MP News: वन विकास निगम के एसडीओ और डीएम का नया कारनामा जैसे ही पता चला आने वाले है आरजीएम, आनन फानन में किया डिप्टी को सस्पेंड।
नही लगी आरजीएम के आने की विभाग के कर्मचारियों को भनक पूंजी रेंज के भी साक्ष्य मिटाने में लगे है एसडीओ, एमडी ने रेंजर को किया सस्पेंड: सूत्र

रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के बैतूल में वन विकास निगम के जंगलों का जिस तरह सफाया हो रहा है आने वाले समय मे अमजन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा और विभागीय जिम्मेदार कार्यवाही के नाम पर शिवाय लीपापोती के कोई काम नही कर रहे है वहीं पत्रकारों के शिकायत करने और खबरें प्रकाशित करने पर जनसंपर्क अधिकारी से झूठी शिकायत करने से भी बज नही आते ताजा मामला वन विकास निगम की रामपुर भतोड़ीं परियोजना मण्डल से सामने आया जहाँ चोपना रेंज की हीरा पल्ला और राजेगांव कि खबरें लगातार मीडिया द्वारा प्रकाशित करने पर भोपाल के अधिकारियों द्वारा संज्ञान लेकर निगम के आरजीएम को जांच के लिए बैतूल भेजा गया था सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि आरजीएम की आने की बात पता चलते ही एसडीओ और संभागीय प्रबंधक ने मिलकर डिप्टी को आनन फानन में सस्पेंड कर दिया।
यहाँ बता दें कि हमारे द्वारा लगातार चोपना और पूंजी रेंज को लेकर खबरें प्रकाशित की जा रही है पर एसडीओ मामलों में जांच करने की जगह अपना ट्रांसफर करवाने के जुगाड़ में लग गये है वहीं रेंजर शुक्ला द्वारा पूंजी और चोपना परिक्षेत्र में कुछ पीओआर तो किये है पर उनकी कोई भी जानकारी या दस्तावेज कार्यालय में जमा नही किये गए पीओआर रजिस्टर और पीओआर कि कॉपी खुद रेंजर के पास है जो कि सरकारी दस्तावेजों को पास में रखना एक कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है।
जिसमें सम्बंधित रेंजर पर तो विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए पर एसडीओ के संरक्षण में इतने बड़े भृष्टाचार के बाद भी कोई कार्यवाही एसडीओ और संभागीय प्रबंधक द्वारा न किया जाना एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है वही आरजीएम की जांच के बाद निगम के एमडी द्वारा रेंजर को सस्पेंड कर दिया है पर यहाँ संभागीय प्रबंधक और एसडीओ द्वारा आदेश को दबाए बैठे है जबकि इतने बड़े प्लांटेशन की अवैध कटाई एवं अतिक्रमण को लेकर निष्पक्ष जांच हो जाये तो रेंजर पर लाखों की राजस्व वसूली निकल सकती है।
अब देखना यह होगा कि कब तक एसडीओ और संभागीय प्रबंधक रेंजर को संरक्षण देकर शासकीय दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर लीपापोती करते रहेंगे और क्या निगम के एमडी को खुद इस भृष्टाचार की जांच करने बैतूल आना होगा ।
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