Sambhal : मदरसों के शिक्षकों को मिलेगा कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ, मुख्यमंत्री योगी के फैसले का शिक्षकों ने किया स्वागत
इस फैसले को लेकर मदरसा शिक्षकों में खुशी की लहर है। सम्भल के मदरसा जिया उल उलूम के मौलाना कारी रशीद ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि
Report : उवैस दानिश, सम्भल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के तहत अब प्रदेश के मदरसों के शिक्षकों और कर्मचारियों को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलेगा। पहले यह योजना केवल बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग तक सीमित थी, लेकिन अब सरकार ने इसका दायरा बढ़ाते हुए समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण और श्रम विभाग को भी इसमें शामिल कर लिया है। इसके चलते मदरसा, अटल और सर्वोदय विद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। हाल ही में माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से संबंधित विभागों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है।
इस फैसले को लेकर मदरसा शिक्षकों में खुशी की लहर है। सम्भल के मदरसा जिया उल उलूम के मौलाना कारी रशीद ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों के शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देकर एक बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मदरसों के लिए इस तरह के बेहतर कदम उठाना बेहद सराहनीय है।
वहीं, जिया उल उलूम के ही शिक्षक अबरार ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह ऐतिहासिक फैसला मदरसा शिक्षकों के हित में है। उन्होंने कहा कि सरकार इस फैसले के लिए बधाई की पात्र है, क्योंकि इससे न केवल शिक्षकों को फायदा होगा बल्कि उनके परिवारों को भी राहत मिलेगी।
मदरसा हमीदिया अशरफिया के मौलाना मोहम्मद अशरफ आलम ने कहा कि यह फैसला लंबे समय से शिक्षकों की मांग थी। उन्होंने कहा, “हम यह पहले से सोचते थे कि यदि हमें भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा मिले तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी राहत होगी। अब मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाकर हमारी परेशानी दूर कर दी है।”
इसी मदरसे के शिक्षक मौलाना नूर आलम ने कहा कि यह फैसला शिक्षकों और मदरसों के हित में है और इसे बहुत पहले लागू होना चाहिए था। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम मदरसा शिक्षकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा।
सरकार के इस फैसले से अब मदरसा शिक्षक व कर्मचारी बिना किसी आर्थिक बोझ के गंभीर बीमारियों और चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस पहल से मदरसों में कार्यरत शिक्षकों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। शिक्षकों का मानना है कि इससे शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी और मदरसों के विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
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