भारत बंद (Bharat Bandh) के समर्थन में ट्रेन रोकी, बिहार में मिला-जुला असर, जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर राजद छात्र शाखा का हंगामा। 

Bharat Bandh 2025: बिहार के जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की छात्र शाखा के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन 10 केंद्रीय ट्रेड....

Jul 9, 2025 - 13:08
Jul 9, 2025 - 16:18
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भारत बंद (Bharat Bandh) के समर्थन में ट्रेन रोकी, बिहार में मिला-जुला असर, जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर राजद छात्र शाखा का हंगामा। 
भारत बंद (Bharat Bandh) के समर्थन में ट्रेन रोकी

बिहार के जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की छात्र शाखा के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगी संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद (Bharat Bandh)’ के समर्थन में था। बंद का आह्वान केंद्र सरकार की नीतियों, खासकर विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर रेल पटरियों पर कब्जा कर लिया और पटना-गया मेमू पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। बिहार में इस बंद का मिला-जुला असर देखा गया, जिसमें सड़क और रेल यातायात आंशिक रूप से प्रभावित हुआ। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त जवानों की तैनाती की थी।

10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने आज देशव्यापी ‘भारत बंद (Bharat Bandh)’ का आह्वान किया था। इस बंद को राजद, कांग्रेस और वाम दलों जैसे विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त था। प्रदर्शन का मुख्य कारण केंद्र सरकार की नीतियों, खासकर विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य और श्रमिकों के अधिकारों पर कथित हमले के खिलाफ विरोध था। राजद का आरोप है कि यह पुनरीक्षण कार्य पारदर्शी नहीं है और इससे कई लोगों के वोटिंग अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा, ट्रेड यूनियनों ने श्रम कानूनों में बदलाव और निजीकरण की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताते हुए इनके खिलाफ आवाज उठाई।

जहानाबाद में राजद की छात्र शाखा ने इस बंद को सफल बनाने के लिए सुबह जल्दी ही रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं ने रेल पटरियों पर बैठकर ट्रेनों का आवागमन रोक दिया। पटना-गया रेलखंड पर चलने वाली मेमू पैसेंजर ट्रेन को रोकने के बाद यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और नीतियों को वापस लेने की मांग की।

भारत बंद (Bharat Bandh) का बिहार में मिला-जुला असर देखा गया। पटना, आरा, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और जहानाबाद जैसे जिलों में प्रदर्शन और सड़क जाम की खबरें सामने आईं। पटना में गांधी सेतु पर राजद कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर यातायात बाधित किया। आरा में भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन किया, जबकि वैशाली में राजद समर्थकों ने राम आशीष चौक पर सड़क जाम कर दी। हालांकि, आपातकालीन सेवाओं जैसे एंबुलेंस और दूध की गाड़ियों को प्रदर्शनकारियों ने नहीं रोका।

जहानाबाद में राजद की छात्र शाखा के प्रदर्शन का नेतृत्व स्थानीय नेताओं ने किया। कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताया। इस दौरान राजद विधायक सदय यादव भी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। प्रदर्शन के कारण रेल यातायात कुछ समय के लिए बाधित रहा, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया।

बंद को देखते हुए बिहार पुलिस ने पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पटना के रेल पुलिस अधीक्षक विकास बर्मन ने पटना जंक्शन, पाटलिपुत्र स्टेशन और अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की थी। जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर भी पुलिस बल मौजूद था, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने बताया कि बंद के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 500 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया था

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की अनुमति दी, लेकिन रेल और सड़क यातायात को लंबे समय तक बाधित करने की स्थिति में सख्ती बरतने की चेतावनी भी दी। जहानाबाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, और कुछ समय बाद ट्रेन को आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई।

बंद के कारण बिहार के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ। जहानाबाद में रेल यातायात बाधित होने से यात्रियों को परेशानी हुई। कई लोग समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। सड़कों पर जाम के कारण ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों और स्कूल-कॉलेज के छात्रों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उन्होंने आपातकालीन सेवाओं को प्रभावित नहीं किया। बाजारों में भी आंशिक असर देखा गया, जहां कुछ दुकानें बंद रहीं, जबकि चाय और सब्जी जैसी जरूरी चीजों की दुकानें खुली रहीं।

राजद ने इस बंद को केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एक बड़ा कदम बताया। पार्टी के नेताओं ने कहा कि विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य से गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के वोटिंग अधिकार छीने जा सकते हैं। राजद के जिला अध्यक्ष डॉ. त्रिवेणी यादव ने कहा, “यह बंद सरकार को यह बताने के लिए है कि जनता उनकी नीतियों से खुश नहीं है। हम श्रमिकों और आम लोगों के हक के लिए लड़ते रहेंगे।”

विपक्षी दलों ने भी इस बंद को समर्थन देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस और भाकपा-माले ने कहा कि सरकार की नीतियां कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा दे रही हैं, जबकि आम लोगों और श्रमिकों की अनदेखी हो रही है।

यह बंद बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है। राजद और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि मतदाता सूची में बदलाव और श्रमिक विरोधी नीतियों जैसे मुद्दे जनता के बीच असंतोष पैदा कर सकते हैं, जिसका फायदा विपक्ष को मिल सकता है। वहीं, सत्तारूढ़ दल इस बंद को विपक्ष की नाकाम कोशिश बता रहे हैं।

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