Sambhal : सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का बड़ा बयान- सम्भल पर फिल्म बनाने के ऐलान पर बोले – 'धर्म के नाम पर देश को बांटने वाली मूवी बर्दाश्त नहीं'

हाल ही में उदयपुर फाइल्स के निर्माता अमित जोनी सम्भल पहुंचे थे और यहां की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म बनाने का ऐलान किया था। इस घोषणा के बाद राजनीतिक हलच

Sep 22, 2025 - 14:36
 0  142
Sambhal : सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का बड़ा बयान- सम्भल पर फिल्म बनाने के ऐलान पर बोले – 'धर्म के नाम पर देश को बांटने वाली मूवी बर्दाश्त नहीं'
जियाउर्रहमान बर्क, सपा सांसद सम्भल

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सम्भल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने उदयपुर फाइल्स के निर्माता अमित जोनी द्वारा सम्भल में फिल्म बनाने के ऐलान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अपने आवास दीपा सराय पर आयोजित प्रेस वार्ता में सांसद बर्क ने कहा कि फिल्मों का असली मकसद समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देना होना चाहिए, लेकिन अगर उनका उपयोग राजनीति और धर्म के नाम पर समाज को बांटने के लिए किया जाएगा तो यह देशहित में नहीं है।

हाल ही में उदयपुर फाइल्स के निर्माता अमित जोनी सम्भल पहुंचे थे और यहां की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म बनाने का ऐलान किया था। इस घोषणा के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी को लेकर सांसद बर्क ने कहा कि हमें अफसोस है कि आजकल फिल्में समाज को जोड़ने की बजाय तोड़ने का काम कर रही हैं। पहले फिल्में मनोरंजन और सामाजिक सोच को मजबूत करने के लिए बनाई जाती थीं, लेकिन अब राजनीति और धर्म ने फिल्मों में घुसपैठ कर ली है। उदयपुर फाइल्स जैसी फिल्मों का उद्देश्य सिर्फ नफरत फैलाना और लोगों को बांटना है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

सांसद बर्क ने सेंसर बोर्ड और सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि पहले की सरकारें और सेंसर बोर्ड ऐसे मामलों में सख्ती दिखाते तो आज ऐसी फिल्में बनाने की हिम्मत कोई नहीं करता। आगे कहा कि मैंने पहले भी मांग की थी कि जो फिल्में समाज में वैमनस्य और नफरत फैलाने का काम करती हैं, उन्हें रिलीज होने से पहले ही सेंसर बोर्ड द्वारा रोक दिया जाना चाहिए। लेकिन अफसोस की बात है कि सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रहा।

यदि ऐसी फिल्मों को पहले ही बैन कर दिया गया होता, तो आज यह स्थिति नहीं बनती। जब उनसे सेंसर बोर्ड पर भरोसे को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पुलिस, प्रशासन, सरकार और सेंसर बोर्ड पर भरोसा करना कठिन हो गया है। आज के समय में हमें न्यायपालिका पर ही भरोसा है। कई बार हमें न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।

न्यायपालिका को खुद संज्ञान लेकर ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ता है और देशहित में फैसले देने पड़ते है। जब भी कोई फिल्म या कदम समाज को बांटने का काम करे, उसे तुरंत रोका जाना चाहिए। सांसद बर्क ने स्पष्ट किया कि उन्हें फिल्मों से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका उद्देश्य हमेशा देश को जोड़ने का होना चाहिए। फिल्म बनाओ, किसने रोका है। लेकिन वह फिल्म समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देने वाली होनी चाहिए। जो फिल्म समाज को बांटने का काम करेगी, उसका इस देश में कभी भला नहीं होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी फिल्मों से समाज में गलतफहमियां पैदा होती हैं, जिससे नफरत और हिंसा को बढ़ावा मिलता है। सांसद ने कहा कि ऐसी फिल्मों के निर्माण और प्रदर्शन पर रोक लगाए जो लोगों को धर्म और जाति के नाम पर विभाजित करती हैं। गौरतलब है कि सम्भल पर आधारित फिल्म बनाने की घोषणा के बाद से ही यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। सांसद बर्क का यह बयान न केवल स्थानीय राजनीति को गर्माने वाला है, बल्कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर विवाद और तेज होने की संभावना है।

Also Click : Lucknow : लखनऊ में सड़कों और नालियों के लिए 200 करोड़ स्वीकृत, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव हटाए गए

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow