पंजाबी सिंगर और सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ को मिली खालिस्तानी समर्थकों से धमकी, ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, ऑकलैंड शो पर साजिश की चेतावनी मिली।
पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ अपनी एयूआरए वर्ल्ड टूर के दौरान खालिस्तानी समर्थकों की निशाने पर आ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में उनके हालिया कॉन्सर्ट के दौरान
पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ अपनी एयूआरए वर्ल्ड टूर के दौरान खालिस्तानी समर्थकों की निशाने पर आ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में उनके हालिया कॉन्सर्ट के दौरान कुछ लोगों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाकर माहौल खराब करने की कोशिश की। अमेरिका स्थित खालिस्तानी कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद यह घटना हुई। पन्नू के नेतृत्व वाले प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने ऑकलैंड, न्यूजीलैंड में 13 नवंबर को होने वाले दिलजीत के अगले शो को बाधित करने की चेतावनी दी है। दिलजीत ने इन धमकियों पर चुप्पी साध रखी है और प्यार व शांति का संदेश देते हुए टूर जारी रखा है।
यह विवाद हाल ही में एक टीवी शो के प्रमो वीडियो से शुरू हुआ। दिलजीत दोसांझ हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति सीजन 17 में मेहमान बने थे। वहां उन्होंने मेजबान अमिताभ बच्चन के चरण स्पर्श कर पारंपरिक सम्मान दिखाया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। खालिस्तानी समर्थकों ने इसे 1984 के सिख विरोधी दंगों से जोड़ लिया। उनके अनुसार, अमिताभ बच्चन ने 31 अक्टूबर 1984 को दिल्ली में खून का बदला खून से लेने का नारा दिया था, जिससे हिंसा भड़की। एसएफजे ने दावा किया कि बच्चन के इस बयान से 30 हजार से अधिक सिख मारे गए। संगठन ने कहा कि दिलजीत का चरण स्पर्श 1984 के पीड़ितों का अपमान है।
29 अक्टूबर को गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, बच्चन के चरण स्पर्श कर दिलजीत ने हर पीड़ित, विधवा और अनाथ का अपमान किया है। पन्नू ने एसएफजे के नाम से बयान दिया कि दिलजीत का 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में होने वाला कॉन्सर्ट सिख नरसंहार स्मृति दिवस पर हो रहा है। अकाल तख्त के निर्देश के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह शो स्मृति का मजाक उड़ाएगा। पन्नू ने सिख समुदाय से कॉन्सर्ट का बहिष्कार करने और बाधित करने की अपील की। भारत सरकार ने एसएफजे को 2019 में प्रतिबंधित घोषित किया है। पन्नू पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी कई मामलों में आरोपी है।
1 नवंबर को पर्थ के आरएसी एरीना में दिलजीत का कॉन्सर्ट हुआ। हजारों प्रशंसक जुटे थे। शो के दौरान कुछ लोग खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एसएफजे ने इसे अपनी सफलता बताया। उनके अनुसार, यह प्रो-खालिस्तान कार्यकर्ताओं का विरोध था। दिलजीत ने स्टेज पर इसे नजरअंदाज किया। वह गाने गाते रहे। उनके प्रशंसकों ने तालियों से समर्थन दिया। कॉन्सर्ट सफल रहा, लेकिन नारों ने विवाद बढ़ा दिया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पर्थ में नारे लगाने वाले कुछ लोग एसएफजे से जुड़े थे।
अब नजरें न्यूजीलैंड के ऑकलैंड पर हैं। 13 नवंबर को स्पार्क एरीना में दिलजीत का शो है। पन्नू ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर समर्थकों को सक्रिय करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऑकलैंड शो को किसी भी हाल में नहीं होने देंगे। एसएफजे ने दावा किया कि सिख समुदाय के कलाकारों को भी बहिष्कार करना चाहिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, खालिस्तानी गुटों ने ऑकलैंड में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। न्यूजीलैंड पुलिस को अलर्ट किया गया है। स्थानीय प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर रहा है। दिलजीत के मैनेजमेंट ने कहा कि शो तय समय पर होगा।
