विद्यार्थी जीवन गीत - अधिक पढाई खेल कम, करता है जो नित्य.... ।
अधिक पढाई खेल कम, करता है जो नित्य। पास परीक्षा में हुये, करे अध्ययन कृत्य ।

गीता सागर, इन्दरपुर
विद्यार्थी जीवन
अधिक पढाई खेल कम, करता है जो नित्य।
पास परीक्षा में हुये, करे अध्ययन कृत्य ।।
रहन -बसन हो सादगी, जैसे संत सुजान।
मीठी वाणी बोल के, देना सबको मान।।
बना समय का सारणी ,पालन करना रोज।
तुझमें क्या -क्या है कमी, मंथन करके खोज।।
संगति ऐसी कीजिये, मिले ज्ञान सम्मान।
फिर समाज में आपका, हुये नेक पहचान।।
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धन दौलत से श्रेष्ठ है, विद्या धन को मान।
हो विदेश या देश में, मिले सदा सम्मान।।
है कठोर तप अध्ययन ,चुटकी में मत टाल।
करें पढ़ाई ध्यान से , अल्प लगेगी काल।।
गीता कवयित्री कहे, पढ़ने को मत छोड़।
आये बाधा राह में, साहस करके तोड़।।
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