Mamata Banerjee ने लगाया बंगाली प्रवासियों को निशाना बनाने का आरोप, BJP शासित राज्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी।
Mamata Banerjee news: पश्चिम बंगाल (Bangal) की CM ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्यों पर बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों....
Mamata Banerjee news: पश्चिम बंगाल (Bangal) की CM ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्यों पर बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों को गलत तरीके से निशाना बनाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में बंगाली बोलने वाले भारतीय नागरिकों को अवैध बांग्लादेशी प्रवासी बताकर हिरासत में लिया जा रहा है और उन्हें बांग्लादेश भेजा जा रहा है। इस मुद्दे पर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह विवाद तब और गहरा गया, जब दिल्ली पुलिस ने एक बंगाली भाषी परिवार को अवैध बांग्लादेशी बताकर बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स को सौंप दिया। इस परिवार में एक बच्चा भी शामिल था। पश्चिम बंगाल (Bangal) सरकार ने त्वरित हस्तक्षेप कर इस परिवार को वापस लाने में सफलता हासिल की, लेकिन इस घटना ने देशभर में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसका मकसद बंगाली समुदाय को बदनाम करना और पश्चिम बंगाल (Bangal) की संस्कृति को कमजोर करना है।
यह मामला तब सामने आया जब दिल्ली के वसंत कुंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बंगाली भाषी परिवार को हिरासत में लिया। इस परिवार में फाजर मंडल, उनकी पत्नी तसलीमा मंडल और उनका बच्चा शामिल था। पुलिस ने दावा किया कि उनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे और उन्हें अवैध बांग्लादेशी प्रवासी मानकर बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स को सौंप दिया गया। फाजर मंडल ने बताया कि उन्हें केवल बंगाली बोलने के कारण निशाना बनाया गया। जब बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स ने उनके परिजनों से संपर्क किया, तब इस मामले की गंभीरता सामने आई। पश्चिम बंगाल (Bangal) सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप किया और बोंगांव पुलिस जिला के पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ समन्वय कर इस परिवार को 15 जून 2025 को भारत वापस लाया।
पश्चिम बंगाल (Bangal) माइग्रेट वेलफेयर बोर्ड के प्रमुख समीरुल इस्लाम ने कहा कि यह केवल एक घटना नहीं है। उनके मुताबिक, BJP शासित राज्यों जैसे राजस्थान, महाराष्ट्र, और असम में बंगाली भाषी मजदूरों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि इन राज्यों में बंगाली बोलने वालों को बिना जांच के अवैध प्रवासी बताकर हिरासत में लिया जा रहा है। समीरुल ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ऐसे अन्य मामलों की जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितने बंगाली भाषी नागरिकों को गलत तरीके से बांग्लादेश भेजा गया।
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने इस मुद्दे को पश्चिम बंगाल (Bangal) विधानसभा में जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा, “बंगाली बोलना अपराध नहीं है। हमारे पास वैध दस्तावेज वाले भारतीय नागरिकों को बांग्लादेशी बताकर परेशान किया जा रहा है। यह लोकतंत्र पर हमला है।” उन्होंने विशेष रूप से राजस्थान का जिक्र किया, जहां उत्तर दिनाजपुर के इटाहार से गए 300-400 बंगाली मजदूरों को भिवाड़ी शहर में अंबेडकर भवन में कथित रूप से बंधक बनाकर रखा गया। ममता ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की और पश्चिम बंगाल (Bangal) के मुख्य सचिव मनोज पंत को राजस्थान सरकार से बात करने का निर्देश दिया।
Mamata Banerjee statement ममता ने यह भी कहा कि 1971 के बाद बांग्लादेश से आए लोग भारतीय नागरिक हैं, और उन्हें निशाना बनाना गलत है। उन्होंने BJP पर आरोप लगाया कि वह बंगाली संस्कृति को कमजोर करने की साजिश रच रही है। ममता ने अपने बयान में कहा, “BJP को शर्म आनी चाहिए कि वह वैध दस्तावेज धारकों को भी बांग्लादेशी बता रही है। बंगाली के साथ-साथ गुजराती, मराठी, और हिंदी बोलने पर गर्व होना चाहिए।”
BJP ने ममता के आरोपों को खारिज करते हुए इसे सियासी नाटक बताया। पार्टी का कहना है कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, और इसमें किसी भारतीय नागरिक को निशाना नहीं बनाया जा रहा। BJP नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं और अवैध प्रवासियों को संरक्षण दे रही हैं। उन्होंने ममता पर आरोप लगाया कि वह बंगाल (Bangal) को “बांग्लादेश” बनाने की कोशिश कर रही हैं।
BJP ruled states controversy गुजरात और दिल्ली में हाल ही में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ चलाए गए अभियान का हवाला देते हुए BJP ने कहा कि यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है। गुजरात पुलिस ने 100 घंटे में 200 अवैध प्रवासियों को पकड़ा, जबकि दिल्ली में 17 लोगों को हिरासत में लिया गया। BJP का दावा है कि उनकी कार्रवाई केवल उन लोगों के खिलाफ है, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं।
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने ऐलान किया कि उनकी सरकार इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। टीएमसी सांसद ममता बाला ठाकुर ने सवाल उठाया कि मुंबई पुलिस ने एक बंगाली दंपती को बिना कानूनी प्रक्रिया के बांग्लादेश क्यों भेजा, जबकि उनके पास वैध दस्तावेज थे। उन्होंने कहा, “ऐसे मामलों में स्थानीय कोर्ट में पेश करना चाहिए था या पश्चिम बंगाल (Bangal) सरकार को सूचित करना चाहिए था।” पश्चिम बंगाल (Bangal) सरकार ने प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के जरिए ऐसे मामलों की जांच शुरू कर दी है और केंद्र सरकार व बीएसएफ के साथ समन्वय कर रही है।
यह विवाद केवल भाषा या नागरिकता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह 2026 के पश्चिम बंगाल (Bangal) विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का बंगाली अस्मिता और संस्कृति का मुद्दा उठाना उनकी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि वह स्थानीय वोटरों को एकजुट कर सकें। दूसरी ओर, BJP अवैध घुसपैठ के मुद्दे को उठाकर ममता पर तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है।
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गर्म है। कुछ यूजर्स ने ममता के समर्थन में लिखा कि बंगाली बोलने वालों को निशाना बनाना गलत है, जबकि अन्य ने BJP का समर्थन करते हुए कहा कि अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का बंगाली प्रवासियों को निशाना बनाने का आरोप और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी ने देश की सियासत में नया तनाव पैदा कर दिया है। दिल्ली में एक बंगाली परिवार को गलत तरीके से बांग्लादेश भेजने की घटना ने इस विवाद को और हवा दी।
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