देवबंद न्यूज़: संशोधन वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए हानिकारक- मदनी
देवबंद। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मदनी कहा कि संसद में जो संशोधन प्रस्तुत किए गए हैं,वह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। इससे सरकारी एजेंसियों को अनावश्यक हस्तक्षेप का अवसर मिलेगा, जिससे वक्फ की मूल स्थिति और खुदा के स्वामित्व की अवधारणा का हनन होगा।
बृहस्पतिवार को जारी बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि वक्फ अधिनियम की धारा 40 को निरस्त करना और वक्फ ट्रिब्यूनल के बजाए जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व और कब्जे से संबंधित मुद्दों और विवादों को राजस्व कानूनों के अनुसार हल करने का अधिकार दिया जाना एक तरह से वक्फ बोर्ड को खत्म करने के समान है। उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक बात यह है कि जब किसी भूमि पर सरकार का कब्जा हो, तो उसके स्वामित्व का निर्णय भी कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। ऐसी स्थिति में न्याय करने वाला और वादी दोनों सरकार ही होंगे। कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ सांप्रदायिक तत्वों ने वक्फ अधिनियम को रद्द करने का जो अभियान शुरु किया था, वर्तमान सरकार उन लोगों के नापाक विचारों से प्रभावित है।
इसे भी पढ़ें:- हापुड़ न्यूज़: सुनार से लूट का खुलासा छह आरोपी गिरफ्तार।
मौलाना मदनी ने कहा कि इस तरह का कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए निर्देशों और भारत के संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है।उन्होंने लिमिटेशन एक्ट-1963 से वक्फ संपत्तियों को प्राप्त संरक्षण के समाप्त करने, वक्फ बाई यूजर और वक्फ अलल-औलाद को समाप्त करने के प्रस्ताव को भी दुर्भावनापूर्ण बताया।मौलाना मदनी ने सरकार से अपील की है कि वह प्रस्तावित संशोधनों को वापस ले और धार्मिक नेताओं और वक्फ प्रबंधन की संस्थाओं सहित सभी हितधारकों के साथ परामर्श करे।कहा कि वक्फ संपत्तियों पर ईश्वर का स्वामित्व है,इन्हें किसी सरकार या शासन के अधीन अथवा कब्जे में नहीं लाया जा सकता।
What's Your Reaction?