Politics: संजीव अरोड़ा का राज्यसभा से इस्तीफा, लुधियाना वेस्ट उपचुनाव जीत के बाद AAP को मिल सकते हैं नए रास्ते।
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पंजाब से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने 1 जुलाई 2025 को अपनी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया...
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पंजाब से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने 1 जुलाई 2025 को अपनी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। यह कदम उनके द्वारा हाल ही में लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद उठाया गया। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने उनके इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 101(3)(बी) के अनुरूप था। अरोड़ा ने 10,637 वोटों के अंतर से कांग्रेस के उम्मीदवार भारत भूषण आशु को हराकर लुधियाना वेस्ट सीट पर कब्जा जमाया। इस जीत ने AAP को पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर दिया, जबकि अरोड़ा के इस्तीफे ने पार्टी के लिए राज्यसभा में नया उम्मीदवार चुनने का रास्ता खोल दिया।
- संजीव अरोड़ा: एक उद्योगपति से राजनेता तक
61 वर्षीय संजीव अरोड़ा लुधियाना के एक प्रसिद्ध उद्योगपति और परोपकारी हैं, जिन्होंने 10 अप्रैल 2022 को AAP के टिकट पर राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली थी। वह बिना किसी विरोध के निर्वाचित हुए थे, क्योंकि उनके खिलाफ कोई अन्य उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया था। अरोड़ा ने तीन दशकों से अधिक समय तक रितेश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के तहत निर्यात उद्योग में काम किया, मुख्य रूप से अमेरिका को निर्यात करते हुए। 2006 में उन्होंने रियल एस्टेट में कदम रखा और अपनी कंपनी का नाम बदलकर रितेश प्रॉपर्टीज एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RPIL) कर लिया। इसके तहत उन्होंने लुधियाना-चंडीगढ़ रोड पर 'हैम्पटन बिजनेस पार्क' और 'हैम्पटन होम्स' जैसे प्रोजेक्ट विकसित किए, जो कई उद्योगों के लिए केंद्र बने। 2018 में उन्होंने फेमेला फैशन्स लिमिटेड की स्थापना की, जो महिलाओं के परिधानों का ब्रांड 'फेमेला' ऑनलाइन बेचता है। 2019 में उन्होंने टेनेरॉन लिमिटेड के माध्यम से गैर-लौह धातु व्यवसाय में प्रवेश किया, जो 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत सुजुकी मोटर्स के साथ सहयोग करता है।
राजनीति में प्रवेश से पहले, अरोड़ा सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे। उन्होंने अपने माता-पिता की याद में 'कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट' की स्थापना की, जो 15 वर्षों में 160 से अधिक कैंसर रोगियों को मुफ्त इलाज प्रदान कर चुका है। वह दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, लुधियाना के उपाध्यक्ष हैं और पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के शीर्ष परिषद के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। उनकी सामाजिक सेवा के लिए 2022 में उन्हें 'सन ऑफ लुधियाना' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- लुधियाना वेस्ट उपचुनाव: AAP की जीत
लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट जनवरी 2025 में AAP के तत्कालीन विधायक गुरप्रीत बसी गोगी के निधन के बाद रिक्त हुई थी। AAP ने इस उपचुनाव के लिए फरवरी 2025 में संजीव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित किया। 19 जून 2025 को हुए उपचुनाव में अरोड़ा ने 35,179 वोट हासिल कर कांग्रेस के भारत भूषण आशु (24,542 वोट) को 10,637 वोटों के अंतर से हराया। BJP के जीवान गुप्ता 20,323 वोटों के साथ तीसरे और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के परुपकार सिंह घुम्मन 8,203 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे। इस जीत ने AAP को लुधियाना वेस्ट सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने में मदद की।
अरोड़ा की जीत के बाद, 28 जून 2025 को पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने चंडीगढ़ में उन्हें विधायक के रूप में शपथ दिलाई। इस अवसर पर पंजाब AAP के प्रभारी मनीष सिसोदिया, राज्य इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और विधायक बुद्ध राम उपस्थित थे। अमन अरोड़ा ने संजीव को एक "ईमानदार व्यक्ति" बताते हुए उनकी जीत को AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की नीतियों पर जनता के भरोसे का प्रतीक बताया।
- राज्यसभा से इस्तीफा
संजीव अरोड़ा ने अपनी विधायक पद की शपथ लेने के बाद 1 जुलाई 2025 को नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा। संविधान के अनुच्छेद 101(3)(बी) के तहत, कोई व्यक्ति संसद और राज्य विधानसभा में एक साथ सदस्य नहीं रह सकता। उपचुनाव परिणाम की गजट अधिसूचना 24 जून 2025 को जारी होने के बाद अरोड़ा के पास 14 दिन का समय था, जिसमें उन्हें एक पद छोड़ना था। धनखड़ ने उनके इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया।
अरोड़ा ने अपने इस्तीफा पत्र में कहा, “राज्यसभा के सदस्य के रूप में सेवा करना और राष्ट्रीय स्तर पर विधायी प्रक्रिया में योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात रही। मैं पंजाब के लोगों, सहयोगी सांसदों और सभापति का उनके समर्थन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं।” उन्होंने अपने लगभग तीन साल के कार्यकाल में 80% उपस्थिति दर्ज की, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर थी, और 82 बहसों में हिस्सा लिया, जो राष्ट्रीय (79.8) और राज्य (44.6) औसत से अधिक था। उन्होंने हलवारा हवाई अड्डा परियोजना, लुधियाना में ESI अस्पताल के उन्नयन और औद्योगिक केंद्रों के लिए नई सड़कों जैसे मुद्दों को उठाया।
- अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सीट की अटकलें
अरोड़ा की जीत और उनके इस्तीफे ने AAP के लिए पंजाब से राज्यसभा की एक सीट खाली कर दी। इसने अटकलों को जन्म दिया कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस सीट पर नामांकन कर सकते हैं, खासकर 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में उनकी हार के बाद। हालांकि, केजरीवाल ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “मैं राज्यसभा नहीं जा रहा। पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) इस पर फैसला लेगी।” AAP के पास पंजाब से सात राज्यसभा सांसद हैं, और पार्टी जल्द ही नया उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
लुधियाना वेस्ट में अरोड़ा की जीत को AAP के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। पार्टी ने इस जीत को पंजाब में भगवंत मान सरकार के कामकाज और केजरीवाल की नीतियों पर जनता के विश्वास के रूप में देखा। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “यह जीत हमारी नीतियों, सरकार के काम और पार्टी की एकता की जीत है।” अरोड़ा को पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किए जाने की संभावना है, जैसा कि केजरीवाल और मान ने प्रचार के दौरान संकेत दिया था। संजीव अरोड़ा का राज्यसभा से इस्तीफा और लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में उनकी जीत AAP के लिए एक रणनीतिक कदम का हिस्सा है।
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