Maharashtra News: महाप्रसाद खाने के बाद 350 लोग हुए बीमार, अस्पताल में हुई भर्ती।
महाराष्ट्र (Maharashtra) के कोल्हापुरी में बने एक मंदिर का महाप्रसाद थाना भक्तों को महंगा पड़ गया। यहां एक के बाद एक 300 से ज्यादा भक्त ...

महाराष्ट्र (Maharashtra) में एक मंदिर का प्रसाद खाने के बाद 350 लोग फूड प्वाइजन (food poison) का शिकार हो गए। जिसके बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज जारी है।
- महाप्रसाद खाने के बाद शुरू हुई उल्टी-दस्त
महाराष्ट्र (Maharashtra) के कोल्हापुरी में बने एक मंदिर का महाप्रसाद थाना भक्तों को महंगा पड़ गया। यहां एक के बाद एक 300 से ज्यादा भक्त फूड प्वाइजन (food poison) का शिकार हो गए और उसके बाद उन्हें अस्पताल में ले जाना पड़ा। बताते चलें कि तहसील शिरोल के शिवनाकवाड़ी में बने मंदिर पर बुधवार को कई भक्त पहुंचे थे। जहां भक्तों को महाप्रसाद बांटा गया। भक्तों ने महाप्रसाद लिया और उसके बाद खाया। कुछ देर बाद भक्तों को अचानक से उल्टी दस्त होने लगे और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद इचलकरंजी के इंदिरा गांधी सामान्य अस्पताल में बच्चों, महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों सहित ले जाया गया जहां पर पूरा बार्ड मरीजों से भर गया और उसके बाद उनका इलाज शुरू हुआ।
- मरीज का हाल-चाल जानने पूछे विधायक
शिवणाकवाडी गांव में महाप्रसाद खाने के बाद गांव के कई लोग, जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल थे, उलटी और दस्त की समस्या से जूझने लगे। देखते ही देखते पूरे गांव में बीमारी फैल गई। यह स्थिति गंभीर होने पर स्थानीय विधायक राजेंद्र पाटिल यद्रवकर और राहुल अवाडे ने मरीजों से मुलाकात की और अस्पताल प्रबंधन को उचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।
पूर्व विधायक उल्हास पाटिल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्रामीण अस्पताल और इचलकरंजी के इंदिरा गांधी सामान्य अस्पताल में तत्काल डॉक्टरों, नर्सों और दवाइयों की व्यवस्था की गई। इलाज में तेजी लाने के लिए मरीजों को उचित चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं। हालांकि, इस बात का अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है कि फूड पॉइजनिंग (food poison) आइसक्रीम, दूध या किसी अन्य खाद्य पदार्थ से हुई है।
कोल्हापुर विभाग के स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. दिलीप माने ने भी इस मामले में बयान दिया और कहा कि इलाके के अस्पतालों में तत्काल इलाज शुरू किया गया है और नागरिकों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
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