होंगे। जहां वनारस की तर्ज पर होने वाली सायंकाल की आरती आपके मन को मोह लेंगी।
यह है पीलीभीत के खूबसूरत मनोरम पिकनिक और धार्मिक स्पॉट...
मां आदि गंगा गोमती नदी उद्गम स्थल तीर्थ स्थल
ऋषि वशिष्ठ की पुत्री, लखनऊ की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली मां आदि गंगा गोमती नदी का उद्गम स्थल जनपद पीलीभीत की तहसील कलीनगर के माधोटाडा के गोमत झील है इस नदी का अपना ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व है।उद्गम स्थल के तट पर कई प्राचीन मंदिर एवं माधोटांडा के राज घराने की हुई सतियो के भी मंदिर है मां आदि गंगा गोमती के तट पर बाबा दुर्गा नाथ जी का समाधि मंदिर,एवं माता गोमती का भव्यमंदिर बना हुआ उद्गम तीर्थ स्थल पर प्रति शाम को बनारस की तर्ज पर आरती का आयोजन होता है जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं।
ट्रैवल कैफे , बेहतरीन हट्स, गोमती फन जोन जिसमें नन्हे मुन्ने बच्चे से लेकर बड़े बूढ़े भी ट्रेन की सफारी का आनंद उठा सकते हैं।
पीटीआर का मिनी गोवा यानी चूका स्पॉटचूका पिकनिक स्पॉट
वन संपदा से परिपूर्ण पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ वन क्षेत्र मे बना चूका स्पॉट लोगों की पहली पसंद होता जा रहा है हरे भरे जंगलों के बीच एक ओर 22 किलोमीटर लम्बा एवं पांच किलोमीटर चौड़ा शारदा सागर जलाशय का नीला स्वच्छ जल उसमे कल- कल करते हुए लाखों साइबेरियन पंक्षी लोगों का मन मोह लेते हैं चूका स्पॉट पर वॉटर हट, ट्री हट ,थारु हॉट, पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है इस स्थान पर पहुंचने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के निर्धारित मार्गो एवं उनके द्वारा संचालित किए जाने वाले वाहनों से ही जाया जा सकता हैं।
अंग्रेजो के जमाने का बना नहरों का जंक्शन बाइफरकेशनमाधौटांडा स्टेट के नजदीक बराही वन क्षेत्र में सन 1926 में अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के दौरान खूबसूरत जंगल के बीचो-बीच यहां के किसानों को उनकी फसलों की सिंचाई के लिए समुचित जल उपलब्ध कराने के लिए नहरों का जाल फैलाया और एक वीवीआई पी निरीक्षण भवन का निर्माण कराया था।ब्रिटिश काल के समय का बना हुआ यह निरक्षण भवन आज गेस्ट हाउस का रूप में लगातार मशहूर हो रहा है।
पीलीभीत के साल सागौन के हरे-भरे जंगल की खूबसूरत वादियां
पीलीभीत के जंगल की खूबसूरती और यहां की प्राकृतिक वन संपदा केवल भारत में ही नहीं देश दुनिया के तमाम देशों में प्रसिद्ध थी और आज भी यहां के प्राकृतिक वन और उनके बीच से निकलने वाली नहरे, घने सुरम्य वादियों के जंगल के बीच ब्रिटिश काल की बनी हुई कोठियां जिन्हें आज गेस्ट हाउस कहा जाता है अनायास ही लोगों को अपने मोबाइल में तस्वीर उतारने को लेकर विवश कर देते हैं। ऐसा लगता है जैसे स्वयं विधाता ने दोनों हाथों से पीलीभीत की सुंदरता को निखारा है।भारत- नेपाल सीमा पर कल- कल करती हुई शारदा नदी
