Sambhal : AIMIM के जिलाध्यक्ष का बड़ा बयान- यूपी में AIMIM व BSP का हो सकता है गठबंधन
असद अब्दुल्ला ने कहा कि पिछली बार भी एक बहादुर नेता ने इन मुद्दों को मजबूती से उठाया था और पाँच विधायक जीते थे, लेकिन चार विधायक बाद में दूसरी तरफ
- बीजेपी से नहीं ओवैसी से लड़ी कांग्रेस, सीमांचल ने दिखा दी औकात: असद अब्दुल्ला
- यति नरसिंहानंद फर्जी बाबा, समाज में जहर घोल रहा है: जिलाध्यक्ष
Report : उवैस दानिश, सम्भल
मजलिस इत्तहादुल मुस्लिमीन के जिला अध्यक्ष असद अब्दुल्ला ने बिहार चुनाव और वर्ष 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि इत्तहादुल मुस्लिमीन ने बिहार चुनाव में 20–25 प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से पाँच उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि सीमांचल की जनता का वह दिल से शुक्रिया अदा करते हैं, क्योंकि वहाँ की हालत बेहद पिछड़ी है—बेरोज़गारी, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, सड़कें और बिजली जैसे मुद्दे आज भी वहीं के सबसे बड़े सवाल हैं।
असद अब्दुल्ला ने कहा कि पिछली बार भी एक बहादुर नेता ने इन मुद्दों को मजबूती से उठाया था और पाँच विधायक जीते थे, लेकिन चार विधायक बाद में दूसरी तरफ चले गए। उन्होंने कहा कि कुछ सीटों पर महज़ 400, 2000 और 4000 वोटों से मजलिस के उम्मीदवार हारे, जबकि कांग्रेस वहाँ वोट कटवा पार्टी साबित हुई।
उन्होंने 2027 के यूपी चुनाव को लेकर कहा कि यदि महागठबंधन या कोई भी गठबंधन बने, तो उसमें मजलिस इत्तहादुल मुस्लिमीन को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि फासीवादी ताकतों को हराया जा सके। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में जिस सीट से बसपा जीती, वहाँ ओवैसी ने उम्मीदवार नहीं उतारा था, इसलिए यूपी में बसपा–एआईएमआईएम गठबंधन बनने की पूरी संभावना है। सूत्रों के हवाले से उन्होंने कहा कि यूपी में नया गठजोड़ देखने को मिल सकता है।
- यति नरसिंहानंद के बयान पर कड़ा हमला
मुस्लिम डॉक्टर से इलाज न कराने वाले यति नरसिंहानंद के विवादित बयान पर जिला अध्यक्ष असद अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यति नरसिंहानंद एक फर्जी बाबा है, जिसका काम सिर्फ भड़काऊ भाषण देना है। सेकुलर हिंदू भी उसे गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने मांग की कि ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि वे समाज के सौहार्द को बिगाड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा, सरकार को चाहिए कि ऐसे फर्जी बाबा को सलाखों के पीछे भेजे, क्योंकि यह हिंदू–मुस्लिम भाईचारे को तोड़ने की कोशिश करता है।
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