Saharanpur News: तालीम हर इंसान को जीने का सलीखा सिखाती है : मौलाना मुफ़्ती सुआलेह
मदरसे के विभिन्न कक्षाओं के छात्रों ने दीनी स्पीच कॉम्पीटिशन में भाग लिया। इस दौरान हज़रत मौलाना मुफ़्ती सय्यद मोहम्मद सुआलेह नायब नाज़िम मदरसा मज़ाहिर उलूम ने कहा की हमारे और आपके लिए तालीम एक वरदान ...

मदरसा हो या स्कूल अपने बच्चों को शिक्षा ज़रूर दिलाये: मौलाना सय्यद यासर
By INA News Saharanpur.
सहारनपुर: तालीम इंसान को इंसान बनाती है। जीने का सलीका सिखाती है, रहने का ढंग बताती है तालीम हासिल करोगे तो स्वावलंबी बनोगे। यही आवाम के लिए और इस वतन के लिए जरूरी है। उक्त विचार अंजुमन-ए -बज़्म ज़िक्रिया के तत्वाधान में गुरुवार को हाजी शाह कमाल, लाल दास का बाड़ा स्तिथ मदरसा तुश शेख़ मोहम्मद ज़िक्रिया में 10 वॉ सलाना स्पीच कॉम्पीटिशन का आयोजन हज़रत मौलाना मोहम्मद यासर नाज़िम मदरसा मज़ाहिर उलूम जदीद की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान मदरसे के विभिन्न कक्षाओं के छात्रों ने दीनी स्पीच कॉम्पीटिशन में भाग लिया। इस दौरान हज़रत मौलाना मुफ़्ती सय्यद मोहम्मद सुआलेह नायब नाज़िम मदरसा मज़ाहिर उलूम ने कहा की हमारे और आपके लिए तालीम एक वरदान है।
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मुसलमान अपने बच्चों को दीन की तालीम दिलाने में पिछड़ रहा है। मुस्लिमों को चाहिए कि अपने बच्चों को दुनियावी तालीम के साथ-साथ कुरआन और हदीस की शिक्षा भी दिलाए। आज इस दौर में मदरसों में दीन के साथ दुनियावी तालीम दिलाई जा रही है, जिससे बच्चा दीन के साथ-साथ अपने भविष्य को भी अच्छा बना सके। इस दौरान हज़रत मौलाना मोहम्मद यासर ने मदरसे में कुरआन हाफिज़ करने वाले बच्चों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि कहा कि मुस्लिम समुदाय को अपनी लड़कियों को पढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
एक लड़की ही पढ़ लिख कर दो घर रोशन करके समाज व अपने परिवार वालों का सम्मान बढ़ाती है।कुरआन हाफिज़ होने वाले बच्चे अपने मां-बाप को जन्नत में ले जाने का जरिया बनेंगे। मुसलमान अपने बच्चों को कुरआन हाफिज़ बनाए, ताकि दुनिया के साथ-साथ दीन को भी बढ़ावा मिल सके,10 वॉ सलाना दीनी स्पीच कॉम्पीटिशन में मौ० उवैस प्रथम, अबू आमिर दित्तीय व हुज़ैफ नवेद सिद्दीकी ने तृतीय पॉज़िशन लाकर अपने माँ-बाप नाम रोशन किया। प्रोग्राम में अतिथियों ने मदरसे के सभी बच्चों को पुरुस्कार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान मदरसा संरक्षक कारी अब्दुस सुभहान, कारी एजाज़, स्पीच उस्ताद मुफ्ती मुशर्रफ, मुफ्ती निहाल, मौलवी कुर्बान, ने सभी अतिथियों का आभार जताया।
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