दिलजीत दोसांझ ने धमकियों पर सीधा जवाब नहीं दिया। 30 अक्टूबर को इंस्टाग्राम पर उन्होंने पोस्ट किया, मैं इसी धरती से जन्मा हूं, यहीं मरूंगा। हमेशा प्यार फैलाऊंगा। उनके प्रशंसक उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं। कई सितारे जैसे करण जौहर और अनुष्का शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि दिलजीत एकता का प्रतीक हैं। पंजाबी समुदाय के ज्यादातर लोग उनके साथ हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग लव फॉर दिलजीत ट्रेंड कर रहा है। कुछ यूजर्स ने कहा कि खालिस्तानी गुट अल्पसंख्यक हैं, ज्यादातर सिख शांति चाहते हैं।
यह पहली बार नहीं है जब दिलजीत को ऐसी धमकियां मिलीं। 2020 में कनाडा टूर के दौरान भी खालिस्तानी समूहों ने विरोध किया था। उन्होंने दिलजीत पर भारत सरकार का समर्थन करने का आरोप लगाया। दिलजीत ने हमेशा तटस्थ रुख अपनाया। वे कहते हैं कि संगीत सीमाओं से परे है। उनकी एयूआरए टूर 2025 की शुरुआत अमेरिका से हुई। फिर यूरोप, एशिया और अब ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड। टूर में 50 से अधिक शो हैं। टिकटें सेकंड्स में बिक जाती हैं। दिलजीत की लोकप्रियता वैश्विक है। वे बॉलीवुड में भी सफल हैं। फिल्म जॉली एलएलबी2 और अमर सिंह चैंपियन से नाम कमाया।
खालिस्तान आंदोलन का इतिहास जटिल है। 1980 के दशक में पंजाब में अलगाववादी आंदोलन चला। 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार और इंदिरा गांधी हत्याकांड के बाद दंगे हुए। हजारों सिख मारे गए। एसएफजे खालिस्तान रेफरेंडम के लिए काम करता है। पन्नू अमेरिका में रहते हैं। भारत ने उन्हें आतंकी घोषित किया। कनाडा और ब्रिटेन में भी उनके समर्थक सक्रिय हैं। ऐसे संगठन कलाकारों को निशाना बनाते हैं जो उनके विचारों से सहमत न हों। दिलजीत पर आरोप है कि वे सिख पहचान को कमजोर कर रहे हैं। लेकिन दिलजीत ने कहा, मैं सिख हूं, लेकिन नफरत नहीं फैलाता।
ऑकलैंड शो को लेकर चिंता बढ़ रही है। न्यूजीलैंड में सिख समुदाय बड़ा है। ज्यादातर शांतिप्रिय हैं। लेकिन कुछ चरमपंथी तत्व सक्रिय हो सकते हैं। स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया कि पुलिस अतिरिक्त फोर्स तैनात कर रही है। एसएफजे के वीडियो में पन्नू ने कहा, हम शो को बंद कर देंगे। सोशल मीडिया पर उनके समर्थक वीडियो शेयर कर रहे हैं। एक वीडियो में पर्थ कॉन्सर्ट के नारे दिखाए गए। दिलजीत के प्रशंसक कहते हैं कि यह प्रचार पाने की कोशिश है। टूर आयोजक ने कहा कि सुरक्षा प्रोटोकॉल फॉलो किए जा रहे हैं।
दिलजीत की यात्रा प्रेरणादायक है। पंजाब के दोसांझ गांव से निकलकर वे वैश्विक स्टार बने। उनके गाने जैसे गोल्डन और नाच में पॉजिटिव मैसेज हैं। वे युवाओं को ड्रग्स से दूर रहने की सलाह देते हैं। बॉलीवुड में उन्होंने जट्ट एंड जूलियट जैसी फिल्मों से पहचान बनाई। अब हॉलीवुड में भी कदम रखा। धमकियों के बावजूद वे हार नहीं मान रहे। उनके इंस्टाग्राम पर 60 मिलियन फॉलोअर्स हैं। वे पोस्ट करते हैं, लव एंड पीस। प्रशंसक कहते हैं, दिलजीत का संगीत नफरत पर जीत हासिल करेगा।
यह घटना सिख समुदाय में विभाजन दिखाती है। ज्यादातर सिख एकता चाहते हैं। खालिस्तानी गुटों को मुख्यधारा से समर्थन कम है। भारत सरकार ने विदेश मंत्रालय के जरिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से सुरक्षा की मांग की। एनआईए पन्नू पर नजर रख रही है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे हमले सेलिब्रिटीज को डराने के लिए हैं। लेकिन दिलजीत जैसे कलाकार मजबूत हैं। टूर का अगला पड़ाव मेलबर्न है। वहां भी सतर्कता बरती जा रही।
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