पीलीभीत हिमालय पर्वत की प्रमोद दायिनी शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में बसे होने के कारण अपने अंक में प्राकृतिक सुंदरता को समाए हुए है। इसकी शिवालिक पहाड़ियों से कल कल का नाद करती हुई शारदा नदी का इठलाता बलखाता विहंगम दृश्य मन को मोह लेता है। इस नदी के तट पर खूबसूरत जंगल और बंगाली कॉलोनी सुंदरता में चार चांद लगाती हैं।
ब्रिटिश काल का सप्त सरोवर
पीटीआर के बराही जंगल में बंगाली कॉलोनी के नजदीक लगभग सौ साल पहले बना सात झाल आज का सप्त सरोवर भी अपने आप में अजूबा है। यह जगह भी बेहद खूबसूरत है। इस स्थल का निर्माण भी ब्रिटिश काल में ही कराया गया था।
शारदा सागर भी सुंदरता में लगा रहा चार चांद
22 किलोमीटर लंबे और 5 किलोमीटर चौड़े शारदा सागर जलाशय के अथाह जल को देख कर ऐसा लगता है जैसे मुंबई के किनारे का सागर अपनी हिलोरे यहां पर मार रहा है। जलाशय में उठती हुई लहरें लोगों के मन में रोमांच पैदा कर देतीं हैं। इसकी खूबसूरती भी बहुत मनमोहक है। यहां की शाम और सुबह का दृश्य अपने आप में बड़ा ही मनमोहक होता है। जलाशय में कलरव करते हुए साईवेरियन पक्षी और धूप सेकते हुए मगरमच्छ अपने आप ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं।कई प्रान्तों की संस्कृति भी मौजूद
यहां हमें केरल,उड़ीसा , असम और पश्चिम बंगाल की संस्कृति के शारदा सागर जलाशय और शारदा नदी के बीच में बसी बंगाली बाहुल्य कालोनियों में हमें दर्शन होते हैं। यहां बने हुए खूबसूरत घर सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। इतना ही नहीं पूर्वांचल की भोजपुरी संस्कृति के भी दर्शन होते हैं।
गौरी शंकर मंदिर
लगभग 252 वर्ष पूर्व देवहा और खकरा नदी के पास स्थापित गौरी शंकर मंदिर अत्यंत ही प्राचीन मंदिर है।
वर्ष 1770 में मंदिर का भव्य मुख्य द्वार मुगलिया और राजपूत शैली में बनाया गया था।
राजा वेणु का किला
पौराणिक और ऐतिहासिक भव्यता को अपने आपने समाहित किए हुए धर्म शास्त्रों में वर्णित माधोटांडा क्षेत्र के शहागढ़ रेलवे स्टेशन के नजदीक राजा वेणु का किला था जिस के खंडहर के अवशेष आज भी अपने वैभव की कहानी कहते हुए नजर आ रहे हैं। माती माफी में भी राजा वेणु का महल व देवी मंदिर स्थापित है। अद्भुत शिवलिंग वाला इकोत्तरनाथ शिव मंदिर
पूरनपुर तहसील क्षेत्र के जंगल में स्थापित एकोहत्तहरनाथ का मंदिर अपने आप में अद्भुत है। यहां पर स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। यह मंदिर गोमती के तट पर स्थापित है। इस मंदिर के तीन ओर जंगल और एक और नदी का तट है। मान्यता है कि देवराज इंद्र ने श्राप मुक्ति हेतु खुद इस शिवलिंग की स्थापना की थी और वे प्रतिदिन यहां पूजा करने भी आते हैं।
पर्यटक इनके भी कर सकते दीदार
शाही जामा मस्जिद , इलाबांस, गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा छेवी पातशाही, राधा रमण मंदिर, श्री ठाकुरद्वारा मंदिर ,माता बराही देवी मंदिर एवं सेल्हा बाबा सहित अन्य धार्मिक , रमणीक एवं ऐतिहासिक स्थल है जिनका का पर्यटक दीदार कर आनंद उठा सकते हैं।
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